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छपरा: रेलवे के निजीकरण के विरोध में रेल कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन - रेलवे कर्मचारी ने किया प्रदर्शन

जिले में रेलवे कर्मचारियों ने रेलवे निजीकरण के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया है. इसके साथ ही छपरा सहित देश भर में रेल कर्मियों और यूनियनों ने 14 से 20 सितंबर तक विरोध सप्ताह मनाने का ऐलान किया है.

railway employees protest against privatization of railways
कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन
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Published : Sep 15, 2020, 12:32 PM IST

Updated : Sep 15, 2020, 1:55 PM IST

छपरा: भारतीय रेलवे में निजीकरण के विरोध में रेल कर्मचारी और रेलवे की तमाम यूनियनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसके साथ ही रेलवे के निजीकरण को लेकर कर्मचारियों ने केंद्र सरकार का हर मोर्चे पर विरोध करने का कार्य शुरू कर दिया है. इसी क्रम में छपरा सहित देश भर में रेल कर्मियों और यूनियनों ने 14 से 20 सितंबर तक विरोध सप्ताह मनाया.

कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन
इस विरोध सप्ताह के दूसरे दिन एनई रेलवे मजदूर यूनियन ने छपरा कचहरी रेलवे स्टेशन के बाहरी परिसर में विरोध प्रदर्शन किया. इसके साथ ही जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए गए. इसमे सैकड़ों की सख्या में रेल कर्मियों ने भाग लिया. ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के तत्वावधान में एनई रेलवे मजदूर यूनियन ने इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया और कहा की हम रेलवे का निजीकरण किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे. इसके लिए जो भी कुर्बानी देनी पड़े वो देने से पीछे नहीं हटेंगे.

छपरा से पंकज की रिपोर्ट

मशाल जुलूस और बाइक रैली का आयोजन
रेल कर्मियों ने कहा की रेलवे नित्य नई स्कीमें चला रहा है. रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों का तेजी से निजीकरण किया जा रहा है. रेलवे स्टेशनों को प्राइवेट हाथों में दिया जा रहा है और प्राइवेट ट्रेन चलाई जा रही है. प्लेटफार्म टिकट का दाम 50 रुपये किया जा रहा है. इससे सभी रेल कर्मियों की अस्मिता पर खतरा उतपन्न हो गया है.

कर्मचारियों की मांग है कि रेलवे का निजीकरण बन्द किया जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नई पेंशन योजना को बंद करके 30 साल की नौकरी या 55 साल उम्र में जबरन रिटायर नीति को तत्काल प्रभाव से बन्द करना होगा. कोरोना के आड़ में ट्रेनों का परिचालन बन्द रखने पर भी यूनियनों और रेल कर्मियों ने विरोध प्रकट किया है. वहीं रेल कर्मियों ने बताया की रेल के निजीकरण के विरोध सप्ताह के दौरान सभी जगहों पर धरना प्रदर्शन, मशाल जुलूस और बाइक रैली भी निकाली जाएगी.

छपरा: भारतीय रेलवे में निजीकरण के विरोध में रेल कर्मचारी और रेलवे की तमाम यूनियनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसके साथ ही रेलवे के निजीकरण को लेकर कर्मचारियों ने केंद्र सरकार का हर मोर्चे पर विरोध करने का कार्य शुरू कर दिया है. इसी क्रम में छपरा सहित देश भर में रेल कर्मियों और यूनियनों ने 14 से 20 सितंबर तक विरोध सप्ताह मनाया.

कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन
इस विरोध सप्ताह के दूसरे दिन एनई रेलवे मजदूर यूनियन ने छपरा कचहरी रेलवे स्टेशन के बाहरी परिसर में विरोध प्रदर्शन किया. इसके साथ ही जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए गए. इसमे सैकड़ों की सख्या में रेल कर्मियों ने भाग लिया. ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के तत्वावधान में एनई रेलवे मजदूर यूनियन ने इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया और कहा की हम रेलवे का निजीकरण किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे. इसके लिए जो भी कुर्बानी देनी पड़े वो देने से पीछे नहीं हटेंगे.

छपरा से पंकज की रिपोर्ट

मशाल जुलूस और बाइक रैली का आयोजन
रेल कर्मियों ने कहा की रेलवे नित्य नई स्कीमें चला रहा है. रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों का तेजी से निजीकरण किया जा रहा है. रेलवे स्टेशनों को प्राइवेट हाथों में दिया जा रहा है और प्राइवेट ट्रेन चलाई जा रही है. प्लेटफार्म टिकट का दाम 50 रुपये किया जा रहा है. इससे सभी रेल कर्मियों की अस्मिता पर खतरा उतपन्न हो गया है.

कर्मचारियों की मांग है कि रेलवे का निजीकरण बन्द किया जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नई पेंशन योजना को बंद करके 30 साल की नौकरी या 55 साल उम्र में जबरन रिटायर नीति को तत्काल प्रभाव से बन्द करना होगा. कोरोना के आड़ में ट्रेनों का परिचालन बन्द रखने पर भी यूनियनों और रेल कर्मियों ने विरोध प्रकट किया है. वहीं रेल कर्मियों ने बताया की रेल के निजीकरण के विरोध सप्ताह के दौरान सभी जगहों पर धरना प्रदर्शन, मशाल जुलूस और बाइक रैली भी निकाली जाएगी.

Last Updated : Sep 15, 2020, 1:55 PM IST
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