सहरसाः जिले में आगामी 7 नवम्बर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा. इस दौरान जिले के सभी स्कूल एंव आंगनबाड़ी केन्दों के बच्चों (Children Will Given Albendazole Tablet In saharsa) को कृमि से मुक्ति के लिए एल्बेंडाजोल दवा खिलाई जाएगी. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ कुमार विवेकानंद (Dr Kumar Vivekananda) ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूल के बच्चों को कृमि से मुक्ति के लिए एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी. उन्होंने आगे बताया कि जिले में एक साल से 19 साल तक के बच्चों व किशोर-किशोरियों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी. साथ ही छूटे हुए बच्चों को दवा खिलाने के लिए 11 नवम्बर को मॉपअप राउंड चलाया जाएगा.
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1946 आंगनबाड़ी 1842 स्कूल में चलाई जाएगी योजनाः जिले के कुल 1946 आंगनबाड़ी केंद्र और 1842 स्कूल में उम्र के हिसाब से ये दवा खिलाई जाएगी. उन्होंने बताया कि विद्यालयों में शिक्षक और आंगनबाड़ी सेविका के सामने ही दवा खिलानी है. पेट में कीड़े यानि सॉयल ट्रांसमिटेड हेलमिंथ समस्या के प्रति लोगों को जागरूक करने और इस समस्या से निपटने के लिए 7 नवम्बर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर उम्र के हिसाब से बच्चों को एल्बेंडाजोल दवा खिलाई जाएगी.
12 लाख बच्चों को खिलाई जाएगी दवा : डॉ कुमार विवेकानंद ने बताया कि जिले के कुल 12 लाख 38 हजार बच्चों व किशोर-किशोरियों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है. सभी सीएचसी और पीएचसी केन्द्रों को एल्बेंडाजोल दवा उपलब्ध करा दी गई है. जिले में कुल 11 लाख 50 हजार 57 एल्बेंडाजोल की गोली की खपत होगी.
उल्टी या मिचली महसूस होने पर घबराए नहींः डॉ कुमार विवेकानंद ने बताया कि कृमि संक्रमण से बच्चों के स्वास्थ्य पर कई प्रकार के हानिकारक प्रभाव देखे जाते हैं. कुपोषण, खून की कमी, भूख न लगना, बेचैनी, पेट में सूजन और उल्टी दस्त से बच्चा परेशान रहता है. अगर दवा खाने के बाद उल्टी या मिचली महसूस होती है तो घबराने की जरूरत नहीं है. पेट में कीड़े ज्यादा होने पर दवा खाने के बाद सिरदर्द, उल्टी, मिचली, थकान होना या चक्कर आना महसूस होना एक सामान्य प्रक्रिया है. दवा खाने के थोड़ी देर बाद सब ठीक हो जाता है. किसी प्रकार के प्रतिकूल प्रभाव होने पर तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर सकते हैं.