सारणः बिहार एमएलसी चुनाव (Bihar MLC Election) को लेकर गहमागहमी का माहौल है. सारण में चुनावी बिसात बिछ गई है और शह और मात का खेल चालू हो गया है. सबसे ज्यादा खराब स्थिति एनडीए की है. यहां से निवर्तमान एमएलसी सच्चिदानंद राय को एनडीए ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसको लेकर चुनावी मैदान में मुकाबला चतुर्थ कोणीय हो गया है. सोमवार को सारण एमएलसी चुनाव (Saran MLC Election) के लिए पांच उम्मीदवारों ने नामांकन किया.
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ये हैं पांच प्रत्याशीः कांग्रेस से सुशांत सिंह, राजद से सुधांशु रंजन, एनडीए समर्थित भाजपा से धर्मेंद्र कुमार सिंह और बागी उम्मीदवार के रूप में वर्तमान एमएलसी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर चुके हैं. वहीं वीआईपी से बाल मुकंद चौहान भी नामांकन दाखिल कर चुके हैं. वहीं अगर दलगत स्थिति की बात करें तो एनडीए को सारण में काफी मजबूत टक्कर मिलने जा रही है.
एनडीए के लिए होगी मुश्किलः एनडीए से बागी प्रत्याशी निर्दलीय लड़ रहे हैं और दूसरा उनके सहयोगी वीआईपी पार्टी द्वारा भी अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया गया है. अगर महागठबंधन में भी दो फाड़ जैसी स्थिति है. इस बार कांग्रेस और राजद ने अपना अलग-अलग प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं 14 मार्च को अधिकतर पार्टी के उम्मीदवार नामांकन कर रहे हैं.
4 अप्रैल को होगा मतदान: राज्य निर्वाचन आयोग ने 4 अप्रैल को मतदान की तारीख तय की है. 9 मार्च को विधान परिषद चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होगी. इसके साथ ही नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी. उम्मीदवार अपना नामांकन 16 मार्च तक कर पाएंगे, जबकि नामांकन पत्रों की जांच 17 मार्च को होगी. 21 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे. 4 अप्रैल को मतदान का दिन रखा गया है. सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी. विधान परिषद चुनाव के लिए मतगणना 7 अप्रैल को होगी.
बिहार में आचार संहिता लागू: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि एमएलसी चुनाव को लेकर प्रदेश में आचार संहिता आज से लागू हो गई है. इस बार चुनाव के दौरान लोकसभा सांसद और विधायकों को उनके क्षेत्र के किसी एक प्रखंड में मतदान देने का अधिकार होगा. जिन विधानसभा क्षेत्र में दो से तीन ब्लॉक आते हैं, ऐसे में विधायक और लोकसभा सांसद के लिए अपने क्षेत्र के किसी एक ब्लॉक के मतदान केंद्र को चुनने का अधिकार होगा, जहां वह मतदान के दिन मतदान कर सकेंगे.
वोटर लिस्ट 7 मार्च को होगी जारी: इससे पहले विधायकों और लोकसभा सांसदों से रिटर्निंग ऑफिसर उनका मनपसंद मतदान केंद्र पूछेंगे और उनके लिए वह मतदान केंद्र वोटिंग के लिए सुनिश्चित करेंगे. राज्यसभा सांसदों और विधान पार्षदों को सिर्फ वोटर लिस्ट वाले मतदान केंद्र में वोट करने का अधिकार होगा. वोटर लिस्ट 7 मार्च को जारी की जाएगी. अगर किसी का नाम कुछ गलत है या नाम में कुछ जुड़वाना है तो 11 मार्च तक वह अपने नाम में सुधार करा सकते हैं.
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