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सीतामढ़ी: सैंड आर्टिस्ट ने महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह को दी श्रद्धांजलि

चंपारण के प्रख्यात सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने बालू पर गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का चित्र बनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. शोकसभा में उपस्थित छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने उनकी फोटो पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की.

गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह को दी श्रद्धांजलि
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Published : Nov 15, 2019, 10:43 PM IST

सीतामढ़ी: देश के महान गणितज्ञ डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर जिले के एमपी हाईस्कूल विद्यालय परिसर डुमरा में शोकसभा का आयोजन किया गया. वहीं, इस दौरान चंपारण के प्रख्यात सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने बालू पर गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का चित्र बनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. शोकसभा में उपस्थित छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने उनकी फोटो पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की.

सीतामढ़ी
सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने दिया श्रद्धांजलि

'जब कॉलेज ने बदले अपने नियम'
शोकसभा को सम्बोधित करते हुए अध्यापक सुजीत कुमार ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला. बच्चों को उनकी जीवनी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. वशिष्ठ नारायण विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. शिक्षा ग्रहण करने के दौरान उन्होंने हमेशा प्रथम स्थान पाया. वे पढ़ने लिखने में इतने तेज थे कि उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनके कॉलेज ने अपने नियम बदल दिए थे.

महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह को श्रद्धांजलि

'अमेरिका में किया पीएचडी'
साथ ही उन्होंने बताया कि गणितज्ञ ने अमेरिका के बर्कले विश्वविद्यालय से पीएचडी किया. देश प्रेम की वजह से वे स्वदेश लौटे और भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य किया. लेकिन बाद में सिजोफ्रेनिया नामक बीमारी से ग्रसित हो गए. लगभग 40 वर्षों तक बीमारी और उपेक्षा का शिकार रहने के बाद 14 नवंबर को उनका देहांत हो गया.

सीतामढ़ी: देश के महान गणितज्ञ डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर जिले के एमपी हाईस्कूल विद्यालय परिसर डुमरा में शोकसभा का आयोजन किया गया. वहीं, इस दौरान चंपारण के प्रख्यात सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने बालू पर गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का चित्र बनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. शोकसभा में उपस्थित छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने उनकी फोटो पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की.

सीतामढ़ी
सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने दिया श्रद्धांजलि

'जब कॉलेज ने बदले अपने नियम'
शोकसभा को सम्बोधित करते हुए अध्यापक सुजीत कुमार ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला. बच्चों को उनकी जीवनी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. वशिष्ठ नारायण विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. शिक्षा ग्रहण करने के दौरान उन्होंने हमेशा प्रथम स्थान पाया. वे पढ़ने लिखने में इतने तेज थे कि उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनके कॉलेज ने अपने नियम बदल दिए थे.

महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह को श्रद्धांजलि

'अमेरिका में किया पीएचडी'
साथ ही उन्होंने बताया कि गणितज्ञ ने अमेरिका के बर्कले विश्वविद्यालय से पीएचडी किया. देश प्रेम की वजह से वे स्वदेश लौटे और भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य किया. लेकिन बाद में सिजोफ्रेनिया नामक बीमारी से ग्रसित हो गए. लगभग 40 वर्षों तक बीमारी और उपेक्षा का शिकार रहने के बाद 14 नवंबर को उनका देहांत हो गया.

Intro:देश के जाने-माने गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह को पर्यावरणी ने दी अनोखे ढंग से श्रद्धांजली।Body:देश दुनिया के जाने-माने महान गणितज्ञ डॉ०वशिष्ठ नारायण सिंह का 14 नवंबर को निधन हो गया। बिहार के महान गणितज्ञ को विशेष श्रद्धांजलि देने के लिए पौधे वाले गुरुजी सुजीत कुमार के विशेष आग्रह पर चंपारण के धरती से चलकर आए प्रख्यात सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने बालू पर महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का चित्र बनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसका आयोजन विद्यालय परिसर डुमरा में किया गया। जिसमें लोकस केमिस्ट्री के छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक उपस्थित होकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किए। इस अवसर पर शिक्षक साथी माधव सर, ओम प्रकाश सर, त्रिपुरारी सर छात्र-छात्राएं जैसे साध्वी ,सोनी, सुरुचि, प्रियंका ,राजनंदनी ,श्वेता लेवी,रामबालक,वसीम, अंकित ,चंदन ,राहुल, मनीष , विकास,राकेश इत्यादि उपस्थित रहे।Conclusion:श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित समाजसेवी और छात्र-छात्राओं ने महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया।
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