सहरसा : सोमवार 10 अप्रैल को 6 महीने में तीसरी बार पूर्व सांसद आनंद मोहन पेरोल पर सहरसा मंडल कारा से बाहर आये हैं. बेटे और राजद विधायक चेतन आनंद की सगाई को लेकर पूर्व सांसद आनंद मोहन को 15 दिनों की पेरोल मिली है. राजद विधायक चेतन आंनद का उपनयन 16 अप्रैल को है और सगाई 24 अप्रैल को है. शादी 3 मई को देहरादून में होने जा रही है. इसी को लेकर पूर्व सांसद आनंद मोहन को 15 दिनों की पेरोल मिली है. पेरोल मिलते ही जेल से बाहर आने के बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन सबसे पहले अपनी बीमार माँ का हाल चाल जानने निजी क्लिनिक गए उसके बाद अपने निज आवास पर गए. वहां उन्होंने अपने कार्यकर्ता से मुलाकात की.
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आनंद मोहन को फिर पेरोल: गौरतलब है कि पूर्व सांसद आनंद मोहन को विगत 6 महीने के अंदर तीन बार पेरोल मिल चुकी है. पहला पेरोल बेटी एडवोकेट सुरभि आनंद की सगाई को लेकर 5 नवंबर को मिली थी. सुरभि की सगाई 7 नवम्बर को थी. फिर 21 नवंबर को पेरोल खत्म होते ही वो मंडल कारा सहरसा जेल चले गए. दूसरी पेरोल 5 फरवरी को मिली थी. बेटी एडवोकेट सुरभि आनंद की शादी को लेकर जो शादी 15 फरवरी को थी. उसके बाद फिर 21 फरवरी को पेरोल खत्म होते ही 21 फरवरी को मंडल कारा जेल चले गए. उसके बाद तीसरी पेरोल बेटे की सगाई को लेकर सोमवार 10 अप्रैल को 15 दिनों की पेरोल मिली.
15 दिनों के लिए बाहर निकले आनंद मोहन: जेल से बाहर आये पूर्व सांसद आनंद मोहन ने सोमवार को मीडिया से वार्तालाप के दौरान बताया कि बेटे चेतन आनंद की सगाई को लेकर 15 दिनों की पेरोल मिली है. बेटे का उपनयन है. 16 अप्रैल को देहरादून में और 24 अप्रैल को सगाई है पटना में. इसी दोनों कार्यक्रम को लेकर 15 दिनों का पेरोल मिली है. आगे शादी भी है 3 मई को. अब देखिए आगे क्या होता है.
अपनी स्थाई रिहाई पर क्या बोले आनंद मोहन: वहीं, मीडिया ने स्थायी रिहाई को लेकर भी सवाल किया तो उन्होंने बताया कि मेरी समझ से ठीक रहना चाहिए. वो समय भी आना चाहिए. जब मीडिया ने दोबारा फिर सवाल किया कब तक स्थायी रिहाई की उमीद है तो उन्होंने बताया कि इसका तो मैं जबाब नहीं दे सकता. वैसे मैं समझ रहा हूँ कि समर्थकों में बेचैनी है, जो कि वाजिब है. उन्होंने ये भी कहा कि लंबे समय से लोग इंतजार कर रहे हैं. लेकिन ये तो मेरे बस की बात नहीं है. ये तो सरकार फैसला करेगी, जो स्थिति सकारात्मक दिख रही है, आगे देखिए क्या होता है
''वैसे मैं समझ रहा हूँ कि समर्थकों में बेचैनी है, वाजिब है. लंबे समय से लोग इंतजार कर रहे हैं. लेकिन ये तो मेरे बस में नहीं है. ये तो सरकार फैसला करेगी, जो स्थिति दिख रही है वो सकारात्मक है,आगे देखिए क्या होता है.''- आनंद मोहन, पूर्व सांसद