समस्तीपुरः सदर अस्पताल में बीते 5 महीने से अपने मासूम बच्चे के साथ रह रही आंध्र प्रदेश की महिला विजयलक्ष्मी अब बहुत जल्द ही अपने परिजन से मिलने वाली है. वहीं, ईटीवी भारत पर खबर पढ़ने के बाद आस-पास जिले में काम कर रहे है आंध्र प्रदेश के लोग विजयलक्ष्मी से मिलने सदर अस्पताल पुनर्वास केंद्र पहुंचे. जहां अच्छे तरीके से हो रही उसकी देखभाल से वह काफी खुश हुए.
विजयलक्ष्मी से मिलने आए विजयवाड़ा के लोग
दरअसल, ईटीवी भारत पर खबर पढ़ने के बाद मुजफ्फरपुर जिले में बागमती नदी पर काम करवा रहे विजयवाड़ा के कुछ इंजीनियर विजयलक्ष्मी से मिलने समस्तीपुर सदर अस्पताल पहुंचे. जहां वह विजयलक्ष्मी की हो रही देखभाल को देखकर काफी खुश हुए. उन्होंने अपनी भाषा में घंटों विजयलक्ष्मी से बात कर जानकारी ली. तब जाकर यह बात सामने आई कि विजयवाड़ा के बगल में ही कुर्नूल जिला है. जहां की विजयलक्ष्मी रहने वाली है. ये लोग विजयलक्ष्मी को उसके घर पहुंचाने आए थे, लेकिन वहां यह जानकारी मिली की आंध्र प्रदेश की पुलिस विजयलक्ष्मी को लेने आ रही है. जिनके साथ वह अपने घर चली जाएगी.
पुलिस अधीक्षक ने की सुपरिटेंडेंट की तारीफ
इस मामले पर पुलिस अधीक्षक विकास बर्मन ने भी माना कि आंध्र प्रदेश की रहने वाली विजयलक्ष्मी की समस्तीपुर सदर अस्पताल में अच्छी देखभाल हुई. उस बच्चे के जन्म से लेकर अब तक लालन-पालन 4 महीने से किया जा रहा था. मीडिया और सदर अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट के कारण ही वह अपने घर को लौट पा रही है. इसको लेकर उन्हें भी खुशी है की भटकी हुई महिला सुरक्षित तरीके से अपने बच्चे को जन्म देकर अपने परिजनों के पास लौटेगी. पुलिस अधीक्षक विकास बर्मन ने भी कुर्नूल के पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में पत्र लिखा था.
अपने घर से भटक गई थी महिला
बता दें कि तीन-चार महीने पहले समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर स्थानीय लोगों ने दर्द से कराहती एक गर्भवती महिला को देखा था. उसकी भाषा कोई समझ नहीं पा रहा था. फिर लोगों ने उसे सदर अस्पताल में भर्ती करवाया. महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया. उसकी भाषा समझ में नहीं आने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी. इसके बाद नवोदय की एक शिक्षिका को बुलाया गया. उनकी मदद से ये पता चला कि 25 वर्षीय महिला आंध्रप्रदेश के कुर्नूल जिले की रहने वाली है और उसका नाम जयलक्ष्मी है. महिला ने प्रेम विवाह किया था और कुछ महीने पहले उसके पति ने उसे किसी ट्रेन में बिठा कर छोड़ दिया. इसके बाद वह भटकते हुए समस्तीपुर स्टेशन पहुंच गई थी. बताया जाता है कि वो मानसिक रूप से कमजोर है.