ETV Bharat / bharat

71 साल के 'लव गुरु' को 'जूली' से बेस्ट 'फ्यूचर गर्लफ्रेंड' क्यों चाहिए? जानिए मटुकनाथ की जुबानी - MATUKNATH

लव गुरु मटुकनाथ ने फेसबुक पर अपनी 'फ्यूचर गर्लफ्रेंड' के लिए विज्ञापन क्यों निकाला? जूली से उनका कैसा रिश्ता है? सबके बारे में उन्होंने बताया-

लव गुरु का 2025 वाला न्यू फैमिली प्लान?
लव गुरु का 2025 वाला न्यू फैमिली प्लान? (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 29, 2024, 9:55 PM IST

पटना : पटना विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर मटुकनाथ, जो शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए काम कर रहे हैं, ने नवगछिया में एक आदर्श स्कूल शुरू किया है. उनका मकसद हर साल 10 गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देना और उनके चरित्र निर्माण पर ध्यान देना है.

स्कूल में बच्चों को सिर्फ पढ़ाई नहीं, बल्कि सफाई जैसे जरूरी कामों में भी हिस्सा लिया जाता है. मटुकनाथ ने बताया कि स्कूल को चलाने के लिए वह अपनी संपत्ति बेचकर एक करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रहे हैं.

लव गुरु मटुकनाथ से बातचीत (ETV Bharat)

लव गुरु का 2025 वाला न्यू फैमिली प्लान? : प्रोफेसर मटुकनाथ ने हाल ही में फेसबुक पर अपनी जीवन संगिनी के लिए विज्ञापन दिया है, जिसमें उन्होंने अपनी 'फ्यूचर गर्लफ्रेंड' के फीचर को स्पष्ट किया है. वह एक ऐसी महिला चाहते हैं, जो वासना रहित प्यार, अच्छे भोजन बनाने, पुस्तकों और यात्रा में रुचि रखने वाली हो.

लव गुरु ने यह भी कहा कि उनका परिवार बहुत बड़ा है और वह अपनी जिंदगी में संतुष्ट हैं, हालांकि 'जूली' से उनके रिश्ते अब दोस्ती में बदल चुके हैं. उनसे बातचीत का कुछ अंश नीचे है.

ईटीवी भारत : आपकी भविष्य की योजना क्या है और आदर्श स्कूल स्थापित करने की दिशा में कहां तक पहुंचे हैं?

मटुकनाथ, लव गुरु : मैंने नवगछिया में एक स्कूल स्थापित किया है, जहां हर साल 10 बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का लक्ष्य है. फिलहाल स्कूल में 40 बच्चे हैं और उनके चरित्र निर्माण पर हम विशेष ध्यान दे रहे हैं. बच्चों को सामान्य शिक्षा दी जा रही है, साथ ही उनके संस्कारों में सफाई को भी शामिल किया गया है.

शिक्षक और बच्चों को सफाई के काम में लगना होता है. मैं चाहता हूं कि स्वच्छता को जीवन का अहम हिस्सा माना जाए और छात्र स्वावलंबी बनें. महात्मा गांधी के विचारों को भी हम इस स्कूल में लागू करना चाहते हैं. इस स्कूल के संचालन के लिए मैं एक करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रहा हूं और इसके लिए संपत्ति बेचकर पैसे जुटाने की योजना है.

ईटीवी भारत : आपके पारिवारिक जीवन के बारे में बताएं, क्या आप अकेले हैं या आपके साथ कोई है?

मटुकनाथ, लव गुरु : मेरा परिवार बहुत बड़ा है, और मैं 'वसुदेव कुटुंबकम' में विश्वास रखता हूं. मेरा पारिवारिक दायरा कभी इतना बड़ा नहीं था, लेकिन अब मुझे लगता है कि जो लोग मुझसे प्यार करते हैं, वही मेरे परिवार हैं. मैं परिवार से ऊपर उठ चुका हूं.

ईटीवी भारत : आपके परिवार में कौन-कौन है और क्या उनका आपको समर्थन मिलता है?

मटुकनाथ, लव गुरु : मेरा एक बेटा है, जो स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में रहता है. उसकी पत्नी भी नौकरी करती है. हमें एक-दूसरे की मदद की जरूरत नहीं होती, और मैं जरूरत पड़ने पर उसे मदद कर देता हूं. दोनों नौकरी में हैं और वहां घर बना कर रह रहे हैं.

ईटीवी भारत : आपने जूली के साथ प्रेम किया था, वह आजकल कहां हैं?

मटुकनाथ, लव गुरु : जूली इस समय वेस्टइंडीज में हैं और साध्वी हो गई हैं. उनका जीवन अब पूरी तरह धर्म और ध्यान में समर्पित हो गया है. कभी-कभी हम संपर्क में रहते हैं और वह हमारे स्कूल के लिए कुछ भेजती हैं. उनके साथ एक वृद्ध संन्यासी रहते हैं जो उनका ध्यान रखते हैं.

ईटीवी भारत : क्या अभी भी जूली के साथ आपका प्रेम है जैसा पहले था?

मटुकनाथ, लव गुरु : प्रेम तो मैं पूरे संसार से करता हूं, यहां तक कि अपने शत्रुओं से भी. मैं किसी का नुकसान नहीं चाहता. जूली के साथ प्रेम और मित्रता आज भी है, लेकिन जो संबंध पहले थे, अब वह नहीं हो सकते. अब न उनके पास कोई कमी है, न मेरी तरफ से कोई कमी है.

ईटीवी भारत : क्या जूली जी से मिलने की कोई इच्छा है?

मटुकनाथ, लव गुरु : एक बार जूली ने मुझसे मिलने की इच्छा जताई थी जब मैं अमेरिका जा रहा था. उन्होंने कहा था कि लौटते हुए मिलना, लेकिन मैं नहीं जा सका.

ईटीवी भारत : कोरोना संकट के दौरान जूली जी बीमार पड़ी थीं, उस दौरान आपकी भूमिका क्या थी?

मटुकनाथ, लव गुरु : कोरोना के दौरान जूली ठीक हो गई थीं, लेकिन उससे पहले वह बीमार पड़ी थीं. 6 मार्च 2020 को मैं वेस्टइंडीज गया था, और उन्हें लेकर लौटने का विचार था. मुझे वहां चार महीने रहना पड़ा, जब वह स्वस्थ हुईं तब मैं वापस आ पाया.

ईटीवी भारत : आपने जीवन संगिनी के लिए जो शर्तें रखी हैं, वह क्यों रखी हैं?

मटुकनाथ, लव गुरु : यह हमारी बातों का हिस्सा है. मैं कई प्रकार की बातें लिखता हूं, लेकिन लोग उन पर ध्यान नहीं देते. आचार्य रजनीश ने 'संभोग से समाधि की ओर' पुस्तक लिखी, लेकिन उसकी चर्चा बहुत हुई, जबकि उन्होंने 500 से अधिक पुस्तकें लिखी थीं, जिनकी चर्चा नहीं हुई. मुझे पता है कि जिन गुणों वाली महिला मैं चाहता हूं, वह मिलना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन अगर वह मिल गई तो मैं उसे प्यार कर सकता हूं. अगर वह नहीं मिली तो वैसा ही रहूंगा. जिन महिलाओं में ये गुण नहीं हैं, वे मुझसे दोस्ती करने की कोशिश न करें.

ईटीवी भारत : क्या जो शर्तें आपने रखी हैं, वह जूली जी में थीं? आपको जूली जी से फिर मिलने की इच्छा है?

मटुकनाथ, लव गुरु : जूली जी का वर्तमान रूप वह नहीं है, जिससे प्रेम की स्थिति बन सके. हम दोनों नदी के दो किनारे की तरह हैं. जो गुण मैंने बताए हैं, वे जूली जी में भी नहीं हैं, और अब हम दोनों अलग रास्तों पर हैं.

ये भी पढ़ें- 71 साल के 'लव गुरु' मटुकनाथ को चाहिए 'बूढ़ी प्रेमिका', फेसबुक पर लिखा- 'आवश्यकता है..'

पटना : पटना विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर मटुकनाथ, जो शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए काम कर रहे हैं, ने नवगछिया में एक आदर्श स्कूल शुरू किया है. उनका मकसद हर साल 10 गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देना और उनके चरित्र निर्माण पर ध्यान देना है.

स्कूल में बच्चों को सिर्फ पढ़ाई नहीं, बल्कि सफाई जैसे जरूरी कामों में भी हिस्सा लिया जाता है. मटुकनाथ ने बताया कि स्कूल को चलाने के लिए वह अपनी संपत्ति बेचकर एक करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रहे हैं.

लव गुरु मटुकनाथ से बातचीत (ETV Bharat)

लव गुरु का 2025 वाला न्यू फैमिली प्लान? : प्रोफेसर मटुकनाथ ने हाल ही में फेसबुक पर अपनी जीवन संगिनी के लिए विज्ञापन दिया है, जिसमें उन्होंने अपनी 'फ्यूचर गर्लफ्रेंड' के फीचर को स्पष्ट किया है. वह एक ऐसी महिला चाहते हैं, जो वासना रहित प्यार, अच्छे भोजन बनाने, पुस्तकों और यात्रा में रुचि रखने वाली हो.

लव गुरु ने यह भी कहा कि उनका परिवार बहुत बड़ा है और वह अपनी जिंदगी में संतुष्ट हैं, हालांकि 'जूली' से उनके रिश्ते अब दोस्ती में बदल चुके हैं. उनसे बातचीत का कुछ अंश नीचे है.

ईटीवी भारत : आपकी भविष्य की योजना क्या है और आदर्श स्कूल स्थापित करने की दिशा में कहां तक पहुंचे हैं?

मटुकनाथ, लव गुरु : मैंने नवगछिया में एक स्कूल स्थापित किया है, जहां हर साल 10 बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का लक्ष्य है. फिलहाल स्कूल में 40 बच्चे हैं और उनके चरित्र निर्माण पर हम विशेष ध्यान दे रहे हैं. बच्चों को सामान्य शिक्षा दी जा रही है, साथ ही उनके संस्कारों में सफाई को भी शामिल किया गया है.

शिक्षक और बच्चों को सफाई के काम में लगना होता है. मैं चाहता हूं कि स्वच्छता को जीवन का अहम हिस्सा माना जाए और छात्र स्वावलंबी बनें. महात्मा गांधी के विचारों को भी हम इस स्कूल में लागू करना चाहते हैं. इस स्कूल के संचालन के लिए मैं एक करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रहा हूं और इसके लिए संपत्ति बेचकर पैसे जुटाने की योजना है.

ईटीवी भारत : आपके पारिवारिक जीवन के बारे में बताएं, क्या आप अकेले हैं या आपके साथ कोई है?

मटुकनाथ, लव गुरु : मेरा परिवार बहुत बड़ा है, और मैं 'वसुदेव कुटुंबकम' में विश्वास रखता हूं. मेरा पारिवारिक दायरा कभी इतना बड़ा नहीं था, लेकिन अब मुझे लगता है कि जो लोग मुझसे प्यार करते हैं, वही मेरे परिवार हैं. मैं परिवार से ऊपर उठ चुका हूं.

ईटीवी भारत : आपके परिवार में कौन-कौन है और क्या उनका आपको समर्थन मिलता है?

मटुकनाथ, लव गुरु : मेरा एक बेटा है, जो स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में रहता है. उसकी पत्नी भी नौकरी करती है. हमें एक-दूसरे की मदद की जरूरत नहीं होती, और मैं जरूरत पड़ने पर उसे मदद कर देता हूं. दोनों नौकरी में हैं और वहां घर बना कर रह रहे हैं.

ईटीवी भारत : आपने जूली के साथ प्रेम किया था, वह आजकल कहां हैं?

मटुकनाथ, लव गुरु : जूली इस समय वेस्टइंडीज में हैं और साध्वी हो गई हैं. उनका जीवन अब पूरी तरह धर्म और ध्यान में समर्पित हो गया है. कभी-कभी हम संपर्क में रहते हैं और वह हमारे स्कूल के लिए कुछ भेजती हैं. उनके साथ एक वृद्ध संन्यासी रहते हैं जो उनका ध्यान रखते हैं.

ईटीवी भारत : क्या अभी भी जूली के साथ आपका प्रेम है जैसा पहले था?

मटुकनाथ, लव गुरु : प्रेम तो मैं पूरे संसार से करता हूं, यहां तक कि अपने शत्रुओं से भी. मैं किसी का नुकसान नहीं चाहता. जूली के साथ प्रेम और मित्रता आज भी है, लेकिन जो संबंध पहले थे, अब वह नहीं हो सकते. अब न उनके पास कोई कमी है, न मेरी तरफ से कोई कमी है.

ईटीवी भारत : क्या जूली जी से मिलने की कोई इच्छा है?

मटुकनाथ, लव गुरु : एक बार जूली ने मुझसे मिलने की इच्छा जताई थी जब मैं अमेरिका जा रहा था. उन्होंने कहा था कि लौटते हुए मिलना, लेकिन मैं नहीं जा सका.

ईटीवी भारत : कोरोना संकट के दौरान जूली जी बीमार पड़ी थीं, उस दौरान आपकी भूमिका क्या थी?

मटुकनाथ, लव गुरु : कोरोना के दौरान जूली ठीक हो गई थीं, लेकिन उससे पहले वह बीमार पड़ी थीं. 6 मार्च 2020 को मैं वेस्टइंडीज गया था, और उन्हें लेकर लौटने का विचार था. मुझे वहां चार महीने रहना पड़ा, जब वह स्वस्थ हुईं तब मैं वापस आ पाया.

ईटीवी भारत : आपने जीवन संगिनी के लिए जो शर्तें रखी हैं, वह क्यों रखी हैं?

मटुकनाथ, लव गुरु : यह हमारी बातों का हिस्सा है. मैं कई प्रकार की बातें लिखता हूं, लेकिन लोग उन पर ध्यान नहीं देते. आचार्य रजनीश ने 'संभोग से समाधि की ओर' पुस्तक लिखी, लेकिन उसकी चर्चा बहुत हुई, जबकि उन्होंने 500 से अधिक पुस्तकें लिखी थीं, जिनकी चर्चा नहीं हुई. मुझे पता है कि जिन गुणों वाली महिला मैं चाहता हूं, वह मिलना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन अगर वह मिल गई तो मैं उसे प्यार कर सकता हूं. अगर वह नहीं मिली तो वैसा ही रहूंगा. जिन महिलाओं में ये गुण नहीं हैं, वे मुझसे दोस्ती करने की कोशिश न करें.

ईटीवी भारत : क्या जो शर्तें आपने रखी हैं, वह जूली जी में थीं? आपको जूली जी से फिर मिलने की इच्छा है?

मटुकनाथ, लव गुरु : जूली जी का वर्तमान रूप वह नहीं है, जिससे प्रेम की स्थिति बन सके. हम दोनों नदी के दो किनारे की तरह हैं. जो गुण मैंने बताए हैं, वे जूली जी में भी नहीं हैं, और अब हम दोनों अलग रास्तों पर हैं.

ये भी पढ़ें- 71 साल के 'लव गुरु' मटुकनाथ को चाहिए 'बूढ़ी प्रेमिका', फेसबुक पर लिखा- 'आवश्यकता है..'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.