समस्तीपुर: वैश्विक महामारी के कारण पिछले वर्ष मार्च से सभी त्योहार फीके पड़े हैं. 16 फरवरी को सरस्वती पूजा है जिसको लेकर तैयारियां की जा रही है. लेकिन कोरोना का असर इस बार सरस्वती पूजा पर भी है. जिसके चलते मूर्तिकारों के स्थिति काफी खराब है. उन्हें अपने पेट की चिन्ता सता रही है.
परिवार का पेट पालना मुश्किल
मिट्टी में जान फूंकने वाले मूर्तिकारों का हाल इस वर्ष खराब है. पारंपरिक काम को रोजगार बनाने वाले इन कलाकारों के लिए अपना और परिवारों का पेट पालना मुश्किल होता जा रहा है. दरअसल पहले ही कोरोना जैसी आपदा के कारण सरस्वती पूजा को लेकर महंगी व बड़ी-बड़ी मूर्तियों का मांग काफी कम है. वही सरस्वती पूजा और मैट्रिक परीक्षा की तारीख टकराने के कारण मूर्ति का आर्डर भी अन्य वर्षो की तुलना में काफी कम है.
इस वर्ष परीक्षा के कारण जंहा काफी कम आर्डर मिला है. बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष छोटी मूर्तियों की मांग है. -राजाबाबू , मूर्तिकार
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मांग कम होने से मूर्तिकार चिंतित
बता दें कि 16 फरवरी को सरस्वती पूजा है. वहीं 17 से मैट्रिक की परीक्षा शुरू हो रही है. जिससे बहुत से छात्रों ने इस वर्ष परीक्षा के कारण पूजा स्थगित कर दिया है. लोगों मानना है की आस्था के अनुरूप लोग पूजा जरूर कर रहे हैं. लेकिन व्यवस्था में थोड़ी कमी की गई है. मूर्तियों की मांग कम होने से मूर्तिकार काफी चिंतित हैं. वहीं आने वाले समय में मूर्तिकारों को यह उम्मीद है की बचे वक्त में उन्हें कुछ और आर्डर मिल सकते हैं.