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बिहार में फलने लगा है हिमाचल का सेब, युवा किसान आनंद ने शुरू की खेती - युवा किसान आनंद कुमार

सेब की खेती अमूमन ठंडे प्रदेसों में की जाती है. बिहार जैसे गर्म प्रदेश में इसकी खेती करना कांटों के सफर जैसा है. लेकिन इस सफर को आसान कर दिया है, समस्तीपुर के युवा किसान आनंद कुमार ने. उन्होंने हिमाचल के सेब की खेती शुरू कर दी है. दो साल में फल भी उगने लगे हैं.

हिमाचल के सेब की खेती
हिमाचल के सेब की खेती
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Published : Apr 23, 2021, 8:45 AM IST

समस्तीपुर: जिले के ताजपुर ब्लॉक के मोतीपुर गांव में रहने वाले युवा किसान आनंद कुमार ने सेब की खेती से सबको हैरान कर दिया है. अवध विश्विद्यालय फैजाबाद से कृषि में स्नातक इस युवा किसान ने रिसर्च और स्टडी से सेब की खेती की है.

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कुछ पौधों में लगने लगे हैं फल
किसान आनंद कुमार ने हिमाचल से टी-99 सेब के पौधे मंगाए, जो गर्म प्रदेश में उगायी जा सके. करीब 500 रुपये प्रति पेड़ की लागत से उन्होंने बीस पेड़ को अपने गांव में दो जगहों पर लगाया. दो वर्षों के अंदर यह पेड़ करीब 7 फीट से बड़ा हो गया है. कुछ पौधों में तो फल भी लगने लगे हैं. आनंद कुमार के अनुसार, चार साल में पूरी तरह इन पेड़ों में फल आ जाएंगे.

उगने लगे हैं फल
आने लगे हैं फल

हल्की सिंचाई की होती है जरूरत
गौरतलब है कि सेब के साथ-साथ इन खेतों में उन्होंने बिना कांटे वाले नींबू के पेड़, प्याज, गरम मसाला, तजपत्ता आदि के भी पेड़ लगाए हैं. यही नहीं, इस खेत में जहां वे सिर्फ जैविक खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं इसमें हल्की सिंचाई की ही जरूरत होती है.

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समस्तीपुर: जिले के ताजपुर ब्लॉक के मोतीपुर गांव में रहने वाले युवा किसान आनंद कुमार ने सेब की खेती से सबको हैरान कर दिया है. अवध विश्विद्यालय फैजाबाद से कृषि में स्नातक इस युवा किसान ने रिसर्च और स्टडी से सेब की खेती की है.

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कुछ पौधों में लगने लगे हैं फल
किसान आनंद कुमार ने हिमाचल से टी-99 सेब के पौधे मंगाए, जो गर्म प्रदेश में उगायी जा सके. करीब 500 रुपये प्रति पेड़ की लागत से उन्होंने बीस पेड़ को अपने गांव में दो जगहों पर लगाया. दो वर्षों के अंदर यह पेड़ करीब 7 फीट से बड़ा हो गया है. कुछ पौधों में तो फल भी लगने लगे हैं. आनंद कुमार के अनुसार, चार साल में पूरी तरह इन पेड़ों में फल आ जाएंगे.

उगने लगे हैं फल
आने लगे हैं फल

हल्की सिंचाई की होती है जरूरत
गौरतलब है कि सेब के साथ-साथ इन खेतों में उन्होंने बिना कांटे वाले नींबू के पेड़, प्याज, गरम मसाला, तजपत्ता आदि के भी पेड़ लगाए हैं. यही नहीं, इस खेत में जहां वे सिर्फ जैविक खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं इसमें हल्की सिंचाई की ही जरूरत होती है.

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