ETV Bharat / state

समस्तीपुर: स्मार्ट विलेज के लिए चयनित गांवों को लंबे समय से है स्मार्ट बनने का इंतजार

जिले के उप विकास आयुक्त ने कहा कि करियन, बन्धार और राजौर को स्मार्ट गांव में तब्दील करने पर काम चल रहा है. साथ ही विभिन्न एजेंसियों के साथ समीक्षा की जा रही है. जो अधूरे काम हैं उनको लेकर जल्द केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी.

सपने जैसा होता जा रहा स्मार्ट गांव का सपना
author img

By

Published : Sep 6, 2019, 8:16 PM IST

समस्तीपुर: जिले में स्मार्ट गांव का सपना लोगों के लिए सपने जैसा ही बनकर रह गया है. गांव के विकास को लेकर केंद्र सरकार ने आदर्श ग्राम योजना की घोषणा तो कर दी लेकिन शिवाजीनगर प्रखंड में इस योजना का असर नहीं दिख रहा है. हाल यह है कि जिले के कुछ पंचायत स्मार्ट विलेज को लेकर चयनित तो हुए लेकिन वह कब तक स्मार्ट बन पाएंगे इस पर संशय बरकरार है.

सपने जैसा होता जा रहा स्मार्ट गांव का सपना

स्मार्ट गांव के लिए 3 पंचायत का चयन
महात्मा गांधी ने कहा था असली भारत तो गांव में बसता है. जब तक गांव का सामाजिक और आर्थिक विकास नहीं होगा, तब तक भारत का विकास संभव नहीं है. इसी सोच को साकार करने का सपना लेकर स्मार्ट विलेज योजना की शुरुआत की गई. जिले के शिवाजीनगर प्रखंड के तीन पंचायत को पहले चरण में स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने को लेकर चयन किया गया है.

samastipur
वरुण कुमार मिश्रा उप विकास आयुक्त

सालभर बीतने के बाद भी काम अधूरा
स्मार्ट विलेज योजना के तहत यहां वाईफाई नेटवर्क, पार्क और खेल का मैदान, सीनियर सेकेंडरी स्कूल, प्राथमिक उप-स्वास्थ्य केंद्र, सोलर स्ट्रीट लाइट, सामुदायिक शौचालय समेत कुल 18 योजना के विकास पर काम होने हैं. लेकिन सालों बीतने के बाद भी काम पूरा नहीं हो पाया है. जिले का यह पंचायत अब तक स्मार्ट गांव में तब्दील नहीं हो सका है.

samastipur
अधूरा पड़ा काम

काम को लेकर केंद्र सरकार को भेजी रिपोर्ट
वैसे इस मामले पर जिले के उप विकास आयुक्त ने कहा कि करियन, बन्धार और राजौर को स्मार्ट गांव में तब्दील करने पर काम चल रहा है. साथ ही विभिन्न एजेंसियों के साथ समीक्षा की जा रही है. जो अधूरे काम हैं उसको लेकर जल्द केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी.

samastipur
रामबालक महतो समाजिक कार्यकर्ता

'पूरा नहीं हो रहा स्मार्ट विलेज का सपना'
इस मामले पर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाते हुए कहा कि देश तभी स्मार्ट हो सकता है जब हमारे गांव स्मार्ट होंगे. अधिकारियों की इस सुस्ती पर समीक्षा की जरूरत है. गौरतलब है कि विभागीय उदासीनता का ही नतीजा है की वर्षों से सभी पैरामीटर पर खड़ा उतरने वाले इन गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है.

samastipur
विकास की आस में गांव

समस्तीपुर: जिले में स्मार्ट गांव का सपना लोगों के लिए सपने जैसा ही बनकर रह गया है. गांव के विकास को लेकर केंद्र सरकार ने आदर्श ग्राम योजना की घोषणा तो कर दी लेकिन शिवाजीनगर प्रखंड में इस योजना का असर नहीं दिख रहा है. हाल यह है कि जिले के कुछ पंचायत स्मार्ट विलेज को लेकर चयनित तो हुए लेकिन वह कब तक स्मार्ट बन पाएंगे इस पर संशय बरकरार है.

सपने जैसा होता जा रहा स्मार्ट गांव का सपना

स्मार्ट गांव के लिए 3 पंचायत का चयन
महात्मा गांधी ने कहा था असली भारत तो गांव में बसता है. जब तक गांव का सामाजिक और आर्थिक विकास नहीं होगा, तब तक भारत का विकास संभव नहीं है. इसी सोच को साकार करने का सपना लेकर स्मार्ट विलेज योजना की शुरुआत की गई. जिले के शिवाजीनगर प्रखंड के तीन पंचायत को पहले चरण में स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने को लेकर चयन किया गया है.

samastipur
वरुण कुमार मिश्रा उप विकास आयुक्त

सालभर बीतने के बाद भी काम अधूरा
स्मार्ट विलेज योजना के तहत यहां वाईफाई नेटवर्क, पार्क और खेल का मैदान, सीनियर सेकेंडरी स्कूल, प्राथमिक उप-स्वास्थ्य केंद्र, सोलर स्ट्रीट लाइट, सामुदायिक शौचालय समेत कुल 18 योजना के विकास पर काम होने हैं. लेकिन सालों बीतने के बाद भी काम पूरा नहीं हो पाया है. जिले का यह पंचायत अब तक स्मार्ट गांव में तब्दील नहीं हो सका है.

samastipur
अधूरा पड़ा काम

काम को लेकर केंद्र सरकार को भेजी रिपोर्ट
वैसे इस मामले पर जिले के उप विकास आयुक्त ने कहा कि करियन, बन्धार और राजौर को स्मार्ट गांव में तब्दील करने पर काम चल रहा है. साथ ही विभिन्न एजेंसियों के साथ समीक्षा की जा रही है. जो अधूरे काम हैं उसको लेकर जल्द केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी.

samastipur
रामबालक महतो समाजिक कार्यकर्ता

'पूरा नहीं हो रहा स्मार्ट विलेज का सपना'
इस मामले पर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाते हुए कहा कि देश तभी स्मार्ट हो सकता है जब हमारे गांव स्मार्ट होंगे. अधिकारियों की इस सुस्ती पर समीक्षा की जरूरत है. गौरतलब है कि विभागीय उदासीनता का ही नतीजा है की वर्षों से सभी पैरामीटर पर खड़ा उतरने वाले इन गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है.

samastipur
विकास की आस में गांव
Intro:जिले में स्मार्ट गांव का सपना सपने जैसा ही बनकर रह गया । गांव के विकास को लेकर केंद्र सरकार के इस योजना का हाल यह है कि , जिले के कुछ पंचायत स्मार्ट विलेज को लेकर चयनित तो हुए । लेकिन वह कब तक स्मार्ट बन पाएंगे इस पर संशय बना हुआ है ।


Body:महात्मा गांधी ने कहा था , असली भारत तो गांव में बसता है और जब तक गांव का सामाजिक व आर्थिक विकास नहीं होगा , तब तक भारत का विकास संभव नहीं है । कुछ इसी सोच को साकार करने का सपना था स्मार्ट विलेज योजना । जिले के शिवाजीनगर प्रखंड के तीन पंचायत को पहले चरण में स्मार्ट गांव के रूप में विकसित करने को लेकर चयन किया गया है । जिसके तहत यहां वाईफाई नेटवर्क , पार्क व खेल का मैदान , वाईफाई , सीनियर सेकेंडरी स्कूल , प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र , सोलर स्ट्रीट लाइन , सामुदायिक शौचालय समेत , विकास के कुल 18 योजना पर काम होने हैं । लेकिन बरसों बीत गए , जिले का यह पंचायत अब तक स्मार्ट गांव में तब्दील नही हो सके । वैसे इस मामले पर जिले के उप विकास आयुक्त ने कहा की , करियन , बन्धार और राजौर को स्मार्ट गांव में तब्दील करने पर काम चल रहा । विभिन्न एजेंसियों के साथ समीक्षा की जा रही है , जो अधूरे काम है उसको लेकर जल्द केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजे जायेंगे । वैसे इस मामले पर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाते हुए कहा की , देश तभी स्मार्ट हो सकता है , जब हमारे गांव स्मार्ट होंगे । अधिकारियों के इस सुस्ती पर समीक्षा की जरूरत है ।

बाईट - वरुण कुमार मिश्रा , उप विकास आयुक्त , समस्तीपुर ।
बाईट- रामबालक महतो , समाजिक कार्यकर्ता ।



Conclusion:गौरतलब है कि विभागीय उदासीनता का ही नतीजा है की , वर्षो से सभी पैरामीटर पर खड़ा उतरने वाले इन गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने का सपना पूरा नही हो रहा ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.