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समस्तीपुर: कोरोना के कारण 200 वर्ष पुराना शिउरा मेला स्थगित, कई पौराणिक आयोजन रुके - religious program postpond

लॉकडाउन के कारण 200 वर्ष पुराना शिउरा मेला स्थगित होने से श्रद्धालुओं में दुख है. वहीं, कोरोना के कारण कई पौराणिक आयोजन रोक दिए गए हैं.

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Published : Apr 3, 2020, 7:16 PM IST

समस्तीपुर: कोरोना के कहर के आगे इंसानी वजूद व पौराणिक मान्यताएं सभी धराशायी होती नजर आ रही हैं. जिले के पटोरी प्रखंड के शिउरा में प्रत्येक वर्ष लगने वाला राष्ट्रीय निषाद मेला भी इस बार कोरोना की भेंट चढ़ गया. यहां बाबा अमरसिंह धाम पर हर साल यह मेला लगता था. लेकिन कोरोना पेनडेमिक के लॉकडाउन की वजह से स्थगित हो गया.

historical
मंदिरों में पसरा रहा सन्नाटा

200 वर्ष पुराना ऐतिहासिक मेला

यह मेला 200 वर्ष पुराना है. तबसे आज तक हर साल इसका आयोजन होता आ रहा था. प्रत्येक वर्ष रामनवमी के मौके पर बाबा अमरसिंह धाम में लगने वाला मेला अपने आप में खास होता है. इस स्थान को निषादों का तीर्थस्थली माना जाता है. यहां देश के लगभग सभी हिस्सों से बड़ी संख्या में निषाद समुदाय से जुड़े लोग पंहुचते हैं. लेकिन इस साल इस शिऊरा स्थान में सन्नाटा पसरा रहा.

historical
बाबा अमरसिंह धाम

होती थीं खास तैयारियां

रामनवमी से शुरू होकर कई दिनों तक चलने वाले इस मेले को लेकर स्थानीय लोग खास तैयारियां करते थे. बहरहाल, कोरोना के कारण भले ही ऐसे आयोजन रद्द होने से श्रद्धालुओं में दुख है, लेकिन लोगों का कहना है कि कोरोना महामारी को परास्त करने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के सरकार के सभी निर्देशों को हम मानेंगे.

समस्तीपुर: कोरोना के कहर के आगे इंसानी वजूद व पौराणिक मान्यताएं सभी धराशायी होती नजर आ रही हैं. जिले के पटोरी प्रखंड के शिउरा में प्रत्येक वर्ष लगने वाला राष्ट्रीय निषाद मेला भी इस बार कोरोना की भेंट चढ़ गया. यहां बाबा अमरसिंह धाम पर हर साल यह मेला लगता था. लेकिन कोरोना पेनडेमिक के लॉकडाउन की वजह से स्थगित हो गया.

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मंदिरों में पसरा रहा सन्नाटा

200 वर्ष पुराना ऐतिहासिक मेला

यह मेला 200 वर्ष पुराना है. तबसे आज तक हर साल इसका आयोजन होता आ रहा था. प्रत्येक वर्ष रामनवमी के मौके पर बाबा अमरसिंह धाम में लगने वाला मेला अपने आप में खास होता है. इस स्थान को निषादों का तीर्थस्थली माना जाता है. यहां देश के लगभग सभी हिस्सों से बड़ी संख्या में निषाद समुदाय से जुड़े लोग पंहुचते हैं. लेकिन इस साल इस शिऊरा स्थान में सन्नाटा पसरा रहा.

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बाबा अमरसिंह धाम

होती थीं खास तैयारियां

रामनवमी से शुरू होकर कई दिनों तक चलने वाले इस मेले को लेकर स्थानीय लोग खास तैयारियां करते थे. बहरहाल, कोरोना के कारण भले ही ऐसे आयोजन रद्द होने से श्रद्धालुओं में दुख है, लेकिन लोगों का कहना है कि कोरोना महामारी को परास्त करने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के सरकार के सभी निर्देशों को हम मानेंगे.

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