सासाराम: लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत पंचायत में शौचालय निर्माण कराना है. इसके लिए सरकार की तरफ से 12,000 भी दिए जाते हैं. पंचायत में शौचालय निर्माण होने के बाद उसे खुले में शौच मुक्त घोषित किया जाता है, लेकिन सासाराम प्रखंड के इस महादलित टोला के एक भी घर में शौचालय का काम पूरा नहीं हो पाया है.
सबसे अहम सवाल यह है कि सासाराम से सांसद छेदी पासवान दलित परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उसके बावजूद सांसद इस महादलित बस्ती की तस्वीर बदलने में पूरी तरह से नाकाम दिख रहे हैं.
इस महादिलत टोला के लोग काफी खफा है. अपने सांसद और विधायक से पूरी तरह से गुस्से में है और आरोप लगा रहे हैं कि सांसद या विधायक चुनाव जीत जाने के बाद कभी भी इस गांव में कदम नहीं रखते है. गांव की महिला बताती है कि तकरीबन 100 घरों के इस महादलित गांव में किसी भी परिवार के पास शौचालय नहीं है, लिहाजा वह खुले में शौच करने को मजबूर हैं.
ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि पूरे प्रखंड को प्रशासन ने ओडीएफ घोषित कर दिया है. उसके बावजूद आज भी इस महादलित के परिवार के लोग खुले में शौच को मजबूर हैं. वहीं, सीएम नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना भी यहां पर सफल नहीं दिख रही है.
इसकी पड़ताल में जब ईटीवी भारत संवाददाता इस महादलित गांव में पहुंचे तो वहां की तस्वीर बिल्कुल हैरान कर देने वाली थी. रोड पर खड़ी महिला से जब यह सवाल किया गया कि क्या आपके यहां शौचालय बना है तो उस महिला का सीधे-सीधे यही जवाब था कि नहीं हमारे यहां कोई शौचालय नहीं है.