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Rohtas News: पत्नी की मौत के बाद सदमे में बुजुर्ग ने भी तोड़ा दम, एक साथ उठी दोनों की अर्थी - ETV Bharat News

साथ जीने मरने की कसमें तो बहुत लोग खाते हैं, लेकिन सच में ऐसा कम ही घटित होता है. जहां पति और पत्नी जीवनभर साथ रहने के बाद मृत्यु शैय्या पर भी एक साथ ही जाए. जी हां, रोहतास में पत्नी की मौत का गम एक पति नहीं सह पाया और उसने भी पत्नी के मृत शरीर के पास दम तोड़ दिया. एक तरह से देखा जाए तो जीवन भर साथ रहने के बाद, इससे आगे की यात्रा पर भी दोनों साथ ही गए. पति और पत्नी का एक साथ अंतिम संस्कार भी किया गया. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Jun 20, 2023, 8:16 PM IST

रोहतास: बिहार के रोहतास में पत्नी की मौत के बाद पति की मृत्यु हो गई. दरअसल, 65 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक ललन पांडे ने अपनी 60 वर्षीय पत्नी शामदेई देवी के निधन के सदमे में दम तोड़ दिया. पति और पत्नी का एक साथ अंतिम संस्कार भी किया गया. जिसने भी इस वाकये को सुना उनके मुंह से बरबस ही निकल पड़ा 'प्यार हो तो ऐसा'. अंतिम समय तक साथ निभाने का वादा दोनों ने पूरा किया.

ये भी पढ़ें : Buxar News: घर से उठी एक साथ दो अर्थियां, पत्नी की मौत के बाद पति ने भी त्यागा प्राण

साथ-साथ जीने मरने का वादा निभा गए ललन: साथ-साथ जीना तो हर किसी के लिए संभव है, लेकिन कोई भी दंपति किसी एक के वियोग में उसके साथ ही चला जाए, ऐसा कम ही देखने को मिलता है. जी हां, पति-पत्नी का संबंध ताउम्र के लिए नहीं होता, किसी न किसी एक को पहले इस दुनिया से जाना होता है. फिर भी कुछ ऐसे खुशकिस्तमत जोड़े भी होते हैं, जो ताउम्र के लिए साथ निभा जाते हैं. ऐसा ही वाकया जिले के करगहर के बकसरा पंचायत में देखने को मिला. यहां तेंदुनी में सेवानिवृत्त शिक्षक लल्लन पांडे ने अपनी 60 वर्षीय पत्नी सामदेयी देवी के निधन के बाद वियोग में खुद भी प्राण त्याग दिया.

कुछ घंटे भी नहीं सह पाये वियोग: चूंकि पत्नी की मौत स्वाभाविक थी, लेकिन जैसे ही अपनी पत्नी के निधन की सूचना ललन पांडे को लगी. वह बदहवास हो गए और दौड़ते दौड़ते वह अपनी मृत पत्नी के पास पहुंचे. अपनी पत्नी का मृत चेहरा देखकर वह गहरे सदमे में चले गए. उस वक्त घर लोग बुजुर्ग महिला के निधन के बाद घर में रोना-धोना कर रहे थे. सभी का ध्यान मृतक महिला की ओर था. इसी बीच गहरे सदमे से पति ललन पांडे बेहोश हो गए और मूर्छित होकर आंगन में ही गिर पड़े.

पत्नी के शव के पास तोड़ा दम: घर के लोगों ने उनके चेहरे पर पानी का छींटा मारा तथा तबीयत बिगड़ता देख अस्पताल ले जाना चाहा. परंतु तब तक काफी देर हो चुकी थी. पत्नी की मौत का सदमे ललन पांडे बर्दाश्त नहीं कर सके और खुद दम तोड़ दिया. बताया जाता है एक ही साथ पति-पत्नी दोनो की अर्थी उठते देख पूरा गांव सन्न रह गया. अपनी पत्नी के वियोग में सेवानिवृत्त शिक्षक की मौत की खबर जंगल की आग की तरह पूरे गांव में फैल गई. देखते-देखते आसपास के लोग भी इकट्ठा हो गए. सभी के मुंह से दंपति के इस प्रेम और समर्पण की चर्चा होने लगी.

मरने के बाद भी निभाया साथ: लोग कहने लगे जीते जी तो साथ निभाया, लेकिन मरने के बाद भी पत्नी के साथ खुद प्राण त्याग परलोक सिधार गए. ताउम्र साथ निभाना इसी को कहते हैं. इन दोनों को जानने वाले कहते हैं कि दंपति के बीच दोस्ती सा रिश्ता था. दोनों एक दूसरे के साथ मित्रवत व्यवहार करते थे. एक दूसरे के दुख को देख कर दुखी होते थे तथा घर में कोई खुशियां आती तो दोनों साथ मिलकर खुश भी होते थे. लेकिन जब पत्नी स्वर्ग सिधार गई, तो पति ललन पांडे सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके और पत्नी की के निधन के उपरांत खुद भी दम तोड़ दिया.

एक ही चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार: ग्रामीणों ने बताया कि मृतक दंपति को गांव में कंधा देने के लिए होड़ मच गई. लोग दम्पति के प्रेम की मिसाल देते थकते नहीं दिखे. परिजनों के साथ भारी संख्या में ग्रामीण भी अंतिम यात्रा में शामिल हुए. बता दें कि दंपति का अंत्येष्टि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ. जहां एक ही चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार किया गया. इस दृश्य को देखकर सभी की आंखें नम हो गई. लेकिन जाते-जाते अपने पीछे प्रेम और समर्पण की एक लंबी कहानी छोड़ गए.

रोहतास: बिहार के रोहतास में पत्नी की मौत के बाद पति की मृत्यु हो गई. दरअसल, 65 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक ललन पांडे ने अपनी 60 वर्षीय पत्नी शामदेई देवी के निधन के सदमे में दम तोड़ दिया. पति और पत्नी का एक साथ अंतिम संस्कार भी किया गया. जिसने भी इस वाकये को सुना उनके मुंह से बरबस ही निकल पड़ा 'प्यार हो तो ऐसा'. अंतिम समय तक साथ निभाने का वादा दोनों ने पूरा किया.

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साथ-साथ जीने मरने का वादा निभा गए ललन: साथ-साथ जीना तो हर किसी के लिए संभव है, लेकिन कोई भी दंपति किसी एक के वियोग में उसके साथ ही चला जाए, ऐसा कम ही देखने को मिलता है. जी हां, पति-पत्नी का संबंध ताउम्र के लिए नहीं होता, किसी न किसी एक को पहले इस दुनिया से जाना होता है. फिर भी कुछ ऐसे खुशकिस्तमत जोड़े भी होते हैं, जो ताउम्र के लिए साथ निभा जाते हैं. ऐसा ही वाकया जिले के करगहर के बकसरा पंचायत में देखने को मिला. यहां तेंदुनी में सेवानिवृत्त शिक्षक लल्लन पांडे ने अपनी 60 वर्षीय पत्नी सामदेयी देवी के निधन के बाद वियोग में खुद भी प्राण त्याग दिया.

कुछ घंटे भी नहीं सह पाये वियोग: चूंकि पत्नी की मौत स्वाभाविक थी, लेकिन जैसे ही अपनी पत्नी के निधन की सूचना ललन पांडे को लगी. वह बदहवास हो गए और दौड़ते दौड़ते वह अपनी मृत पत्नी के पास पहुंचे. अपनी पत्नी का मृत चेहरा देखकर वह गहरे सदमे में चले गए. उस वक्त घर लोग बुजुर्ग महिला के निधन के बाद घर में रोना-धोना कर रहे थे. सभी का ध्यान मृतक महिला की ओर था. इसी बीच गहरे सदमे से पति ललन पांडे बेहोश हो गए और मूर्छित होकर आंगन में ही गिर पड़े.

पत्नी के शव के पास तोड़ा दम: घर के लोगों ने उनके चेहरे पर पानी का छींटा मारा तथा तबीयत बिगड़ता देख अस्पताल ले जाना चाहा. परंतु तब तक काफी देर हो चुकी थी. पत्नी की मौत का सदमे ललन पांडे बर्दाश्त नहीं कर सके और खुद दम तोड़ दिया. बताया जाता है एक ही साथ पति-पत्नी दोनो की अर्थी उठते देख पूरा गांव सन्न रह गया. अपनी पत्नी के वियोग में सेवानिवृत्त शिक्षक की मौत की खबर जंगल की आग की तरह पूरे गांव में फैल गई. देखते-देखते आसपास के लोग भी इकट्ठा हो गए. सभी के मुंह से दंपति के इस प्रेम और समर्पण की चर्चा होने लगी.

मरने के बाद भी निभाया साथ: लोग कहने लगे जीते जी तो साथ निभाया, लेकिन मरने के बाद भी पत्नी के साथ खुद प्राण त्याग परलोक सिधार गए. ताउम्र साथ निभाना इसी को कहते हैं. इन दोनों को जानने वाले कहते हैं कि दंपति के बीच दोस्ती सा रिश्ता था. दोनों एक दूसरे के साथ मित्रवत व्यवहार करते थे. एक दूसरे के दुख को देख कर दुखी होते थे तथा घर में कोई खुशियां आती तो दोनों साथ मिलकर खुश भी होते थे. लेकिन जब पत्नी स्वर्ग सिधार गई, तो पति ललन पांडे सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके और पत्नी की के निधन के उपरांत खुद भी दम तोड़ दिया.

एक ही चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार: ग्रामीणों ने बताया कि मृतक दंपति को गांव में कंधा देने के लिए होड़ मच गई. लोग दम्पति के प्रेम की मिसाल देते थकते नहीं दिखे. परिजनों के साथ भारी संख्या में ग्रामीण भी अंतिम यात्रा में शामिल हुए. बता दें कि दंपति का अंत्येष्टि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ. जहां एक ही चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार किया गया. इस दृश्य को देखकर सभी की आंखें नम हो गई. लेकिन जाते-जाते अपने पीछे प्रेम और समर्पण की एक लंबी कहानी छोड़ गए.

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