रोहतासः बिहार में अब शराब माफियाओं की खैर नहीं है. पुलिस टीम पर हमला को देखते हुए हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई है. जिले के डेहरी ऑन सोन के बी सैप 2 के ग्राउंड में मध निषेध विभाग की टीम को ट्रेनिंग दी गई. राज्य सरकार खासकर ऐसे जांबाज महिला व पुरुष पुलिस फोर्स को तैयार कर रही है, ताकि शराब माफियाओं के छक्के छुड़ाए जा सके. सबसे बड़ी बात यह है कि इस कड़ी ट्रेनिंग में महिला सशक्तिकरण की मिसाल भी देखने को मिल रहा है. हाथों में 9 एमएम की पिस्टल लिए महिला एसआई और एएसआई अपना निशाना लगा रही है.
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बिहार के मध निषेध विभाग की टीम ले रही ट्रेनिंगः शराब व शराब माफियाओं के विरुद्ध छापेमारी के दौरान उत्पाद विभाग की टीम पर बढ़ते हमले के मद्देनजर अधिकारी व सिपाही को हथियार चलाने की ट्रनिंग दी जा रही है. ट्रेनिंग राज्य के विभिन्न जिलों से आए उत्पाद विभाग के 350 कर्मी भाग ले रहे हैं, जिनमें दरोगा, एएसआई एवं सिपाही शामिल हैं. रोहतास जिले के उत्पाद विभाग के 14 कर्मी ट्रेनिंग में भाग ले रहे हैं. इनकी ट्रेनिंग 10 जून 2023 तक चलेगी.
बीसैप के ट्रेंड दे रहे हैं ट्रेनिंगः अधिकारियों व कर्मियों को ट्रेनिंग दे रहे हवलदार मनोज कुमार बताते हैं कि सूबे के अफसर रैंक से लेकर सभी सहायक आयुक्त व एसआई व एएसआई तक सभी को आर्म्स की कड़ी ट्रेनिंग दी जा रही है. जिस तरह से छापेमारी के दौरान खतरों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में यह लड़ सकें इसके मद्देनजर बिहार सरकार ने बी सैप 2 को ट्रेनिंग के लिए चुना है. इन्हें यहां शस्त्र चलाने व शस्त्र के बारे में जानकारी दी जा रही है.
तीन दिनों तक ट्रेनिंग मिलेगीः ट्रेनिंग के संबध में जानकारी देते हुए उत्पाद विभाग की अमृता रंजन ने बताया कि ट्रेनिंग के लिए कुल तीन बैच बनाए गए हैं. प्रत्येक बैच को तीन दिन ट्रेनिंग दी जाएगी. प्रथम दो दिन हथियारों के संचालन के विषय में विस्तार से जानकारी दी जाएगी. इसके बाद तीसरे दिन फयारिंग की प्रैक्टिल ट्रेनिंग दी जाएगी. प्रत्येक प्रशिक्षु को फायरिंग के लिए 25 गोलियां दी जाएगी. फायरिंग की ट्रेनिंग रविवार से दी जाएगी.
"बिहार सरकार मद्य निषेध विभाग को सशक्त करने के लिए पूरे राज्य भर की टीम को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रही है. ताकि किसी भी खतरे का सामना कर सकें. 9 एमएम पिस्टल जो सरकार के द्वारा प्रोवाइड की गई है. उसकी तमाम जानकारी दी जा रही है. ताकि अभियान के दौरान बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सके." -अमृता कुमारी, असिस्टेंट कमिश्नर, मद्य निषेध विभाग
"मद्य निषेध टीम के द्वारा छापेमारी के क्रम में कभी-कभी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में पिस्टल की ट्रेनिंग मिलने से अभियान के दौरान काफी सहूलियत मिलेगी. इसी को देखते हुए रोहतास में तीन दिवसीय ट्रेनिंग दी जा रही है. इसमें बिहार के सभी जिले से पुलिस बल शामिल हुए हैं." -आर रजनीश, एक्साइज सुपरीटेंडेंट, सारण