रोहतासः बिहार के रोहतास में डेहरी डालमियानगर नगर परिषद की उप मुख्य पार्षद रानी कुमारी के पत्र ने नगर परिषद में भूचाल ला दिया है. दअरसल उप मुख्य पार्षद ने नगर परिषद के ईओ के खिलाफ ही मोर्चा खोल खोलते हुए मनमानी का आरोप लगाया है. इस पत्र के बाद डेहरी डालमियानगर नगर परिषद में चर्चा का बाजार गर्म है. 28 फरवरी को सशक्त स्थाई समिति की बैठक में एक एजेंडा को लेकर अस्थाई पांच कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने आदेश जारी कर उक्त सभी कर्मियों को 4 मार्च तक उनके कार्यों से जुड़े सभी संचिकाएं और कागजात प्रधान सहायक को सौंप देने के आदेश दिए हैं.
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निर्देश में उक्त तिथि से स्वत: उनकी सेवा समाप्त हो जाने को कहा गया है. जिसको लेकर नगर परिषद की उप सभापति रानी कुमारी ने कार्यपालक पदाधिकारी रमण कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उप सभापति ने इस बाबत कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र लिखा है. कहा है कि 28 फरवरी को संपन्न हुए सशक्त स्थाई समिति की बैठक के प्रस्ताव संख्या 7 के अंतर्गत गलत हवाला देकर अस्थाई कर्मियों को सेवा मुक्त किया गया है. उन्होंने कार्यालय आदेश 293 एवं 294 का जिक्र करते हुए कहा है कि कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा कर्मियों को सेवा मुक्त किए जाने के आदेश में सशक्त स्थाई समिति के प्रस्ताव के अंतर्गत लिए गए निर्णय का गलत हवाला दिया गया है.
कर्मियों को सेवा मुक्त नहीं करने का निर्देश थाः उप सभापति ने आगे कहा है कि उक्त बैठक के कार्यावधि में नगर परिषद में पूर्व से कार्यरत सभी अस्थाई कर्मियों का सेवा विस्तार सरकार के निदेनुसार करते हुए सभी का विभागावार स्थानांतरण करने का निर्णय लिया गया था. उन्होंने कहा है कि ईओ द्वारा ऐसा नहीं कर कर्मियों को छ: और तीन माह का सेवा विस्तार तथा पांच कर्मियों को सेवा मुक्त करने का कार्यालय आदेश दिया जाना खेद जनक है. बताया है कि उक्त बैठक में विकास कार्य में गतिरोध नहीं होने के उद्देश्य से किसी भी कार्यरत कर्मियों को सेवा मुक्त नहीं किए जाने संबंधी दिशा निर्देश दिया गया था.
कार्यालय आदेश को निरस्त करने की मांगः उप सभापति ने तत्काल प्रभाव से उक्त कार्यालय आदेश को निरस्त करते हुए सभी कर्मियों का सेवा अवधि समान अवधि के लिए बढ़ाते हुए भविष्य में पर्षद एवं सशक्त स्थाई समिति में लिए निर्णय का अक्षरशः पालन करने को कहा है. उन्होंने इस मामले से विभाग के प्रधान सचिव सहित जिलाधिकारी व अनुमंडल पदाधिकारी को भी अवगत कराया है. इधर उप सभापति द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी के आदेश के विरुद्ध पत्राचार और अपने पक्ष में खड़े होने से सेवा मुक्त किए गए सभी पांचों कर्मियों में सेवारत रहने की आस जगी है.
"उप सभापति का आरोप बिल्कुल निराधार है. अगर उन्हें इसी बात की आपत्ति होती तो उन्हें बैठक में ही विरोध करनी चाहिए थी. वह पूरी तरह से एजेंडे के साथ थी. अब पत्र लिखने की उनकी मंशा क्या है यह बता पाना मुश्किल है." -रमन कुमार, डेहरी डालमियानगर नगर परिषद