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ओडिशा : अग्निशमन सेवा विभाग को देश का पहला K9 दस्ता मिला, बचाव और राहत कार्यों में मिलेगी मदद - ODISHA FIRE SERVICE

K9 दस्ते में 10 कुत्ते शामिल हैं जिन्हें एनडीआरएफ की बटालियन में 38 सप्ताह तक बुनियादी ट्रेनिंग दी गई है.

The dogs of K9 squad with their handlers in Bhubaneswar
भुवनेश्वर में के9 दस्ते के कुत्ते अपने संचालकों के साथ (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 29, 2024, 5:32 PM IST

कटक: ओडिशा भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने अपने अग्निशमन सेवा विभाग में एक समर्पित K9 दस्ता स्थापित किया है. इस दस्ते में 10 कुत्ते शामिल हैं, जिन्हें राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की तीसरी बटालियन में 38 सप्ताह तक बुनियादी प्रशिक्षण दिया गया है.

कुत्तों की कुल ट्रेनिंग अवधि 56 सप्ताह है. अब उन्हें अगले तीन महीनों तक एडवांस ट्रेनिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा. कुत्तों को बचाव और राहत कार्यों में अग्निशमन कर्मियों की मदद करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है और वे अपनी असाधारण घ्राण क्षमताओं के साथ मृत कोशिकाओं की पहचान कर सकते हैं. इस दस्ते में लैब्राडोर और बेल्जियन मालिनोइस नस्ल के कुत्ते शामिल हैं. इन 10 कुत्तों में से छह मादा और चार नर हैं. इन सभी की उम्र करीब एक साल है. इनकी तैनाती वाली जगहों पर बैरकों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है.

प्राकृतिक आपदाओं में मदद मिलेगी
भूकंप या भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के मामले में ये कुत्ते बहुत मददगार साबित होंगे. ओडिशा अग्निशमन एवं आपदा प्रतिक्रिया संस्थान (OFDRI) के अग्निशमन अधिकारी एवं प्राचार्य नराज सत्यपीर बेहरा ने कहा, "वे खोज एवं बचाव अभियान चला सकते हैं."

उन्होंने कहा कि खोज और बचाव कार्य के लिए प्रयोग की जाने वाली आम नस्लों में जर्मन शेफर्ड, लैब्राडोर रिट्रीवर और गोल्डन रिट्रीवर शामिल हैं. उनकी उपलब्धियों से पदोन्नति और पदक मिलेंगे. वहीं डॉग ट्रेनर राकेश कुमार साहू ने कहा कि दस्ते के कुत्तों ने उनके बुनियादी प्रशिक्षण को अच्छी तरह से अपनाया.

बहनागा त्रासदी से सबक
अग्निशमन सेवा अधिकारी और प्रशिक्षक दीनबंधु जेना ने कहा कि बहनागा ट्रेन हादसे ने बचाव प्रयासों के दौरान डॉग स्क्वॉड की अहमियत को उजागर किया है. इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने अग्निशमन सेवा में K9 यूनिट को शामिल करने का फैसला किया. उन्होंने बताया कि बचावकर्मियों को मलबे से शवों को निकालने में तीन दिन लग गए. प्रशिक्षित कुत्ते ऐसे बचाव कार्यों में मदद कर सकते हैं. जेना के मुताबिक अक्टूबर में, अग्निशमन सेवा विभाग ने 22 एडवांस रोबोट प्राप्त करके अपने संसाधनों में वृद्धि की थी, जिन्हें फायर-फाइटिंग रोबोटिक मॉनिटर के रूप में जाना जाता है. यह आग को नियंत्रित करने के लिए अत्यधिक गर्मी में काम करने में सक्षम हैं.

ये भी पढ़ें - पुलिस ने कुत्ते को दी खास ट्रेनिंग, शराब छिपाना होगा मुश्किल, तस्करों की बढ़ेगी टेंशन

कटक: ओडिशा भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने अपने अग्निशमन सेवा विभाग में एक समर्पित K9 दस्ता स्थापित किया है. इस दस्ते में 10 कुत्ते शामिल हैं, जिन्हें राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की तीसरी बटालियन में 38 सप्ताह तक बुनियादी प्रशिक्षण दिया गया है.

कुत्तों की कुल ट्रेनिंग अवधि 56 सप्ताह है. अब उन्हें अगले तीन महीनों तक एडवांस ट्रेनिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा. कुत्तों को बचाव और राहत कार्यों में अग्निशमन कर्मियों की मदद करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है और वे अपनी असाधारण घ्राण क्षमताओं के साथ मृत कोशिकाओं की पहचान कर सकते हैं. इस दस्ते में लैब्राडोर और बेल्जियन मालिनोइस नस्ल के कुत्ते शामिल हैं. इन 10 कुत्तों में से छह मादा और चार नर हैं. इन सभी की उम्र करीब एक साल है. इनकी तैनाती वाली जगहों पर बैरकों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है.

प्राकृतिक आपदाओं में मदद मिलेगी
भूकंप या भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के मामले में ये कुत्ते बहुत मददगार साबित होंगे. ओडिशा अग्निशमन एवं आपदा प्रतिक्रिया संस्थान (OFDRI) के अग्निशमन अधिकारी एवं प्राचार्य नराज सत्यपीर बेहरा ने कहा, "वे खोज एवं बचाव अभियान चला सकते हैं."

उन्होंने कहा कि खोज और बचाव कार्य के लिए प्रयोग की जाने वाली आम नस्लों में जर्मन शेफर्ड, लैब्राडोर रिट्रीवर और गोल्डन रिट्रीवर शामिल हैं. उनकी उपलब्धियों से पदोन्नति और पदक मिलेंगे. वहीं डॉग ट्रेनर राकेश कुमार साहू ने कहा कि दस्ते के कुत्तों ने उनके बुनियादी प्रशिक्षण को अच्छी तरह से अपनाया.

बहनागा त्रासदी से सबक
अग्निशमन सेवा अधिकारी और प्रशिक्षक दीनबंधु जेना ने कहा कि बहनागा ट्रेन हादसे ने बचाव प्रयासों के दौरान डॉग स्क्वॉड की अहमियत को उजागर किया है. इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने अग्निशमन सेवा में K9 यूनिट को शामिल करने का फैसला किया. उन्होंने बताया कि बचावकर्मियों को मलबे से शवों को निकालने में तीन दिन लग गए. प्रशिक्षित कुत्ते ऐसे बचाव कार्यों में मदद कर सकते हैं. जेना के मुताबिक अक्टूबर में, अग्निशमन सेवा विभाग ने 22 एडवांस रोबोट प्राप्त करके अपने संसाधनों में वृद्धि की थी, जिन्हें फायर-फाइटिंग रोबोटिक मॉनिटर के रूप में जाना जाता है. यह आग को नियंत्रित करने के लिए अत्यधिक गर्मी में काम करने में सक्षम हैं.

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