सहरसा: जिले के सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल अस्पताल से डॉक्टर की ओर से बरती जा रही लापरवाही की तस्वीर सामने आई है. इस तस्वीर ने स्वास्थ्य विभाग के दावे की पोल खोलकर रख दी है. दरअसल, अनुमंडल अस्पताल में मरीजों का इलाज डॉक्टर नहीं सुरक्षा गार्ड कर रहे हैं. मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किए जाने की ये तस्वीर स्वास्थ विभाग को सवालों के कठघरे में खड़ा कर दिया है.
दरअसल, मामला 28 जुलाई की रात की है. सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल में सड़क हादसों में कई लोग घायल हो गए थे. घायलों को इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल लाया गया, जहां उनका इलाज अस्पताल के डॉक्टर नहीं बल्कि सुरक्षा गार्ड ने किया. घायल मरीज का इलाज कर रहे व्यक्ति का नाम गोनू कुमार ठाकुर है. गोनू अनुमंडल अस्पताल में सुरक्षा गार्ड के पद पर कार्यरत है.
डॉक्टर की लापरवाही
इस दौरान रात में अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर हरेन्द्र प्रसाद आर्या ने घायलों का इलाज करने में कोई दिलचस्पी नहीं ली. डॉक्टर घायलों का नाम पता नोट करने में मशगूल थे और इलाज अस्पताल के सुरक्षा गार्ड से करवा रहे थे. यह तस्वीर अपने आप में कई सवाल खड़े करती है.
दोषी पर होगी कार्रवाई- सिविल सर्जन
वहीं, इस बाबत इलाज कर रहे गार्ड गोनू ठाकुर ने बताया कि अस्पताल में कम्पाउण्डर की कमी है. इसलिए मानवता के नाते वो मरीजों का इलाज कर रहा है. गोनू ठाकुर ने कहा कि वह लोगों की मदद कर रहे हैं. वहीं इस मामले पर सिविल सर्जन डॉ. ललन प्रसाद सिंह ने बताया कि इस तरह का मामला मेरे संज्ञान में आया है. इसकी जांच की जा रही है. जो भी दोषी होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी.