छपरा सारण: बिहार के छपरा रेलवे क्रासिंग ढाला-2 कराने के विरोध में गांवों की (protest of women in chapra) महिलाओं ने विरोध शुरू कर दिया. रेल अधिकारियों के सामने और छपरा मशरक थावे रेलखंड के मुख्य लाइन पर खड़े होकर नारे बाजी करने लगी. स्थानीय लोगों ने बताया कि ढाला बंद करने से पचासों गांवों के समक्ष आवागमन की समस्या खड़ी हो जाएंगी. मौके पर रेल के अधिकारी और आरपीएफ मौजूद रहे.
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रेलवे ने ग्रामीणों को 15 दिनों का समय दिया:आक्रोशित भीड़ को देखते हुए रेल प्रशासन ने ग्रामीणों को 15 दिनों का समय दिया. बुधवार को जब ढाला बंद करने की कारवाई शुरू हुई तो सैकड़ों ग्रामीणों ने इसका विरोध शुरू कर दिया. उसके बाद इन गांवों की महिलाओं ने भी रेल ढाला बंद करने का विरोध शुरू कर दिया. रेलवे लाईन पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगीं.
लोगों की आवाजाही पर लग जाएगा ब्रेक : आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे ढाला बंद हो जाने से बड़ी आबादी के आवागमन की बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी. रेलवे ढाला के दूसरी ओर बसे पानापुर प्रखंड के पचासों गांव के लोगों को आवाजाही पर पूरी तरह से ब्रेक लग जाएगा. ग्रामीणों ने बताया कि मुख्य रेलवे ढाला बंद करने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है. मौके पर महाराजगंज भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल से ग्रामीणों ने फोन पर बात की. रेल अधिकारियों से बात कर उन्हें डीआरएम से ढाला बंद नहीं करने का आदेश जारी करवाने की बात कही.
"चरिहारा हंसाफीर रेलवे क्रॉसिंग ढाला बंद करने से पचासों गांवों के समक्ष आवागमन की समस्या खड़ी हो जाएंगी. पानापुर प्रखंड और मशरक प्रखंड के लोगों को काफी आने जाने में परेशानी हो जाएगी." -स्थानीय लोग