सारण: बिहार के सारण में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त (Flood disrupted life) है. कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री ने इस इलाके का भ्रमण किया था. उस दौरान जिला प्रशासन की तरफ से पीने का शुद्ध पानी, नाव, सामुदायिक किचन और स्वास्थ्य केंद्र समेत सारी व्यवस्था की गयी थी. लेकिन मुख्यमंत्री के जाने के बाद सभी सरकारी व्यवस्था बंद हो गयी. लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन ने सीएम को दिखाने के लिए तमाम व्यवस्थाएं की. उनके दौरे के बाद से कोई सुध लेने वाला भी नहीं है.
ये भी पढ़ें- बिहार में लगातार बढ़ रहा है गंगा का जलस्तर, राजधानी पर बाढ़ का खतरा बरकरार
सरयू में उफान के कारण मांझी से लेकर डोरीगंज तक सभी जगह पानी ही पानी है. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 (National Highway No-19) पर कई जगहों पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है. जिससे मांझी से सोनपुर तक आवागमन प्रभावित है.
डोरीगंज में गंगा और सरयू के उफान पर होने से लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ प्रभावित लोगों ने एनएच-19 पर अपना डेरा जमा रखा है. लोग सरकारी सहायता की उम्मीद लगा रहे हैं. अभी तक जो सरकारी सहायता मुहैया करायी गयी है, वो इनके लिए नाकाफी है.
ये भी पढ़ें- कई गांवों में बढ़ा गंगा का जलस्तर, बाढ़ के पानी में डूबने से दो लोगों की मौत
बाढ़ आने से प्रत्येक वर्ष यहां के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. बाढ़ ने यहां के निवासियों को घर से बेघर कर दिया है. पिछली बार गंडक ने अपना रौद्र रूप दिखाया था. इस बार गंडक शांत हैं. लेकिन गंगा और सरयू उफान पर है. जिससे सारण के ज्यादातर इलाकों में पानी ही पानी नजर आ रहा है. जिससे बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रशासन के तरफ से नाममात्र की व्यवस्था की गयी है.
लोगों को न तो खाने की व्यवस्था है और न ही बाहर निकलने के लिए नाव. मजबूरी में बाढ़ प्रभावित इलाके के लोग किसी तरह अपना दिन काट रहे हैं. दिघवारा प्रखंड के डोरीगंज के पूर्वी बलुआ पंचायत मूसेपुर वार्ड नंबर 9 और 10 के बाढ़ पीड़ितों की स्थिति काफी खराब है.
ये भी पढ़ें- Video: बाढ़ से नाले में गिरी पिकअप, लोगों ने ड्राइवर और खलासी को बचाया