समस्तीपुरः बिहार के समस्तीपुर में आशा कर्मी का प्रदर्शन लगातार जारी है. इसी बीच एक खबर आई है कि आशा ने एक प्रसूता को अस्पताल में घुसने से रोक दिया. मजबूरी में प्रसूता ने अस्पताल के गेट पर ही बच्चे को जन्म दिया. इस तरह से आशा की दादागिरी का प्रसूता के परिजनों ने काफी विरोध किया. लोगों ने कहा कभी आशा प्रसूता की मदद करती थी, लेकिन आज अपनी मांगों को लेकर अंधी हो गई है.
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पंद्रह दिनों से हड़ताल है आशाः मामला जिले के विभूतिपुर पीएचसी का है. अपनी कई मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ता बीते पंद्रह दिनों से हड़ताल पर है. जाहिर सी बात है इसका सबसे अधिक खामियाजा अगर कोई उठा रहा तो वह सिर्फ व सिर्फ जरूरतमंद मरीज हैं. इस आंदोलन के बीच गुरुवार को विभूतिपुर पीएचसी में काफी अमानवीय चेहरा देखने को मिला.
सिविल सर्जन ने दिए जांच का आदेशः प्रसव पीड़ा में छटपटाती एक महिला अस्पताल पहुंची थी, जहां आशा ने उसे अस्पताल में घुसने नहीं दिया. हद तो यह हो गयी की दर्द से छटपटाती उस महिला ने अस्पताल के गेट पर ही बच्चे को जन्म दिया. इस तरह से आशा दी दंबगई को लेकर सिविल सर्जन ने जांच का आदेश दिया है.
तभका पच्छमी की रहने वाली है प्रसूताः प्रखंड के तभका पच्छमी के रहने वाली कोमल को उसके परिजन गंभीर हाल में अस्पताल लेकर पंहुचे थे. आंदोलन के कारण उसे आशा कार्यकर्ताओं ने डिलेवरी वार्ड तक जाने नहीं दिया. दर्द से छटपटाती कोमल ने वहीं गेट पर गिड़ पड़ी और बच्चे को जन्म दिया. इससे सम्बंधित फोटो जिले में तेजी से वायरल हो रहा है.