चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों ने सोमवार 30 दिसंबर को पंजाब बंद का आह्वान किया है. अखिल भारतीय किसान कांग्रेस (AIKC) ने भी किसानों के पंजाब बंद को अपना समर्थन दिया है. कांग्रेस के किसान मोर्चा के अध्यक्ष और भोलाथ से पार्टी विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने बंद को अपना समर्थन दिया और पंजाब के लोगों से बंद का समर्थन करने की अपील की.
इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन-पॉलिटिकल) और किसान मजदूर मोर्चा ने 30 दिसंबर को पंजाब बंद का आह्वान किया. किसान मजदूर संघर्ष समिति (पंजाब) के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि बंद सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा.
किसानों का विरोध और उनकी मांगें
आंदोलनकारी किसानों ने अपना विरोध तेज कर दिया है. वे फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कर्ज माफी, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों की वापसी और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए 'न्याय' की मांग कर रहे हैं.
एसकेएम (नॉन-पॉलिटिकल) और अन्य किसान संगठनों के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी 13 फरवरी, 2024 से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर तैनात हैं, जिन्हें दिल्ली की ओर मार्च करते समय सुरक्षा बलों द्वारा रोक दिया गया था.
बंद से क्या प्रभावित होगा
- बंद सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा
- स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे
- बसें नहीं चलेंगी
- रेल यातायात प्रभावित रहेगा
- शहरों में दुकानें नहीं खुलेंगी
- सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे
- पेट्रोल पंप बंद रहेंगे
- सब्जी मंडियां बंद रहेंगी
- 200 से 300 स्थानों पर नाकेबंदी की जाएगी
क्या-क्या खुला रहेगा
- आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी
- चिकित्सा सेवाएं खुली रहेंगी
- एयरपोर्ट यात्रियों को नहीं रोका जाएगा
- परीक्षा देने वाले छात्रों को नहीं रोका जाएगा
- साक्षात्कार देने वाले उम्मीदवारों को भी नहीं रोका जाएगा
'सरकार जायज मांगों को नहीं सुन रही'
भोलाथ से विधायक खैरा ने कहा कि देश के किसान कर्ज के बोझ लते दबे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसानों की जायज मांगों को स्वीकार नहीं कर रही है. उन्होंने कहा, "एक तरफ सरकार कॉरपोरेट घरानों के 15 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर रही है, वहीं दूसरी तरफ वह किसानों की मांगें नहीं मान रही है."
'पीलीभीत मुठभेड़ फर्जी'
कांग्रेस नेता खैरा ने कहा कि सरकार को पंजाब के लोगों और सिखों की जरा भी चिंता नहीं है, जिन्होंने देश की सेवा में अपनी जान कुर्बान कर दी है. पीलीभीत में हाल ही में हुई मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस घटना की जांच करने की मांग की, जिसमें तीन संदिग्ध खालिस्तानी आतंकवादी मारे गए थे.
करीब 10 महीने से बॉर्डर पर लगे हैं कैंप
एसकेएम (नॉन-पॉलिटिकल) और केएमएम के बैनर तले किसान 10 महीने से पंजाब और हरियाणा की सीमा पर शंभू और खनौरी में डेरा डाले हुए हैं. 101 किसानों के एक समूह ने 6 दिसंबर, 8 दिसंबर और 14 दिसंबर को पैदल दिल्ली में प्रवेश करने के तीन प्रयास किए. हरियाणा पुलिस ने उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी.
इसी तरह, 70 वर्षीय किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल 26 नवंबर से खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर हैं, ताकि केंद्र पर किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाया जा सके, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी भी शामिल है. दल्लेवाल की बिगड़ती सेहत के बीच, पंजाब में सत्तारूढ़ AAP के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीते बुधवार को खनौरी में किसान नेता से मुलाकात की और उनसे इलाज कराने का आग्रह किया.
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