रोहतास: बिहार के रोहतास में 9 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटी आशा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को भी डेहरी स्थित पीएचसी पर जमकर हंगामा किया. इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन करते हुए टीकाकरण सहित अन्य कार्यों को ठप कर दिया.
पढ़ें- नवादा में खाद को लेकर हंगामा, पुलिस और लोगों के बीच धक्का-मुक्की
आशा कार्यकर्ताओं के साथ SDM ने की धक्का मुक्की: इस हंगामे की सूचना मिलते ही डेहरी के एसडीएम अनिल कुमार सिन्हा आशा कार्यकर्ताओं को समझाने पीएचसी पर पहुंचे. इस दौरान आरोप है कि एसडीएम ने प्रदर्शन कर रही संघ की जिलाध्यक्ष से जबरन माइक छीन लिया और बिना महिला पुलिस कर्मियों के महिलाओं के साथ जबरन धक्का-मुक्की की. वहीं आशा कार्यकर्ताओं ने एसडीएम के द्वारा धक्का-मुक्की करने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
धक्का मुक्की का वीडियो वायरल: आशा संघ की जिलाध्यक्ष विद्यावती पांडे ने बताया कि 9 सूत्री मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से वह लोग हड़ताल पर हैं. ऐसे में प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा उन तक हाल तक जानने नहीं पहुंचा. हम सभी शांति से प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान डेहरी के एसडीएम अनिल कुमार सिन्हा पहुंचे और उन्होंने जबरन माइक छीन ली और धक्का मुक्की करने लगे.
"किसी भी महिला पुलिस कर्मी को नहीं बुलाया गया. हम लोगों के साथ अधिकारी के द्वारा दुर्व्यवहार किया गया. धक्का-मुक्की की गई." -विद्यावती पांडे, अध्यक्ष. आशा कार्यकर्ता संघ
आशा फैसिलिटेटर का बयान: आशा फैसिलिटेटर कुसुम कुमारी ने बताया कि डेहरी प्रखंड क्षेत्र की सभी आशा फैसिलिटेटर आशा कार्यकर्ता शांतिपूर्वक धरने पर बैठी थीं. तभी एसडीएम पहुंचे और हटने को कहा. इस पर जब आशा कार्यकर्ता राजी नहीं हुई तो उन्होंने जेल भिजवाने की धमकी तक दे डाली.
"इसी बीच वह आशा कार्यकर्ताओं से भिड़ गए और धक्का-मुक्की तक की. जिसके बाद मौके से एसडीएम निकल गए."- कुसुम कुमारी, आशा फैसिलिटेटर
एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग: हंगामे के बाद सीओ अनामिका कुमारी मौके पर पहुंची. आशा कार्यकर्ताओं को समझाने बुझाने की कोशिश की गई, लेकिन आशा कार्यकर्ता सीओ की बात सुनने को तैयार नहीं थीं. आशा कार्यकर्ता एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ी हैं. इस दौरान पूरे पीएचसी परिसर में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है.
एसडीएम ने दी सफाई: वहीं पूरे मामले पर डेहरी के एसडीएम अनिल कुमार सिन्हा ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा पीएचसी सहित अनुमंडलीय अस्पताल को बाधित करने की सूचना मिली थी. इस दौरान महिला पुलिस कर्मियों के साथ वहां जाकर उन्हें समझाया बुझाया गया. इस दौरान किसी भी तरह की धक्का-मुक्की नहीं की गई. उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया.
मरीजों को हो रही परेशानी: गौरतलब है कि हड़ताल के दूसरे दिन आशा कार्यकर्ताओं ने पीएचसी व अनुमंडलीय परिसर का मुख्य गेट बंद कर दिया था. दो एंबुलेंस को भी घंटो रोक दिया था जिस कारण मरीज के परिजन और आशा कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी. वही मरीजों को भी इलाज कराने से रोक दिया गया था.