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आग ने बर्बाद किया 70 बीघा में लगी गेहूं की फसल, किसानों को अब तक नहीं मिला मुआवजा

किसानों का कहना है कि सरकार की तरफ से किसानों को कोई राहत नहीं मिलती. ऐसे में हम लोग रोड पर आ जाएंगे.

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Published : May 3, 2019, 1:32 PM IST

किसान

रोहतासः जिला मुख्यालय से तकरीबन चालीस किलोमीटर दूर दिनारा प्रखंड के प्राणपुर गांव के किसानों की फसल पूरी तरह जलकर बर्बाद हो गई. ये घटना उस वक्त घटी जब खेतों में किसानों की फसल लहलहा रही थी. वहीं, इनमें कुछ ऐसे किसान भी थे जो बांटे पर खेत लेकर खेती कर रहे थे. इन किसानों को अब तक फसल बीमा का लाभ भी नहीं मिला है.

सूबे में पिछले कई दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है. लिहाजा जगह-जगह आगजनी की घटनाएं बढ़ रही हैं. ऐसे में आग के तांडव ने किसानों की फसल को अपनी चपेट में ले लिया. प्राणपुर गांव में तकरीबन 70 बीघा में लगी गेहूं की फसल पूरी तरह जलकर राख हो गई. बीते दिनों जिले की कई जगहों पर आगलगी की घटना से खेतों में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं.

rohtas
राख हुई फसल

सरकारी फसल बीमा का नहीं मिला लाभ
पीड़ित किसानों के पास इन फसलों का कोई बीमा भी नहीं था, क्योंकि उन्हें सरकार की तरफ से फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिला था. किसानों का कहना है कि सरकार की तरफ से किसानों को कोई राहत नहीं मिलती ऐसे में हम लोग रोड पर आ जाएंगे.

rohtas
आग ने छीना सब

क्या खाएंगे और खिलाएंगे- किसान
गांव के एक पीड़ित किसान ने बताया कि उनकी तकरीबन 30 बीघा में गेहूं की फसल लगी थी, जो जलकर पूरी तरह से राख हो चुकी है. अब हालात यह है कि किसान के घर में खाने के लिए अनाज तक नहीं है. हम क्या करेंगे. उनका कहना था कि इस बार गेंहू की फसल भी अच्छी होने के आसार थे. इससे किसानों के चेहरों पर रौनक थी. लेकिन आगलगी के बाद सिर्फ मायूसी ही रह गई. इनमें वे किसान भी थे जिनके घर में इस साल बेटी की शादी होनी थी. अब इस घटना के बाद ये बेटी की शादी कैसे होगी.

मुरझाए चेहरे

मुआवजे की आस
किसानों का कहना है कि पूरी फसल राख बन चुकी है. अब तो प्रशासन से ही आस है कि मुआवजा मिल जाए. लेकिन अधिकारी देखने भी नहीं आए. वहीं, इस बारे में प्रखंड विकास अधिकारी का कहना है कि घटना की जानकारी मिली है. किसानों को मुआवजा मिले इसके लिए बर्बाद हुई फसलों का आकलन किया जाएगा. उसके आधार पर मुआवजा राशि तय कर दी जाएगी.

रोहतासः जिला मुख्यालय से तकरीबन चालीस किलोमीटर दूर दिनारा प्रखंड के प्राणपुर गांव के किसानों की फसल पूरी तरह जलकर बर्बाद हो गई. ये घटना उस वक्त घटी जब खेतों में किसानों की फसल लहलहा रही थी. वहीं, इनमें कुछ ऐसे किसान भी थे जो बांटे पर खेत लेकर खेती कर रहे थे. इन किसानों को अब तक फसल बीमा का लाभ भी नहीं मिला है.

सूबे में पिछले कई दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है. लिहाजा जगह-जगह आगजनी की घटनाएं बढ़ रही हैं. ऐसे में आग के तांडव ने किसानों की फसल को अपनी चपेट में ले लिया. प्राणपुर गांव में तकरीबन 70 बीघा में लगी गेहूं की फसल पूरी तरह जलकर राख हो गई. बीते दिनों जिले की कई जगहों पर आगलगी की घटना से खेतों में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं.

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राख हुई फसल

सरकारी फसल बीमा का नहीं मिला लाभ
पीड़ित किसानों के पास इन फसलों का कोई बीमा भी नहीं था, क्योंकि उन्हें सरकार की तरफ से फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिला था. किसानों का कहना है कि सरकार की तरफ से किसानों को कोई राहत नहीं मिलती ऐसे में हम लोग रोड पर आ जाएंगे.

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आग ने छीना सब

क्या खाएंगे और खिलाएंगे- किसान
गांव के एक पीड़ित किसान ने बताया कि उनकी तकरीबन 30 बीघा में गेहूं की फसल लगी थी, जो जलकर पूरी तरह से राख हो चुकी है. अब हालात यह है कि किसान के घर में खाने के लिए अनाज तक नहीं है. हम क्या करेंगे. उनका कहना था कि इस बार गेंहू की फसल भी अच्छी होने के आसार थे. इससे किसानों के चेहरों पर रौनक थी. लेकिन आगलगी के बाद सिर्फ मायूसी ही रह गई. इनमें वे किसान भी थे जिनके घर में इस साल बेटी की शादी होनी थी. अब इस घटना के बाद ये बेटी की शादी कैसे होगी.

मुरझाए चेहरे

मुआवजे की आस
किसानों का कहना है कि पूरी फसल राख बन चुकी है. अब तो प्रशासन से ही आस है कि मुआवजा मिल जाए. लेकिन अधिकारी देखने भी नहीं आए. वहीं, इस बारे में प्रखंड विकास अधिकारी का कहना है कि घटना की जानकारी मिली है. किसानों को मुआवजा मिले इसके लिए बर्बाद हुई फसलों का आकलन किया जाएगा. उसके आधार पर मुआवजा राशि तय कर दी जाएगी.

Intro:रोहतास। जिला मुख्यालय से तकरीबन चालीस किलोमीटर दूर दिनारा प्रखंड के प्राणपुर गांव के किसानों पर कहर टूट पड़ा है। क्योंकि यहां के किसानों का फसल जलकर बर्बाद हो गया।


Body:गौरतलब है कि सूबे में पिछले कई दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है। लिहाजा जगह जगह आगजनी की घटना घट रही थी। वहीं सबसे अधिक नुकसान उन किसानों को हुआ है जिनके फसल खेत में लहलहा रहे थे और वह काटने के कगार पर थे। लेकिन आग के आतंक ने उनके फसल को बर्बाद कर दिया। कुछ ऐसा ही मामला दिनारा प्रखंड के प्राणपुर गांव में भी देखने को मिला जहां तकरीबन 70 बीघा में लगे गेहूं की फसल पूरी तरह जलकर राख हो गई। यह घटना तब घटी जब आग की चिंगारी गेहूं के खेत में आ पहुंची और हवा की तेज रफ्तार ने पूरे गेहूं की फसल को आग के आगोश में कर लिया। सबसे अहम सवाल यह है कि इन किसानों के पास इन फसलों के लिए कोई भी बीमा नहीं थी। क्योंकि उन्हें सरकार की तरफ से फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिला था। जाहिर है लाभ नहीं मिलने के बाद यह किसान गेहूं की फसल की जलने के बाद रोड पर आ गए हैं। गांव के एक किसान ने बताया कि उसके तकरीबन 30 बीघा में गेहूं की फसल लगी थी जो जलकर पूरी तरह से राख हो चुकी है। अब हालात यह है कि किसान के घर में खाने के लिए अनाज तक नहीं है। इस जिस तरह से गेहूं की उत्पादन हुई थी उस से किसानों के चेहरे पर रौनक थी। लेकिन आगलगी ने किसानों के चेहरे की रौनक उड़ा दी। इस अगलगी के शिकार में ऐसे भी किसान थे जिनकी बेटी की शादी होनी थी। लेकिन आगलगी के बाद वह पूरी तरह से टूट चुके हैं। वहीं अब लोगों की नजर प्रशासन पर है कि उन्हें इस अगलगी के बाद कब मुआवजा दिया जाएगा। वहीं इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि अगलगी के घटना के बारे में जानकारी मिली है। लिहाज़ा जांच करने के बाद जो लोग भी इसके हकदार होंगे उन्हें जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाएगा।


Conclusion:वहीं किसानों के फसल बीमा योजना ना होने की वजह से उन्हें भारी नुकसान हुआ है। अब किसानों की नजर प्रशासन पर है कि उन्हें कब इसकी मुआवजा राशि मिलता है ताकि वह खुद को संभाल सके।

बाइट। किसान
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