पटनाः राजधानी पटना में बीपीएससी 70वीं पीटी को रद्द करने की मांग को लेकर को छात्रों ने रविवार 29 दिसंबर को मार्च निकाला गया. छात्रों के इस मार्च का नेतृत्व जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर कर रहे थे. इस बीच जेपी गोलंबर के पास पुलिस ने लाठीचार्ज किया. कहा जाता है कि लाठी चार्ज होता देख प्रशांत किशोर, मार्च छोड़कर भाग निकले. पुलिस ने माइकिंग कर छात्रों को यह जानकारी दी.
पुलिस ने माइकिंग कर बतायाः जेपी गोलंबर के पास पुलिस माइकिंग कर रही थी कि- "आपका जो नेता सीएम हाउस तक मार्च का कॉल दिए हुए थे वह लौट चुके हैं, ऐसे में आप लोग भी यहां से चले जाइए, नहीं तो प्रशासनिक कार्रवाई होगी." लेकिन अभ्यर्थी जाने के लिए तैयार नहीं थे. प्रशांत किशोर के इस तरह से अचानक चले जाने के कारण प्रदर्शन कर रहे छात्रों में नाराजगी थे.
क्या कहा छात्रों नेः बता दें कि प्रशांत किशोर ने गर्दनीबाग स्थित धरनास्थल पर जाकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मुलाकात की थी. छात्र मार्च निकालना चाहते थे. प्रशांत किशोर ने ही अभ्यर्थियों से कहा था कि रविवार को छात्र संसद करेंगे, उसके बाद सीएम आवास के लिए मार्च निकालेंगे. बीच में ही प्रशांत किशोर के चले जाने पर प्रदर्शनकारी छात्रों में आक्रोश है. उनका कहना था कि "प्रशांत किशोर अपनी राजनीति चमकाने के लिए आए हुए थे. उन्होंने अपनी राजनीति के लिए छात्रों के इस आंदोलन का इस्तेमाल किया है."
आज क्या-क्या हुआः प्रशांत किशोर, गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति से हजारों छात्रों के साथ सीएम हाउस का घेराव करने के लिए निकले थे. गांधी मैदान की गेट नंबर 5 से प्रशांत किशोर निकले थे. जेपी गोलंबर के पास प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोका. पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर छात्र आगे बढ़ने लगे. छात्रों को प्रशासन बार बार समझाते रहा, पर वो मानने के लिए तैयार नहीं थे. अंत में पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और बल प्रयोग भी किया.
क्यों कर रहे हैं प्रदर्शनः बीपीएससी 70वीं प्री परीक्षा 13 दिसंबर 2024 को आयोजित की गई थी. पटना के बापू भवन परीक्षा केंद्र में पेपर लीक होने का आरोप लगाते हुए कुछ अभ्यर्थियों ने हंगामा किया था. इसके बाद इस सेंटर की परीक्षा को रद्द करते हुए चार जनवरी को फिर से परीक्षा लेने की घोषणा की. जबकि अभ्यर्थी सभी के लिए फिर से परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं. इसी को लेकर वो प्रदर्शन कर रहे हैं.
किससे मिलना चाहते थे अभ्यर्थी: प्रदर्शनकारी छात्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करना चाहते थे. ताकि वे अपनी समस्याओं को सीधे उनसे साझा कर सकें और बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कराने के लिए दबाव बना सकें. जिला प्रशासन ने छात्रों के एक डेलिगेशन को वार्ता के लिए बुलाया था. लेकिन कोई भी वार्ता के लिए कोई नहीं गया. छात्रों ने स्पष्ट कर दिया है कि मुख्य सचिव से नहीं मिलेंगे, सिर्फ मुख्यमंत्री से ही मिलेंगे.
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