रोहतास: बिहार सरकार की एक और मंत्री अनिता देवी ने भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अक्षत वितरण पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि अक्षत वितरण के नाम पर गरीबों का शोषण हो रहा है. दअरसल रोहतास के डेहरी में उन्होंने कहा कि घर-घर में अक्षत पहुंचाने के नाम पर गरीबों से उगाही की जा रही है.
अक्षत वितरण के नाम पर गरीबों का शोषण- अनिता देवी: मंत्री अनिता देवी ने कहा कि कि गरीबों के घर आज अक्षत देने की जरूरत नहीं है. उसके जगह पर संविधान की कॉपी देनी चाहिए, ताकि गरीब-पिछड़े लोग अपने अधिकार को समझे और उसकी लड़ाई लड़ें. उन्होंने डेहरी में सावित्रीबाई फुले के जयंती समारोह में भाषण देते हुए कही कि पूरे देश में प्रचार किया जा रहा है कि 22 जनवरी को भगवान श्री राम आएंगे.
" ऐसा लग रहा है कि इससे पहले भगवान श्री राम धरतीलोक पर कभी नहीं आए थे. अब 22 जनवरी को भगवान श्री राम पहली बार आ रहे हैं. अक्षत वितरण की जगह संविधान का वितरण होना चाहिए था. अक्षत वितरण के नाम पर गरीबों का शोषण हो रहा है."- अनिता देवी, मंत्री, पिछड़ा अति पिछड़ा कल्याण विभाग
भगवान श्रीराम पर विवादत बयान: अनिता देवी ने ये बातें रविवार को रोहतास के डिहरी में सावित्रीबाई फुले की जयंती समारोह में भाषण के दौरान कहीं. अनिता देवी ने कहा कि पूरे देश में प्रचार किया जा रहा है कि 22 जनवरी को भगवान श्रीराम आ रहे हैं. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इससे पहले भगवान राम धरती पर नहीं थे.
नीतीश सरकार के बयानवीर: इससे पहले डिहरी के आरजेडी विधायक फतेह बहादुर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने विवादित बयान दिया. अब नीतीश सरकार में मंत्री अनिता देवी ने भी हिंदू आस्था पर चोट करने वाला बयान दिया है. बता दें कि फतेह बहादुर देवी दुर्गा, सरस्वती सहित विभिन्न देवी देवताओं पर विवादित बयान दे चुके हैं.
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