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समस्तीपुर में बनेंगे खादी के फैशनेबल कपड़े, लगेगी 14 लाख की मशीन - समस्तीपुर अनुमंडल खादी ग्रामोद्योग समिति

खादी परिधान वर्तमान वक्त और फैशन के अनुरूप बनाया जाएगा. इसके लिए समस्तीपुर अनुमंडल खादी ग्रामोद्योग समिति पहला ऐसा केंद्र बनने जा रहा है जहां आधुनिक परिधान बनाने की तैयारी शुरू हुई है. योजना जिस तरह चल रहा जल्द ही यहां के बने परिधान खादी के दुकानों पर दिखने लगेंगे.

Khadi Village Industries Committee Samastipur
खादी ग्रामोद्योग समिति समस्तीपुर
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Published : Jan 26, 2021, 10:21 PM IST

समस्तीपुर: बाजार में खादी को खास स्थान दिलाने की कवायद शुरू हुई है. जिले के पूसा स्थित खादी ग्रामोद्योग समिति नई पीढ़ी के फैशन के अनुरूप उत्पादन शुरू करने में जुट गई है. यह बिहार का पहला ऐसा केंद्र बनने जा रहा है जहां इस तरह का प्रयोग शुरू हुआ है.

लगेगी 14 लाख रुपए की मशीन
खादी ग्रामोद्योग समिति के मंत्री धीरेंद्र कार्यी के अनुसार यहां खादी के रेडीमेड कपड़ों का उत्पादन होगा. इसके लिए खादी ग्रामउद्योग आयोग भारत सरकार ने आधुनिक मशीन भी उपलब्ध करा दिया है. 14 लाख रुपए का यह मशीन पूरी तरह ऑटोमेटिक है. धीरेंद्र ने कहा कि यहां तैयार किए गए कपड़ों को दूसरे राज्यों में भी भेजा जाएगा.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- समस्तीपुर: कृषि कानून वापस लेने की मांग पर किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली

गौरतलब है कि यह प्रयास सही मायनों में खादी के उत्थान के साथ-साथ केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत व वोकल फॉर लोकल को भी बल देगा. यही नहीं, नारी सशक्तिकरण व उनके स्वरोजगार के क्षेत्र में भी यह मिल का पत्थर साबित होने वाला है.

समस्तीपुर: बाजार में खादी को खास स्थान दिलाने की कवायद शुरू हुई है. जिले के पूसा स्थित खादी ग्रामोद्योग समिति नई पीढ़ी के फैशन के अनुरूप उत्पादन शुरू करने में जुट गई है. यह बिहार का पहला ऐसा केंद्र बनने जा रहा है जहां इस तरह का प्रयोग शुरू हुआ है.

लगेगी 14 लाख रुपए की मशीन
खादी ग्रामोद्योग समिति के मंत्री धीरेंद्र कार्यी के अनुसार यहां खादी के रेडीमेड कपड़ों का उत्पादन होगा. इसके लिए खादी ग्रामउद्योग आयोग भारत सरकार ने आधुनिक मशीन भी उपलब्ध करा दिया है. 14 लाख रुपए का यह मशीन पूरी तरह ऑटोमेटिक है. धीरेंद्र ने कहा कि यहां तैयार किए गए कपड़ों को दूसरे राज्यों में भी भेजा जाएगा.

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गौरतलब है कि यह प्रयास सही मायनों में खादी के उत्थान के साथ-साथ केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत व वोकल फॉर लोकल को भी बल देगा. यही नहीं, नारी सशक्तिकरण व उनके स्वरोजगार के क्षेत्र में भी यह मिल का पत्थर साबित होने वाला है.

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