रोहतास: जिले के ओशोधारा धाम कर्मा गांव में राज्य स्तरीय महाराणा प्रताप घोड़ा दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस आयोजन में लोजपा नेता राजेन्द्र सिंह ने दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि वीर बांकुड़े के लिये युद्ध कौशल और दक्षता प्रदर्शित करने के लिये घोड़े को तैयार किया जाता था.
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तीन राज्यों के घोड़ों ने लिया भाग
राजेन्द्र सिंह ने महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की चर्चा करते हुए कहा कि घोड़े में इतनी दक्षता थी कि महाराणा प्रताप की पुतली घूमी नहीं की घोड़ा घूम जाता था. उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं होनी चाहिये जिससे लुप्त होती संस्कृति एक बार फिर से जाग जाए. मंच संचालक कुमार विनय ने बताया कि राज्य स्तरीय आयोजित इस प्रतियोगिता में बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड के कुल 47 घोड़ों ने भाग लिया.
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फाइनल राउंड में 9 घोड़े शामिल
फाइनल राउंड में कुल 9 घोड़े शामिल थे. जिसमें वैशाली से आये मुखिया प्रवीण राय उर्फ विजेंद्र राय का कालू नामक घोड़े ने प्रथम स्थान प्राप्त कर ट्रॉफी अपने नाम किया. जबकि द्वितीय स्थान चौसा के मधु सिंह का साधु नामक घोड़े ने जीता. वहीं तृतीय स्थान पर भोजपुर साथ गांव के अजय सिंह का बादशाह घोड़े ने बाजी मारी. प्रथम स्थान प्राप्त कालू घोड़े को मुखिया प्रत्याशी अमरदयाल सिंह के माध्यम से 21,000 रुपये का नगद पुरस्कार प्रदान किया गया.
नकद और शील्ड देकर सम्मानित
आयोजन में अतिथियों को शील्ड देकर सम्मानित किया गया. द्वितीय पुरस्कार त्रिविर पब्लिक स्कूल के निदेशक और धाम संचालक आचार्य हरिओम के माध्यम से 11,000 रुपये नकद और तृतीय स्थान प्राप्त बादशाह घोड़े को जिला परिसद सदस्य संध्या देवी के पति मुकेश चौधरी ने 5051 रुपये नकद और सभी विजेताओं को शील्ड से देकर पुरस्कृत किया.