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रोहतास: सूर्य भगवान को दंडवत प्रणाम कर दिया पहला अर्घ्य, दीर्घायु और सुख समृध्दि की कामना

लोक आस्था का महापर्व छठ पर सासाराम के लालगंज नहर में कई महिलाओं ने दंडवत कर छठ पूजा की. वहीं भारी संख्या में छठ व्रती घाटों पर मौजूद रहे. छठ व्रतियों ने पूरे दिन निर्जला उपवास कर नदी, तालाब में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया.

अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया पहला अर्घ्य
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Published : Nov 2, 2019, 9:02 PM IST

रोहतास: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन विभिन्न छठ घाटों पर व्रतियों ने डूबते सूर्य की आराधना कर उन्हें दूध और जल का अर्घ्य दिया. इससे पहले छठ व्रती और श्रद्धालु डाला में पूजा की सभी सामग्री लेकर घाट पर पहुंचे. वहीं कई श्रद्धालुओं ने दंड प्रणाम देते छठ घाट पहुंच कर भगवान भास्कर की आराधना की. इस दौरान घाटों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे.

दंडवत करते हुए घाटों पर पहुंची छठ व्रती

लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का तीसरा दिन है. छठ व्रतियों ने पूरे दिन निर्जला उपवास कर नदी, तालाब में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. शाम की पूजा के समाप्त होते ही रविवार की सुबह की तैयारियां भी शुरू हो गई. गौरतलब है कि सासाराम के लालगंज नहर में कई महिलाओं ने दंडवत कर छठ के इस महान पर्व को मनाया. सासाराम में भी हजारों की संख्या में छठ व्रती घाटों पर पहुंचे थे. डूबते हुए सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया और भक्ति भाव से भगवान भास्कर की उपासना की. आस्था के इस महापर्व में लोग पूरी श्रद्धा के साथ घाटों पर जुटते हैं.

दंडवत प्रणाम कर दिया पहला अर्घ्य

दीर्घायु और सुख समृध्दि की कामना की

मान्यता है कि छठ का पर्व दीर्घायु और सुख समृध्दि के लिए किया जाता है. आदि आदित्य हृदय स्त्रोत से पाठ करते हुए पीतल के पात्र में दूध मिश्रित जल से अर्घ्य देने से स्वास्थ्य लाभ होता है. शाम और प्रातः कालीन अर्घ्य देने से आर्थिक समस्याओं का निवारण होता है. गुरुवार से नहाए खाए के साथ शुरू हुए छठ महापर्व का आज तीसरा दिन है. इस पूजा के बाद अगली सुबह की पूजा की तैयारी शुरू हो जाती है. छठ व्रती पूरी तैयारी के साथ बांस की टोकरी में अर्घ्य का सूप सजा कर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचे हैं.

rohtas
घाटों पर उमड़ी भीड़

रोहतास: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन विभिन्न छठ घाटों पर व्रतियों ने डूबते सूर्य की आराधना कर उन्हें दूध और जल का अर्घ्य दिया. इससे पहले छठ व्रती और श्रद्धालु डाला में पूजा की सभी सामग्री लेकर घाट पर पहुंचे. वहीं कई श्रद्धालुओं ने दंड प्रणाम देते छठ घाट पहुंच कर भगवान भास्कर की आराधना की. इस दौरान घाटों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे.

दंडवत करते हुए घाटों पर पहुंची छठ व्रती

लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का तीसरा दिन है. छठ व्रतियों ने पूरे दिन निर्जला उपवास कर नदी, तालाब में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. शाम की पूजा के समाप्त होते ही रविवार की सुबह की तैयारियां भी शुरू हो गई. गौरतलब है कि सासाराम के लालगंज नहर में कई महिलाओं ने दंडवत कर छठ के इस महान पर्व को मनाया. सासाराम में भी हजारों की संख्या में छठ व्रती घाटों पर पहुंचे थे. डूबते हुए सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया और भक्ति भाव से भगवान भास्कर की उपासना की. आस्था के इस महापर्व में लोग पूरी श्रद्धा के साथ घाटों पर जुटते हैं.

दंडवत प्रणाम कर दिया पहला अर्घ्य

दीर्घायु और सुख समृध्दि की कामना की

मान्यता है कि छठ का पर्व दीर्घायु और सुख समृध्दि के लिए किया जाता है. आदि आदित्य हृदय स्त्रोत से पाठ करते हुए पीतल के पात्र में दूध मिश्रित जल से अर्घ्य देने से स्वास्थ्य लाभ होता है. शाम और प्रातः कालीन अर्घ्य देने से आर्थिक समस्याओं का निवारण होता है. गुरुवार से नहाए खाए के साथ शुरू हुए छठ महापर्व का आज तीसरा दिन है. इस पूजा के बाद अगली सुबह की पूजा की तैयारी शुरू हो जाती है. छठ व्रती पूरी तैयारी के साथ बांस की टोकरी में अर्घ्य का सूप सजा कर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचे हैं.

rohtas
घाटों पर उमड़ी भीड़
Intro:रोहतास। आस्था का महापर्व छठ आज पूरी श्रद्धा के साथ सासाराम में मनाया जा रहा है। इस दौरान डूबते सूर्य को छठ व्रतियों ने अर्घ दिया तो वहीं हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने सूर्य भगवान को नमन किया।


Body:लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है भारी संख्या में छठ व्रती घाटों पर मौजूद रहे। छठ व्रतियों ने पूरे दिन निर्जला उपवास कर नदी तालाब में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। शाम की पूजा के समाप्त होते ही रविवार की सुबह की तैयारियां भी शुरू हो गई। गौरतलब है कि सासाराम के लालगंज नहर में कई महिलाओं ने दंडवत कर छठ के इस महान पर्व को मनाया। मान्यता है कि छठ का पर्व दीर्घायु परंपरिक समस्या समेत अन्य के लिए किया जाता है आदि आदित्य हृदय स्त्रोत से पाठ करते हुए पीतल के पात्र में दूध मिश्रित जल से अर्थ देने से स्वास्थ्य लाभ होता है। शाम और प्रातः कालीन अर्घ देने से आर्थिक समस्याओं का निवारण होता है। गुरुवार से नहाए खाए के साथ शुरू हुए छठ का महापर्व आज तीसरा दिन है। इस दिन वर्ती पूरे दिन निर्जला उपवास कर शाम में नदी तालाब में खड़े होकर ढलते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं। इस पूजा के बाद अगली सुबह की पूजा की तैयारी शुरू हो जाती है। इसके बाद से उगते सूर्य को अर्घ देने तक निर्जला उपवास रखती है सुबह आने वाले अर्ध के बाद पारण होता है।


Conclusion:वही सासाराम में भी हजारों की संख्या में छठ व्रती घाटों पर पहुंच डूबते हुए सूर्य भगवान को अर्ग चलाया और पूजा उपासना की आस्था के इस महापर्व में लोग खूब श्रद्धा पूर्ण पूजा करने में लगी थी।
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