कटिहार: अब तक आपने सारनाथ अशोक स्तंभ के बारे में खूब सुना और देखा होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिहार के कटिहार में भी एक अशोक स्तंभ हैं. कटिहार के वर्मा नगर इलाके में बिहार का अशोक स्तंभ है. यह अशोक स्तंभ बौद्ध धर्म से प्रेरित रिफ्यूजियों ने बनवाया है. हालांकि देखने में ये बिल्कुल सारनाथ में बने ओशेक स्तंभ के शेप का है.
ओशक स्तंभ को तारणहार का इंतजार: अशोक स्तंभ बीते दस साल से किसी तारणहार का इंतजार कर रहा है. इसे इंतजार है कि मुख्यमंत्री या कोई राजनेता आएगा और इसका उद्घाटन कर इसके विकास के बारे में कुछ सोचेगा. दरअसल पूरी तस्वीर कटिहार के नगर थाना क्षेत्र के वर्मा नगर की है.
आज तक नहीं हुआ इसका उद्घाटन: अशोक स्तंभ नगर थाना क्षेत्र के वर्मा नगर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में बना है. स्कूल के प्रधानाध्यक दिनेश दुबे बताते हैं कि जब से अशोक स्तंभ बना हैं. वो तो लोग चाहते हैं कि इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री या अन्य कोई बड़े राजनेता के हाथों हो. जिससे इलाके का मुक्कमल विकास हो पाए.
"निर्माण के बाद अब इस अशोक स्तंभ का कलर थोड़ा उड़ने लगा है. इसे अपने तारणहार का इंतजार जो इसका उद्घाटन करेगा और इसे जल्द दुरुस्त कर दिया जाएगा."-दिनेश दुबे, हेड मास्टर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय
किसने की अशोक स्तंभ की स्थापना?: विद्यालय के शिक्षक प्रमोद कुमार ने बताया जाता है कि विभाजन के समय बांग्लादेश और वर्मा के रिफ्यूजी कटिहार के इलाके में आकर बस गए थे. उसे भारत सरकार ने साल 1967 में जमीन का परवाना देकर बसाया था. रिफ्यूजियों की यह कॉलोनी बौद्ध धर्म से प्रभावित हैं और दस वर्ष पहले इन लोगों ने यहां आपसी सहयोग से अशोक स्तंभ की स्थापना की थी.
"कटिहार में विभाजन के समय बांग्लादेश और वर्मा के कई रिफ्यूजी आकर बस गए थे. उन रिफ्यूजियों की यह कॉलोनी बौद्ध धर्म से प्रभावित है और उन्होंने ही आपसी सहयोग से अशोक स्तंभ की स्थापना की है."-प्रमोद कुमार, शिक्षक
इसके बनने से बच्चों में बढ़ेगी देशभक्ति की भावना: स्थानीय शिक्षिका उर्वशी उत्पल बताती हैं कि "इसके बनने से बच्चों में देशभक्ति की भावना और बढ़ती है. वहीं यह अशोक स्तंभ अपने आप में कुछ अलग है." अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर कब तक इसका उद्घाटन हो पाता है. क्या मुख्यमंत्री या अन्य कोई बड़े राजनेता अपने हाथों से इसका उद्घाटन करेंगे?