सहरसाः आईओडब्ल्यू कार्यालय में कार्यरत रेलवे चौकीदार के पुत्र व उनके गुर्गों द्वारा महिला रेलकर्मियों कीपिटाई का मामला सामने आयाहै.पिटाई में रेलवे गार्ड सहित अन्यमहिलाएं घायल हो गई. घायल को तत्काल रेल अस्पताल में भर्ती किया गया है. जहां से एक को सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया.घायल गार्ड कीशिकायत पर रेलवे थाना में मामलादर्ज किया गया है.
एक ओर जहां रेल प्रशासन सहरसा जंक्शन को देश का बेहतर रेलवे स्टेशन बनाने की कवायद में जुटा हैवहीं, कुछ रेलकर्मियों की वजह से रेलवे क्वार्टरों का अवैध तरीके से अतिक्रमण कर लिया गया है. इतना ही नहीं उस रेल परिसर के अंदर रेलवे अधिकारी व कर्मियों के मिलीभगत से अवैध निर्माण करवा कर उसे किराये पर भी लगवा दिया गया है. रेलवे क्वार्टर पर अवैध कब्जाधारियों की शिकायत करने गयी गार्ड सहित महिला रेलकर्मी की पिटाई कर दीगई.
नहीं सुनी जाती है शिकायत
अवैध कब्जाधारियों की शिकायत रेल अधिकारी कार्यालय में हमेशा किया गया,लेकिनइसे हटाना तो दूर कोई शिकायत सुनने के लिये भी तैयार नहीं है. घटना के दिन इन पीड़ितों का कसूर मात्र इतना था कि ये लोग अपनी शिकायत लेकर आईओडब्ल्यू कार्यालय गईंथी.जहां पूर्व से मौजूद कार्यालय चौकिदार ने अपने पुत्र सहित अन्य असामाजिक तत्वों को बुलाकार इन लोगों की जमकर पिटाई कर दी. जिससे गार्ड सहित महिला रेल कर्मी घायल हो गईं.
पीड़ितमहिलाओं की भी सुने
घायल गार्ड जेपी सिंह की माने तो वहशिकायत करने जा रही महिलाओं के साथ कार्यालय गईथा, जहां उसे बुरी तरह पीट कर घायल कर दिया.वहीं, इस पक्ष की एक और पीड़ित नीतू की माने तो यहां रेलवे क्वार्टरों में अवैध रूप से अतिक्रमण करके उसी स्थल पर अवैध निर्माण किया गया है. साथ ही मकान का निर्माण कर किराए पर लगा दिया गया. जहां आए दिन असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. जिससे न सिर्फ उनलोगों की सुरक्षा प्रभावित होती है बल्कि रेलवे के राजस्व को भी चुना लगाया जा रहा है.
रेल पुलिस का क्या है कहना
रेल पुलिस अधिकारी मो. मुजम्मिल ने कहा किइस घटना की सूचना मिली है. आवेदन प्राप्त होते ही मामला दर्ज कर तत्काल कार्रवाई शुरु कर दी जाएगी.मालूम हो कि लंबे समय से रेलवे क्वार्टर परिसर में अवैध कब्जा कर मकान निर्माण करवा कर भाड़ा लगाया जाता रहा है. जिससे वहां न सिर्फ असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है, बल्कि इस परिसर में रहने वाले वैध रेल कर्मियों कीजान हमेशा खतरेमेंरहतीहै. जरूरत है रेलवे अधिकारियों को इस पर गंभीरता दिखाने की, जिससे इस अवैध निर्माण का पर्दाफाश हो सके.