समस्तीपुर: जिला मुख्यालय के धर्मपुर मुहल्ले में नवार्ड की मदद से आधी आबादी ने मास्क के जरिए अपनी जिंदगी संवारने का प्रयास शुरू किया है. कोरोना संकट काल में इलाके की महिलाएं समूह बनाकर मास्क बनाने की कला सीख रही हैं. साथ ही कई कलाओं के जरिए मास्क को सुरक्षित और आकर्षक बनाने का भी गुड़ सीख रहीं है.
कोरोना संकट काल में जहां लोगों के रोजगार छिन गए, वहीं ग्रामीण महिलाओं को अपनी पहल से एक नए रोजगार का सृजन किया है. कुछ सरकारी संस्थानों की मदद से जिले की बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ साथ स्कूल और कॉलेज की छात्रा मास्क बनाने का काम सीख रही हैं.
आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से दिया जा रहा प्रशिक्षण
प्रदान रूरल इंडेवयर्स एसोशिएशन के जरिए इस ट्रेनिंग में मास्क पर मिथिला पेंटिंग समेत अन्य कई कलाओं के इस्तेमाल के भी प्रयोग सिखाए जा रहे हैं. खासबात यह है की, इस ट्रेनिंग कार्यक्रम में मास्क को कैसे सुरक्षित और आकर्षक बनाया जाए, इसको लेकर खास प्रशिक्षण यहां दिया जा रहा है. मास्क ट्रेनर के अनुसार, महिलाओं को स्वरोजगार के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से यहां प्रशिक्षण दिया जा रहा. यही नहीं करीब चार तरह के मास्क निर्माण के तरीके यहां सिखाया जा रहा है.
सिखाए जाएंगे कई हुनर
वहीं इस प्रशिक्षण में शामिल होने वाली महिलाएं और लड़कियां खासा उत्साहित नजर आती हैं. उनका मानना है की, ऐसे संकट के वक्त मास्क निर्माण उन्हें बेहतर रोजगार दे सकता है. साथ ही वो स्वरोजगार के जरिए अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़ सकती हैं. बता दें कि इस योजना के तहत विभिन्न संस्थानों के जरिए 30-30 महिलाओं को एक महीने का ट्रेनिंग दिया जा रहा है. यहीं नही इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्क के साथ साथ अन्य रेडीमेड चीजें बनाने के हुनर भी सिखाए जाएंगे.