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मजदूर बाप की बेटी बनी डिस्ट्रिक्ट टॉपर, पिता ने कहा- गर्व है हमें

घर में आर्थिक तंगी के कारण गोल्डी मोहल्ले के बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर अपनी पढ़ाई के खर्चे निकालती है. वो शाम को बच्चों को इकट्ठा कर टयूशन पढ़ाती है और दिन में कॉलेज जाती हैं.

गोल्डी कुमारी एवं माता-पिता
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Published : Apr 1, 2019, 8:23 PM IST

सासारामः बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा का रिजल्ट आ चुका है. डालमियानगर की रहने वाली गोल्डी कुमारी कॉमर्स में डिस्ट्रिक्ट टॉपर के रूप में उभरी है. गोल्डी अपनी सफलता का श्रेय अपने माता - पिता को देती है.

बता दें की गोल्डी के पिता मजदूरी करते हैं. घर में आर्थिक तंगी के कारण गोल्डी मोहल्ले के बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर अपनी पढ़ाई के खर्चे निकालती है. वो शाम को बच्चों को इकट्ठा कर टयूशन पढ़ाती है और दिन में कॉलेज जाती हैं. इंटरमीडिएट का रिजल्ट आने से गोल्डी के परिवार में खुशी की लहर है. मोहल्ले के लोग उसके घर जाकर उसे बधाई दे रहे हैं.

डिस्ट्रिक्ट टॉपर बनी गोल्डी

सरकार से आर्थिक मदद की गुहार

यूं तो गोल्डी चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहती हैं. लेकिन पढ़ाई के लिए अधिक पैसे की आवश्यकता के कारण सरकार से मदद की गुहार लगाइ है. ऐसे में अगर पैसे का जुगाड़ हो गया तो वह सीए बन कर दिखाएंगी. या फिर सामान्य परस्थिति में गोल्डी टीचर बनाना चाहती हैं. गोल्डी के पिता अपने बेटी के सफलता पर फूले नहीं समा रहे हैं और बताते हैं कि सब भगवान की कृपा है.

सासारामः बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा का रिजल्ट आ चुका है. डालमियानगर की रहने वाली गोल्डी कुमारी कॉमर्स में डिस्ट्रिक्ट टॉपर के रूप में उभरी है. गोल्डी अपनी सफलता का श्रेय अपने माता - पिता को देती है.

बता दें की गोल्डी के पिता मजदूरी करते हैं. घर में आर्थिक तंगी के कारण गोल्डी मोहल्ले के बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर अपनी पढ़ाई के खर्चे निकालती है. वो शाम को बच्चों को इकट्ठा कर टयूशन पढ़ाती है और दिन में कॉलेज जाती हैं. इंटरमीडिएट का रिजल्ट आने से गोल्डी के परिवार में खुशी की लहर है. मोहल्ले के लोग उसके घर जाकर उसे बधाई दे रहे हैं.

डिस्ट्रिक्ट टॉपर बनी गोल्डी

सरकार से आर्थिक मदद की गुहार

यूं तो गोल्डी चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहती हैं. लेकिन पढ़ाई के लिए अधिक पैसे की आवश्यकता के कारण सरकार से मदद की गुहार लगाइ है. ऐसे में अगर पैसे का जुगाड़ हो गया तो वह सीए बन कर दिखाएंगी. या फिर सामान्य परस्थिति में गोल्डी टीचर बनाना चाहती हैं. गोल्डी के पिता अपने बेटी के सफलता पर फूले नहीं समा रहे हैं और बताते हैं कि सब भगवान की कृपा है.

Intro:डेस्क बिहार
रिपोर्ट - रवि कुमार /सासाराम
स्लग - टॉपर
कहते हैं कि मन में लगन हो तो सफलता कदम चूमती है कुछ ऐसा ही कर दिखाया है जिले के डालमियानगर स्थित वार्ड नंबर 3 की गोल्डी कुमारी


Body:दरअसल गोल्डी इंटर कॉमर्स में रोहतास जिले में डिस्ट्रिक्ट टॉपर है उसे 461 अंक मिले है पिता मजदूरी करते हैं गोल्डी मोहल्ले के बच्चे को ट्यूशन पढा कर अपनी पढ़ाई के खर्चे निकालती है सुबह शाम बच्चों को इकट्ठा कर टयूशन पढ़ाना तथा दिन में कॉलेज व ट्यूशन पढ़ना गोल्डी का रोजमर्रा रहा है लेकिन जैसे इंटरमीडिएट का रिजल्ट आया और वाणिज्य में गोल्डी का नाम डिस्टिक टॉपर में आया परिवार में खुशियां छा गई मोहल्ले के लोग एकत्र हो गए तथा सभी गोल्डी को बधाई देने लगे

चुकी गोल्डी चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहती है लेकिन इस पढ़ाई के लिए अधिक पैसे की आवश्यकता होगी ऐसे में अगर पैसे की जुगाड़ हो गई तो वह सीए बन कर दिखाएगी अन्यथा सामान्य परस्थिति में टीचर बनाना चाहती है
गोल्डी के पिता कमलेश गुप्ता मकान बनाने में मजदूरी करते हैं साथ ही पट्टे पर लेकर जमीन लेकर खुद मजदूरी कर खेती करते हैं गोल्डी पढ़ाई के अलावा घर के कामकाज में भी हाथ बढ़ाती है इतना कुछ करते हुए भी इंटर कॉमर्स में डिस्टिक टॉपर होने पर भी गोल्डी में जरा भी अहंकार नहीं है वह कहती है कि आगे भी वह ट्यूशन पढ़ा कर अपने पढ़ाई को पूरा करेगी अगर आर्थिक स्थिति बेहतर रही तो जरूर चार्टर्ड अकाउंटेंट बंद कर दिखाएगी अन्यथा एक शिक्षिका तो वह आज भी है
बाइट- कमलेश गुप्ता ( गोल्डी के पिता)
वाइट - गोल्डी कुमारी ( डिस्टिक टॉपर कॉमर्स संकाय) इंटरमीडिएट



Conclusion:
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