सीतामढ़ी: देश के महान गणितज्ञ डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर जिले के एमपी हाईस्कूल विद्यालय परिसर डुमरा में शोकसभा का आयोजन किया गया. वहीं, इस दौरान चंपारण के प्रख्यात सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने बालू पर गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का चित्र बनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. शोकसभा में उपस्थित छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने उनकी फोटो पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की.
'जब कॉलेज ने बदले अपने नियम'
शोकसभा को सम्बोधित करते हुए अध्यापक सुजीत कुमार ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला. बच्चों को उनकी जीवनी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. वशिष्ठ नारायण विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. शिक्षा ग्रहण करने के दौरान उन्होंने हमेशा प्रथम स्थान पाया. वे पढ़ने लिखने में इतने तेज थे कि उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनके कॉलेज ने अपने नियम बदल दिए थे.
'अमेरिका में किया पीएचडी'
साथ ही उन्होंने बताया कि गणितज्ञ ने अमेरिका के बर्कले विश्वविद्यालय से पीएचडी किया. देश प्रेम की वजह से वे स्वदेश लौटे और भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य किया. लेकिन बाद में सिजोफ्रेनिया नामक बीमारी से ग्रसित हो गए. लगभग 40 वर्षों तक बीमारी और उपेक्षा का शिकार रहने के बाद 14 नवंबर को उनका देहांत हो गया.