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सासाराम के इस गांव में वोट मांगने वाले 'नेताजी' की एंट्री बैन, उम्मीदवारों की बढ़ी टेंशन !

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Published : Oct 12, 2020, 6:38 PM IST

ग्रामीणों ने कहा कि वोट मांगने आए जनप्रतिनिधि सड़क बनाने का बस आश्वासन देते हैं. 40 साल बीत जाने के बाद भी आज तक इस सड़क की तस्वीर नहीं बदली इसलिए इस बार युवाओं ने संकल्प लिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक सासाराम विधानसभा क्षेत्र में किसी भी नेता को घुसने नहीं देंगे.

Sasaram
नेताजी की नो एंट्री

रोहतासः बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए काउंटडाउन शुरू हो चुका है. रोहतास में राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार अपने विधानसभा इलाके में चुनावी कैंपेन में जुट गए हैं, लेकिन इस बार सासाराम विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों को जनता के सामने वोट मांगने जाना महंगा पड़ सकता है. ग्रामीण इस बार जनप्रतिनिधियों के विकास के खोखले वादे से खासे नाराज हैं. ग्रामीणों ने इस बार वोट मांगने आने वाले किसी भी नेता को गांव में नहीं घुसने देने का संकल्प लिया है.

Sasaram
ग्रामीणों में सड़क को लेकर गुस्सा

तीन दिवसीय ग्राम यात्रा
ये तस्वीरें सासाराम विधानसभा क्षेत्र के अमरा तलाव बभनपुरवा सड़क मार्ग की है. इस सड़क को देखकर यह अंदाजा लगा पाना मुश्किल है कि यहां गड्ढे में सड़क है या सड़क में गड्ढे, हालांकि, नाराज ग्रामीण सड़क में जमा हुए पानी में बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके बाद उन्होंने तीन दिवसीय ग्राम यात्रा का आगाज कर दिया है. इसके लिए महापंचायत का आयोजन किया जाएगा.

Sasaram
प्रदर्शन करते अमरा बभनपुर गांव के ग्रामीण

40 सालों से जर्जर स्तिथि में है सड़क
ग्रामीण कालिका प्रसाद ने बताया कि जिला मुख्यालय सासाराम सहित तकरीबन 50 गांव को जोड़ने वाला अमरा बभनपुर सड़क पिछले 40 साल से जर्जर स्तिथि में है. आलम यह है कि यहां वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल है. उन्होंने बताया कि 40 हजार की आबादी वाले इस गांव की सड़क के लिए कई बार यहां के विधायक अशोक कुमार से लेकर सांसद छेदी पासवान तक से गुहार लगाई गई, लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया.

नेताजी की नो एंट्री, देखें रिपोर्ट

बस आश्वासन देते हैं जनप्रतिनिधि
गांव की निर्मला देवी ने बताया कि हर चुनाव में नेता सड़क निर्माण कराने का आश्वासन देकर चले जाते हैं. गांव के लोग आश्वासन देने वालों को वोट भी देते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई सड़क को देखने तक नहीं आता है. ग्रामीणों ने कहा कि वोट मांगने आए जनप्रतिनिधि बस आश्वासन देते हैं. 40 साल बीत जाने के बाद भी आज तक इस सड़क की तस्वीर नहीं बदली इसलिए इस बार युवाओं ने संकल्प लिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक इस विधानसभा क्षेत्र में किसी भी नेता को घुसने नहीं देंगे.
चुनावी मैदान में प्रत्याशी
बता दें कि सासाराम विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के जवाहर प्रसाद पांच बार विधायक रह चुके हैं. वहीं वर्तमान विधायक अशोक कुमार आरजेडी से पाला बदलकर जदयू के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. लोजपा से रामेश्वर चौरसिया भी चुनावी जंग में हैं. आरजेडी ने नए चेहरे राजेश गुप्ता को चुनावी मैदान में उतारा है. अब देखना होगा कि इस सड़क मार्ग का कब तक कायाकल्प हो पाता है.

रोहतासः बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए काउंटडाउन शुरू हो चुका है. रोहतास में राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार अपने विधानसभा इलाके में चुनावी कैंपेन में जुट गए हैं, लेकिन इस बार सासाराम विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों को जनता के सामने वोट मांगने जाना महंगा पड़ सकता है. ग्रामीण इस बार जनप्रतिनिधियों के विकास के खोखले वादे से खासे नाराज हैं. ग्रामीणों ने इस बार वोट मांगने आने वाले किसी भी नेता को गांव में नहीं घुसने देने का संकल्प लिया है.

Sasaram
ग्रामीणों में सड़क को लेकर गुस्सा

तीन दिवसीय ग्राम यात्रा
ये तस्वीरें सासाराम विधानसभा क्षेत्र के अमरा तलाव बभनपुरवा सड़क मार्ग की है. इस सड़क को देखकर यह अंदाजा लगा पाना मुश्किल है कि यहां गड्ढे में सड़क है या सड़क में गड्ढे, हालांकि, नाराज ग्रामीण सड़क में जमा हुए पानी में बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके बाद उन्होंने तीन दिवसीय ग्राम यात्रा का आगाज कर दिया है. इसके लिए महापंचायत का आयोजन किया जाएगा.

Sasaram
प्रदर्शन करते अमरा बभनपुर गांव के ग्रामीण

40 सालों से जर्जर स्तिथि में है सड़क
ग्रामीण कालिका प्रसाद ने बताया कि जिला मुख्यालय सासाराम सहित तकरीबन 50 गांव को जोड़ने वाला अमरा बभनपुर सड़क पिछले 40 साल से जर्जर स्तिथि में है. आलम यह है कि यहां वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल है. उन्होंने बताया कि 40 हजार की आबादी वाले इस गांव की सड़क के लिए कई बार यहां के विधायक अशोक कुमार से लेकर सांसद छेदी पासवान तक से गुहार लगाई गई, लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया.

नेताजी की नो एंट्री, देखें रिपोर्ट

बस आश्वासन देते हैं जनप्रतिनिधि
गांव की निर्मला देवी ने बताया कि हर चुनाव में नेता सड़क निर्माण कराने का आश्वासन देकर चले जाते हैं. गांव के लोग आश्वासन देने वालों को वोट भी देते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई सड़क को देखने तक नहीं आता है. ग्रामीणों ने कहा कि वोट मांगने आए जनप्रतिनिधि बस आश्वासन देते हैं. 40 साल बीत जाने के बाद भी आज तक इस सड़क की तस्वीर नहीं बदली इसलिए इस बार युवाओं ने संकल्प लिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक इस विधानसभा क्षेत्र में किसी भी नेता को घुसने नहीं देंगे.
चुनावी मैदान में प्रत्याशी
बता दें कि सासाराम विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के जवाहर प्रसाद पांच बार विधायक रह चुके हैं. वहीं वर्तमान विधायक अशोक कुमार आरजेडी से पाला बदलकर जदयू के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. लोजपा से रामेश्वर चौरसिया भी चुनावी जंग में हैं. आरजेडी ने नए चेहरे राजेश गुप्ता को चुनावी मैदान में उतारा है. अब देखना होगा कि इस सड़क मार्ग का कब तक कायाकल्प हो पाता है.

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