पटनाः बिहार के पटना में बाबा धीरेद्र कृष्ण शास्त्री के कार्यक्रम की तैयारी पूरी हो चुकी है, लेकिन अब तक सियासी बयानबाजी नहीं थमे हैं. प्रर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव बाबा के विरोध कर रहे हैं और बाबा को रोकने की पूरी तैयारी में हैं. JDU नेता अशौक चौधरी ने तेजप्रताप के बयान को लेकर प्रतिक्रिया दी है. अशोक चौधरी ने कहा कि बाबा आ रहे हैं, उनका स्वागत है, लेकिन प्रदेश का माहौल नहीं बिगाड़ा जाए. अगर बिगाड़ा जाएगा तो उनका विरोध होगा. कोई एजेंडा को लेकर बाबा चलेंगे तो दिक्कत होगा. इसी पर भाजपा के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने कहा कि जिन्हें इसके बारे में बोलना चाहिए वे चुप्पी साधे हुए हैं. नीतीश कुमार कुछ नहीं बोल रहे हैं.
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प्रदेश का माहौल ना बिगड़ेः बाबा के विरोध कर अशौक चौधरी ने कहा कि तेज प्रताप जी ने बयान दिए हैं. वे इस परिपेक्ष में कह रहे हैं कि इस प्रदेश के धार्मिक माहौल न बिगड़े. अगर उसे बिगाड़ा जाता है तो विरोध जताया जाएगा. अशौक चौधरी ने कहा कि साधु संतों के साथ यही बात है कि वे एक एजेंडा पर चलते हैं. अगर ऐसा है तो दिक्कत है, लेकिन बाबा अगर सनातन धर्म की बात करते हैं तो बाबा का स्वागत है. बता दें कि इससे पहले भी अशौक चौधरी ने बाबा को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उस समय भी अशौक चौधरी ने कहा था कि बाबा अगर विवादित बयान नहीं देते हैं तो उनका स्वागत है.
"बाबा अगर सनातन धर्म की बात करते हैं तो उनका का स्वागत है. किसी एक एजेंडा पर रहेंगे तो उनका विरोध किया जाएगा. तेज प्रताप भी इसी को लेकर विरोध कर रहे हैं. तेज प्रताप का कहना है कि प्रदेश में धार्मिक माहौल न बिगड़े. अगर ऐसा होता है तो विरोध किया जाएगा." - अशोक चौधरी, मंत्री, बिहार सरकार
भाजपा सांसद का पलटवारः दूसरी ओर भाजपा के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने बाबा के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की. उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गांधी मैदान नमाज पढ़ने के लिए दीजिए, रोजा खोलने के लिए दीजिए, हमें कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन रामकथा के लिए नहीं दिया गया. यह बड़ी विडंबना है. राजद के लोग बाबा का विरोध कर रहे हैं. हम राम की बात नहीं करेंगे, अयोध्या की बात नहीं करेंगे, रामायण की बात नहीं करेंगे तो क्या हम पाकिस्तान की बात करेंगे. ऐसे लोग मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुपचाप यह सब तमाशा देख रहे हैं.
"नीतीश कुमार सब कुछ देखते हुए भी चुप हैं. जिन्हें बोलना चाहिए वे कुछ नहीं बोल रहे हैं. रामकथा के लिए गांधी मैदान नहीं दिया गया, यह बड़ी विडंबना है. नमाज पढ़ने के लिए गांधी मैदान दें, इसके लिए हमें कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन रामकथा के लिए गांधी मैदान देना चाहिए था. यह बिहार की धरती है, किसी और की नहीं है. यहां हम रामायण की बात नहीं करें तो पाकिस्तान की बात करें." - जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, सांसद, भाजपा