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मालगुजारी के नाम पर किसानों से ठगी, लगा रहे इंसाफ की गुहार

जमीन पर लगने वाले सरकारी मालगुजारी में वसूली की कठिनाई दूर करने के लिए 2016 में सरकार ने 5 के गुणक में मालगुजारी और सेस के वसूली का आदेश दिया था.

कलेक्ट्रेट कार्यालय
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Published : Mar 30, 2019, 5:29 PM IST

समस्तीपुरः जिले के किसानों से मालगुजारी के नाम पर सरकारी मनमानी चल रही है. मालगुजारी को लेकर किसानों से राज्य सरकार के नियम से विपरीत पैसे वसूले जा रहे हैं. आंकड़ो के अनुसार तय राशि से 18 से 20 फीसदी ज्यादा किसानों ने मालगुजारी दिया है.

जमीन पर लगने वाले सरकारी मालगुजारी में वसूली की कठिनाई दूर करने के लिए 2016 में सरकार ने 5 के गुणक में मालगुजारी और सेस के वसूली का आदेश दिया था. वहीं 2017 में इसमें संसोधन करते हुए 10 कर दिया गया है. लेकिन सरकार के इस आदेश के बाद भी किसानों से मालगुजारी वसूला जा रहा है. इस सरकारी दोहन के खिलाफ किसानों ने अपनी आवाज बुलंद कर दिया है. राजस्व विभाग से लेकर महालेखाकार तक को इस लूट की शिकायत की गयी है.

samastipur
कलेक्ट्रेट कार्यालय

क्या कहा किसान नेता रामचंद्र महतो ने
सीपीआई एम के किसान नेता रामचंद्र महतो ने आरोप लगाया है कि सरकार के आदेश से उलट जिले में 15 से 20 गुना मालगुजारी किसानों से लिया जा रहा है. दरअसल, नियम के विरुद्ध होने वाले इस वसूली को लेकर 15 से अधिक किसानों का जो पेपर लिया गया है, उसके अनुरूप जिन किसानों ने 2013 में 35 रुपये मालगुजारी जमा किया था. उनसे 2016 में 600 रुपये से अधिक लिए गए. यह हाल जिले के लगभग सभी हिस्सों के किसानों के साथ हुआ है.

मालगुजारी के नाम पर किसानों से ठगी

राजस्व विभाग क्या संज्ञान लेंगे
गौरतलब है की सरकारी नियम के अनुरूप जिले में वसूले गए मालगुजारी करोड़ो से ऊपर है. जिले के छह अंचल के 15 किसानों के भेजे कागजात के अनुसार ही , नियम के विरुद्ध इनसे 13 हजार 500 रुपये अतिरिक्त वसूले गए.इस मामले पर विभागीय अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. लेकिन अब देखना होगा, राजस्व विभाग और महालेखाकार इस मामले में कुछ संज्ञान लेता है या नहीं.

समस्तीपुरः जिले के किसानों से मालगुजारी के नाम पर सरकारी मनमानी चल रही है. मालगुजारी को लेकर किसानों से राज्य सरकार के नियम से विपरीत पैसे वसूले जा रहे हैं. आंकड़ो के अनुसार तय राशि से 18 से 20 फीसदी ज्यादा किसानों ने मालगुजारी दिया है.

जमीन पर लगने वाले सरकारी मालगुजारी में वसूली की कठिनाई दूर करने के लिए 2016 में सरकार ने 5 के गुणक में मालगुजारी और सेस के वसूली का आदेश दिया था. वहीं 2017 में इसमें संसोधन करते हुए 10 कर दिया गया है. लेकिन सरकार के इस आदेश के बाद भी किसानों से मालगुजारी वसूला जा रहा है. इस सरकारी दोहन के खिलाफ किसानों ने अपनी आवाज बुलंद कर दिया है. राजस्व विभाग से लेकर महालेखाकार तक को इस लूट की शिकायत की गयी है.

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क्या कहा किसान नेता रामचंद्र महतो ने
सीपीआई एम के किसान नेता रामचंद्र महतो ने आरोप लगाया है कि सरकार के आदेश से उलट जिले में 15 से 20 गुना मालगुजारी किसानों से लिया जा रहा है. दरअसल, नियम के विरुद्ध होने वाले इस वसूली को लेकर 15 से अधिक किसानों का जो पेपर लिया गया है, उसके अनुरूप जिन किसानों ने 2013 में 35 रुपये मालगुजारी जमा किया था. उनसे 2016 में 600 रुपये से अधिक लिए गए. यह हाल जिले के लगभग सभी हिस्सों के किसानों के साथ हुआ है.

मालगुजारी के नाम पर किसानों से ठगी

राजस्व विभाग क्या संज्ञान लेंगे
गौरतलब है की सरकारी नियम के अनुरूप जिले में वसूले गए मालगुजारी करोड़ो से ऊपर है. जिले के छह अंचल के 15 किसानों के भेजे कागजात के अनुसार ही , नियम के विरुद्ध इनसे 13 हजार 500 रुपये अतिरिक्त वसूले गए.इस मामले पर विभागीय अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. लेकिन अब देखना होगा, राजस्व विभाग और महालेखाकार इस मामले में कुछ संज्ञान लेता है या नहीं.

Intro:जिले के किसानों के साथ मालगुजारी के नाम पर हो रहा सरकारी मनमानी । मालगुजारी को लेकर राज्य सरकार के नियम से विपरीत वसूले जा रहे है किसानों से पैसे । आंकड़ो के अनुसार तय राशि से 18 से 20 फीसदी ज्यादा बीते कुछ वर्षों के अंदर किसानों ने दिया है मालगुजारी । वैसे इस सरकारी दोहन के खिलाफ किसान नेताओं ने आवाज उठाना बुलन्द किया है । राजस्व विभाग से लेकर महालेखाकार तक इस लूट की शिकायत की गयी है ।


Body:जमीन पर लगने वाले सरकारी मालगुजारी में पैसे में होने वाले वसूली की कठिनाई दूर करने को लेकर 2016 में सरकार ने 5 के गुणक में मालगुजारी व सेस के वसूली का आदेश दिया था । वैसे 2017 में इसे संसोधन करते हुए 10 किया गया । लेकिन सरकार के इस आदेश से विपरीत किसानों से मालगुजारी वसूला जा रहा । सीपीआई एम के किसान नेता रामचंद्र महतो ने इस मामले पर खुलासा करते हुए आरोप लगाया है की , सरकार के आदेश से उलट जिले में 5 व 10 गुणक बढ़ोतरी के बजाये 15 से 20 गुना मालगुजारी किसानों से लिया जा रहा । वंही इन्होंने इस मामले पर बिहार सरकार के भूमि एव राजस्व विभाग के साथ साथ महालेखाकार पटना को सभी साक्ष्य भेजे है । दरअसल नियम के विरुद्ध होने वाले इस वसूली को लेकर 15 से अधिक किसानों का जो पेपर लिया गया है , उसके अनुरूप जिन किसानों ने 2013 में 35 रुपये मालगुजारी जमा किया था उनसे 2016 में 600 रुपये से अधिक लिए गए । यह हाल जिले के लगभग सभी हिस्सों के किसानों के साथ हुआ । जिन किसानों ने 15 -16 में 120 रुपये जमा किये 18 में उनसे 500 रुपये लिया गया । किसान नेता के अनुसार नियम के अनुरूप हुए इस वसूली के कारण जिले के किसानों से कई करोड़ रुपये अधिक वसूले गए ।

बाईट - रामचंद्र महतो , किसान नेता ।

वीओ - वैसे इस मामले पर शिकायत के फेहरिस्त में 15 से अधिक किसानों के जमीन से जुड़ी सभी कागजात , बीते कुछ वर्षों के अंदर लिए गए मालगुजारी के सभी रशीद महालेखाकार व राजस्व विभाग को दिया गया है । यही नही रामचंद्र महतो के अनुसार इस तरह नियम के अनुरूप मालगुजारी का खेल सिर्फ इसी जिले में नही अन्य जिलों में भी चल रहा , और यह सरकार के आंकड़े ही बताते है । वित्तीय वर्ष 11-12 , 12-13 से 15-16 तक 300 करोड़ लक्ष्य के तुलना में 695 करोड़ रुपये मालगुजारी वसूले गए है ।

बाईट - रामचंद्र महतो , किसान नेता ।


Conclusion:गौरतलब है की सरकारी नियम के अनुरूप जिले में वसूले गए मालगुजारी करोड़ो से ऊपर है । जिले के छह अंचल के 15 किसानों के भेजे कागजात के अनुसार ही , नियम के विरुद्ध इनसे 13 हजार 500 रुपये अतिरिक्त वसूले गए । वैसे इस मामले पर विभागीय अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे । लेकिन अब देखना होगा , राजस्व विभाग व महालेखाकार इस मामले में कुछ संज्ञान लेता है या नही ।

क्लोजिंग ब्रीफ पीटीसी ।
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