रोहतासः बिहार का स्वास्थ्य विभाग अपने कारनामों के कारण हमेशा सुर्खियों में रहता है. इस बार मामला जिला मुख्यालय सासाराम सदर अस्पताल से जुड़ा है, जहां स्वास्थ्य विभाग ने अपनी खामियों के उजागर होने के भय से अस्पताल परिसर में मीडिया कर्मियों के प्रवेश पर प्रतिबंधित (Media Entry Banned in Sasaram Sadar Hospital) कर दिया है. आदेश के तहत कोई भी मीडिया कर्मी अस्पताल में प्रवेश नहीं कर पायेंगे. इस संबंध में पोस्टर भी लगाया गया है. समाचार संकलन, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध से मीडिया कर्मियों में काफी आक्रोश है.
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"कुछ पत्रकार एक ही खबर को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं, जिससे अस्पताल की छवि धूमिल हो रही है. इसको देखते हुए सिविल सर्जन ने यह निर्णय लिया है कि अब ट्रामा सेंटर एवं विभिन्न वार्ड में पत्रकारों द्वारा वीडियोग्राफी एवं समाचार संकलन नहीं करने दिया जाएगा. उन्हें जो भी खबर बनानी है वह बाहर से बनाएंगे."-भगवान प्रसाद, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक
सिविल सर्जन के आदेश से जारी हुआ है पत्रः सासाराम सदर अस्पताल में पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. सिविल सर्जन डॉ. केएन तिवारी ने इसके लिए नोटिस निकाला है, जिसे अस्पताल में लगा दिया गया है. अब अस्पताल के अंदर पत्रकारों का प्रवेश नहीं मिलेगी. इस संबंध में ट्रामा सेंटर में लगाए गए नोटिस के बाद अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ भगवान सिंह ने विभिन्न वार्ड में भी पत्रकारों के प्रवेश को निषेध कर दिया है.
सामाजिक संगठनों ने जताया विरोधः जिले के सबसे बड़े हस्पताल में प्रेस पर प्रतिबंध वाले इस फरमान के बाद विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं राजनीतिक दल के लोगों ने निंदा की है. इस फैसले को प्रेस के स्वतंत्रता का हनन बताते हुए आदेश रद्द करने की मांग की. बतातें चले कि सासाराम सदर अस्पताल में जिले के लोग काफी दूर दराज के इलाके से यहां इलाज कराने के लिए आते है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग का यह फरमान हास्यास्पद लगता है.
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