सहरसा: जिले के बिहरा थाना क्षेत्र के पटौरी बाजार में एक वसुधा केंद्र (Vasudha Kendra in Saharsa) में आरपीएफ की टीम ने छापेमारी की. जहां जांच के दौरान 22 टिकट बरामद (22 train tickets seized in Saharsa) किया गया. जिसकी कीमत 32 हजार रुपये है. वसुधा केंद्र से मिले सभी टिकट लंबी दूरी की ट्रेनों के हैं. आरपीएफ की टीम ने टिकट और लैपटॉप को जब्त करते हुए वसुधा केंद्र संचालक को गिरफ्तार (Ticket broker arrested in Saharsa) कर लिया. आरोपी के खिलाफ आरपीएफ ने मामला दर्ज कर जेल भेज दिया है. वहीं, जब्त किए गए लैपटॉप को एक्सपर्ट के द्वारा खंगाला जा रहा है. जिससे पूर्व में किए गए गोरखधंधे की पोल खुल सके.
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वसुधा केंद्र में क्यों पड़ा छापा: जानकारी के मुताबिक, काफी समय से रेलवे सुरक्षा बल को वसुधा केंद्र से मोटी रकम लेकर यात्रियों को टिकट बेचे जाने की जानकारी मिल रही थी. इसके बाद आरपीएफ की टीम ने शनिवार को गुप्त सूचना के आधार पर पटोरी बाजार में वसुधा केंद्र पर छापा मारा. जहां वसुधा केंद्र संचालक संतोष काफी दिनों से पर्सनल यूजर आईडी से टिकट बुक करके दलाली का काम कर रहा था. रंगे हाथों टिकट के साथ पकड़े जाने पर उसकी गिरफ्तारी संभव हुई.
कैसे होता है टिकट का कारोबार: रेल यात्रियों को आरक्षण केंद्र पर पहुंचकर टिकट आरक्षण करने की रस्साकशी से बचाने के लिए रेलवे द्वारा कई सुविधाएं दी गयी हैं. जिससे लोग घर बैठे पर्सनल यूजर आईडी से टिकट आरक्षित कर सकते हैं, लेकिन रेलवे के इसी नियम का साइबर कैफे और वसुधा केंद्र संचालक गलत फायदा उठाते हैं. वे अपनी निजी यूजर आईडी पर लोगों के नाम से टिकट को बुक करके कई गुना अधिक कीमत पर बेचते हैं. जिससे उनकी दलाली का धंधा चलता है और आम लोगों को टिकट नहीं मिल पाता. जिसमें उन्हें मोटी रकम मिलती है.
बुकिंग में लिखा जाता है संक्षिप्त नाम: टिकट आरक्षित करने के दौरान कारोबारी काफी सावधानी बरतते हैं. जिसमें सबसे पहले वे संक्षिप्त नाम डालकर टिकट आरक्षित करते हैं. जिसमें किसी के नाम का पहला अक्षर डाल देते हैं. इसके साथ कई बार फर्जी आई-डी भी मुहैया करा देते हैं. जिसे चेकिंग के दौरान टीटीई भी नहीं पकड़ पाते. जिसके कारण उनकी दलाली चलती रहती है.
इस साल 4 टिकट दलाल गिरफ्तार: मुंगेर में जनवरी से मार्च महीने तक की बात करें तो आरपीएफ 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें टिकट दलाली करते साइबर कैफे संचालक और वसुधा केंद्र संचालक शामिल हैं. आरपीएफ के द्वारा गिरफ्तार किये गये टिकट कारोबारियों से लाखों रुपए के सैकड़ों अवैध रेल टिकट जब्त किया गया है.
संतोष को आईआरसीटीसी से रेल टिकट बनाने का कोई लाइसेंस नहीं मिला था. वह कई दिनों से रेल टिकट की दलाली कर रहा था. उसके यहां से लगभग 32 हजार के कुल 22 रेल टिकट बरामद किए गए हैं और लैपटॉप जब्त किया गया है. जिसकी जांच की जा रही है. -वन्दना कुमारी, आरपीएफ इंस्पेक्टर
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