ETV Bharat / state

जवान धर्मेंद्र कुमार को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ दी गई अंतिम विदाई, 'हम जियेंगे और मरेंगे' से गूंजा रोहतास - जवान धर्मेंद्र कुमार सिंह का शव पहुंचा मैधरा गांव

जम्मू कश्मीर में पोस्टेड रोहतास के धर्मेंद्र कुमार सिंह का शव रोहतास के मैधरा गांव पहुंच चुका है. मृत जवान की अंत्येष्टि संस्कार उनके पैतृक गांव में गार्ड ऑफ ऑनर सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. पढ़ें पूरी खबर...

्वु
्ुव
author img

By

Published : Sep 30, 2021, 10:26 AM IST

Updated : Sep 30, 2021, 1:32 PM IST

रोहतास: बिहार के लाल धर्मेंद्र कुमार सिंह का शव उनके पैतृक गांव रोहतास के बिक्रमगंज के मैधरा पहुंचा. जहां ग्रामीणों ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी. इससे पहले उन्हें वहां उपस्थित अन्य जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर का सम्मान दिया. बता दें कि जवान धर्मेंद्र कुमार सिंह की मौत 27 सितंबर को जम्मू कश्मीर (Jammu & Kashmir) में ड्यूटी पर जाने के दौरान सड़क हादसे में हो गई थी.

इसे भी पढ़ें: शहीद धर्मेंद्र को पटना एयरपोर्ट पर दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर, मैधरा गांव में दी जाएगी अंतिम विदाई

जवान का शव पहुंचते ही रोहतास जिला 'हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए...' से गूंज उठा. वीडियो में देखा जा सकता है कि जवान के अंतिम संस्कार के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर सम्मान दिया गया. इस दौरान घर के परिजन भी उपस्थित देखे गए. सभी लोग भारत माता की जय, वंदे मातरम और धर्मेंद्र कुमार अमर रहे बोलते हुए नजर आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें: तिरंगे में लिपटकर 'लाल दरवाजा' आएगा मुंगेर का लाल, झारखंड में नक्सली हमले में हुए थे शहीद

शहीद की पत्नी और परिवार के अन्य लोगों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. सड़क दुर्घटना में बेटे की मौत की खबर सुनकर जवान के पिता राम प्रवेश सिंह की स्थिति भी गंभीर हो गयी है. जवान की पत्नी गुड़िया सिंह के आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा है. जवान के दोनों बेटे 6 वर्षीय तेज प्रताप सिंह और 4 वर्षीय आर्यन सिंह भी पिता की मौत की खबर सुनकर सदमे में हैं. इस घटना के बाद गांव की महिलाएं जवान की पत्नी को सांत्वना देने में लगी हुई हैं. बताया जा रहा है कि जवान धर्मेंद्र कुमार सिंह वर्ष 2008 में भारतीय सेना से जुड़े थे.

देखें रिपोर्ट.

बता दें कि जवान मृतक जवान धर्मेंद्र कुमार डेढ़ माह पहले ही गांव आए हुए थे. इसके साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी से अगले माह में आने की बात फोन पर कही थी. घर के सभी सदस्य दशहरा में आने की उम्मीद लगाए बैठे थे. उनके चचेरे भाई बताते हैं कि वह और उसका एक दोस्त एक साथ 8 अप्रैल 2008 को सेना में गया जाकर बहाल हुए थे. उनके एक अन्य मित्र 2005 में सेना की नौकरी में गए थे. तीनों में बहुत दोस्ती थी और तीनों सेना में गए.

जवान धर्मेंद्र कुमार 1999 में उच्च विद्यालय बिक्रमगंज से मैट्रिक पास करने के बाद एएस कॉलेज से इंटर व स्नातक की पढ़ाई किए थे . वे काफी मिलनसार व्यक्तित्व के थे. धर्मेंद्र ही एकमात्र घर में कमाने वाले थे. उनकी मौत की खबर से पूरा परिवार सदमे में है.

रोहतास: बिहार के लाल धर्मेंद्र कुमार सिंह का शव उनके पैतृक गांव रोहतास के बिक्रमगंज के मैधरा पहुंचा. जहां ग्रामीणों ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी. इससे पहले उन्हें वहां उपस्थित अन्य जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर का सम्मान दिया. बता दें कि जवान धर्मेंद्र कुमार सिंह की मौत 27 सितंबर को जम्मू कश्मीर (Jammu & Kashmir) में ड्यूटी पर जाने के दौरान सड़क हादसे में हो गई थी.

इसे भी पढ़ें: शहीद धर्मेंद्र को पटना एयरपोर्ट पर दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर, मैधरा गांव में दी जाएगी अंतिम विदाई

जवान का शव पहुंचते ही रोहतास जिला 'हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए...' से गूंज उठा. वीडियो में देखा जा सकता है कि जवान के अंतिम संस्कार के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर सम्मान दिया गया. इस दौरान घर के परिजन भी उपस्थित देखे गए. सभी लोग भारत माता की जय, वंदे मातरम और धर्मेंद्र कुमार अमर रहे बोलते हुए नजर आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें: तिरंगे में लिपटकर 'लाल दरवाजा' आएगा मुंगेर का लाल, झारखंड में नक्सली हमले में हुए थे शहीद

शहीद की पत्नी और परिवार के अन्य लोगों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. सड़क दुर्घटना में बेटे की मौत की खबर सुनकर जवान के पिता राम प्रवेश सिंह की स्थिति भी गंभीर हो गयी है. जवान की पत्नी गुड़िया सिंह के आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा है. जवान के दोनों बेटे 6 वर्षीय तेज प्रताप सिंह और 4 वर्षीय आर्यन सिंह भी पिता की मौत की खबर सुनकर सदमे में हैं. इस घटना के बाद गांव की महिलाएं जवान की पत्नी को सांत्वना देने में लगी हुई हैं. बताया जा रहा है कि जवान धर्मेंद्र कुमार सिंह वर्ष 2008 में भारतीय सेना से जुड़े थे.

देखें रिपोर्ट.

बता दें कि जवान मृतक जवान धर्मेंद्र कुमार डेढ़ माह पहले ही गांव आए हुए थे. इसके साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी से अगले माह में आने की बात फोन पर कही थी. घर के सभी सदस्य दशहरा में आने की उम्मीद लगाए बैठे थे. उनके चचेरे भाई बताते हैं कि वह और उसका एक दोस्त एक साथ 8 अप्रैल 2008 को सेना में गया जाकर बहाल हुए थे. उनके एक अन्य मित्र 2005 में सेना की नौकरी में गए थे. तीनों में बहुत दोस्ती थी और तीनों सेना में गए.

जवान धर्मेंद्र कुमार 1999 में उच्च विद्यालय बिक्रमगंज से मैट्रिक पास करने के बाद एएस कॉलेज से इंटर व स्नातक की पढ़ाई किए थे . वे काफी मिलनसार व्यक्तित्व के थे. धर्मेंद्र ही एकमात्र घर में कमाने वाले थे. उनकी मौत की खबर से पूरा परिवार सदमे में है.

Last Updated : Sep 30, 2021, 1:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.