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RJD के कद्दावर नेता स्वर्गीय अब्दुल गफूर के बेटे ने थामा LJP का दामन, जीत का किया दावा - पूर्व मंत्री अब्दुल गफूर

RJD के कद्दावर नेता स्वर्गीय अब्दुल गफूर के बेटे ने लोजपा का दामन थाम लिया है. उन्होंने लोजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.

अब्दुल गफूर के बेटे
अब्दुल गफूर के बेटे
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Published : Oct 18, 2020, 8:10 PM IST

सहरसा: टिकट नहीं मिलने से आहत राजद के कद्दावर नेता स्वर्गीय अब्दुल गफूर के बेटे ने आरजेडी के खिलाफ बगावत का ऐलान करते हुए लोजपा से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. एलजेपी ने उनको पार्टी का सिंबल भी दे दिया है. पार्टी सिंबल लेकर वापस सहरसा वापस लौटने के बाद मो. रज्जाक के समर्थकों ने उन्हें मिथिला परम्परा के अनुसार पाग-चादर देकर भव्य स्वागत किया. जिसके बाद उनका काफिला महिषी विधानसभा क्षेत्र के नवहट्टा और सत्तर कटैया प्रखंड होते हुए सहरसा के लिए रवाना हो गया. बता दें कि मो. रज्जाक 19 अक्टूबर को अपना नामांकन पर्चा दाखिल करेंगे.

आरजेडी के शीर्ष नेतृत्व पर लगाया गंभीर आरोप
दरअसल, मो. रज्जाक तत्कालीन राजद विधायक सह पूर्व मंत्री अब्दुल गफूर के बेटे हैं. आरेजेडी के शीर्ष नेतृत्व ने टिकट वितरण के अंतिम क्षणों में मो. रज्जाक का टिकट काट दिया. जिस वजह से मो. रज्जाक ने लोजपा का दामन थाम लिया है. राजनीति में आने के बारे में मो. रज्जाक ने बताया कि हाल ही में उनके पिता अब्दुल गफूर का निधन हो गया था. जिसके बाद वे राजद के शीर्ष नेताओं के आश्वासन पर अपनी नौकरी छोड़ कर पिता के राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए राजद से जुड़े थे. उन्होंने बताया कि पार्टी के टिकट देने के आश्वाशन पर वे लगातार सात महीनों तक क्षेत्र में घूम कर जमीनी स्तर से जनता से जुड़े रहे. उन्होंने बताया कि टिकट वितरण के दौरान पार्टी ने उनको अंधेरे में रखते हुए किसी बाहरी को टिकट दे दिया.

देखें रिपोर्ट

मो. रज्जाक ने आगे बताया कि जनता की मांग पर वे लोजपा से जुड़े और पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने का मन बनाया. उन्होंने बताया कि राजद में कुछ मौकापरस्त लोगों है. जिसकी वजह से आरजेडी ने उनका टिकट काट महिषी के जनता के साथ धोखा किया. उन्होंने कहा कि उनके पिता अब्दुल गफूर ने क्षेत्र के विकास में अपना पूरा जीवन खपा दिया था. इसलिए वे उनके नक्शे कदम पर चलने का भरसक कोशिश करेंगे.

तीन चरणों में चुनाव
बता दें कि बिहार विधानसभा के 243 सीट के लिए तीन चरणों में मतदान होने हैं. मतदान 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को होगा. जबकि, मतों की गणना 10 नवंबर को होगी. पहले चरण के चुनाव में 16 जिले के 71 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे, जबकि 3 नवंबर को दूसरे चरण के लिए 17 जिले के 94 सीट और 7 नवंबर को तीसरे चरण में 15 जिलों की 78 सीटों पर मतदान होगा.

सहरसा: टिकट नहीं मिलने से आहत राजद के कद्दावर नेता स्वर्गीय अब्दुल गफूर के बेटे ने आरजेडी के खिलाफ बगावत का ऐलान करते हुए लोजपा से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. एलजेपी ने उनको पार्टी का सिंबल भी दे दिया है. पार्टी सिंबल लेकर वापस सहरसा वापस लौटने के बाद मो. रज्जाक के समर्थकों ने उन्हें मिथिला परम्परा के अनुसार पाग-चादर देकर भव्य स्वागत किया. जिसके बाद उनका काफिला महिषी विधानसभा क्षेत्र के नवहट्टा और सत्तर कटैया प्रखंड होते हुए सहरसा के लिए रवाना हो गया. बता दें कि मो. रज्जाक 19 अक्टूबर को अपना नामांकन पर्चा दाखिल करेंगे.

आरजेडी के शीर्ष नेतृत्व पर लगाया गंभीर आरोप
दरअसल, मो. रज्जाक तत्कालीन राजद विधायक सह पूर्व मंत्री अब्दुल गफूर के बेटे हैं. आरेजेडी के शीर्ष नेतृत्व ने टिकट वितरण के अंतिम क्षणों में मो. रज्जाक का टिकट काट दिया. जिस वजह से मो. रज्जाक ने लोजपा का दामन थाम लिया है. राजनीति में आने के बारे में मो. रज्जाक ने बताया कि हाल ही में उनके पिता अब्दुल गफूर का निधन हो गया था. जिसके बाद वे राजद के शीर्ष नेताओं के आश्वासन पर अपनी नौकरी छोड़ कर पिता के राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए राजद से जुड़े थे. उन्होंने बताया कि पार्टी के टिकट देने के आश्वाशन पर वे लगातार सात महीनों तक क्षेत्र में घूम कर जमीनी स्तर से जनता से जुड़े रहे. उन्होंने बताया कि टिकट वितरण के दौरान पार्टी ने उनको अंधेरे में रखते हुए किसी बाहरी को टिकट दे दिया.

देखें रिपोर्ट

मो. रज्जाक ने आगे बताया कि जनता की मांग पर वे लोजपा से जुड़े और पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने का मन बनाया. उन्होंने बताया कि राजद में कुछ मौकापरस्त लोगों है. जिसकी वजह से आरजेडी ने उनका टिकट काट महिषी के जनता के साथ धोखा किया. उन्होंने कहा कि उनके पिता अब्दुल गफूर ने क्षेत्र के विकास में अपना पूरा जीवन खपा दिया था. इसलिए वे उनके नक्शे कदम पर चलने का भरसक कोशिश करेंगे.

तीन चरणों में चुनाव
बता दें कि बिहार विधानसभा के 243 सीट के लिए तीन चरणों में मतदान होने हैं. मतदान 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को होगा. जबकि, मतों की गणना 10 नवंबर को होगी. पहले चरण के चुनाव में 16 जिले के 71 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे, जबकि 3 नवंबर को दूसरे चरण के लिए 17 जिले के 94 सीट और 7 नवंबर को तीसरे चरण में 15 जिलों की 78 सीटों पर मतदान होगा.

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