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रोहतास: भाकपा माले ने किया प्रखंड कार्यालय का घेराव

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Published : Feb 25, 2021, 2:26 PM IST

रोहतास के डेहरी प्रखंड कार्यालय का भाकपा माले ने घेराव किया और कृषि कानून वापस लेने की मांग की.

प्रदर्शन
प्रदर्शन

रोहतास: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अखिल भारतीय खेत मजदूर सभा और मनरेगा मजदूर के बैनर तले डेहरी प्रखंड कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कृषि कानून वापस लेने की मांग की.

प्रखंड कार्यालय पर प्रदर्शन किया
भाकपा माले के कार्यकर्ताओं के साथ सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष हांथों में झंडे लिए डेहरी प्रखंड कार्यालय पहुंचे और प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने मजदूरों को पांच सौ रुपये प्रतिदिन मजदूरी देने की गारंटी, सरकारी जमीनों पर बसे मजदूरों को न उजाड़ने, कृषि कानून वापस लेने की मांग की.

ये भी पढ़ें- नीतीश सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगा युवा राजद, 23 मार्च को विधानसभा का घेराव

सरकार की मजदूर विरोधी नीति
इस दौरान भाकपा माले नेता अशोक सिंह ने कहा कि आज पूरे देश की आबादी का 70% हिस्सा खेतिहर मजदूर और मनरेगा मजदूर हैं. जिनके श्रम से देश खड़ा है. लेकिन, सरकार की मजदूर विरोधी नीति के चलते वह हाशिए पर हैं. बेकारी और बेरोजगारी के चलते आज पेट चलाना मुश्किल है. सरकार मनरेगा मजदूरों को कम से कम 100 दिन का काम दे. नहीं तो भत्ता का गारंटी करें अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा.

रोहतास: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अखिल भारतीय खेत मजदूर सभा और मनरेगा मजदूर के बैनर तले डेहरी प्रखंड कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कृषि कानून वापस लेने की मांग की.

प्रखंड कार्यालय पर प्रदर्शन किया
भाकपा माले के कार्यकर्ताओं के साथ सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष हांथों में झंडे लिए डेहरी प्रखंड कार्यालय पहुंचे और प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने मजदूरों को पांच सौ रुपये प्रतिदिन मजदूरी देने की गारंटी, सरकारी जमीनों पर बसे मजदूरों को न उजाड़ने, कृषि कानून वापस लेने की मांग की.

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सरकार की मजदूर विरोधी नीति
इस दौरान भाकपा माले नेता अशोक सिंह ने कहा कि आज पूरे देश की आबादी का 70% हिस्सा खेतिहर मजदूर और मनरेगा मजदूर हैं. जिनके श्रम से देश खड़ा है. लेकिन, सरकार की मजदूर विरोधी नीति के चलते वह हाशिए पर हैं. बेकारी और बेरोजगारी के चलते आज पेट चलाना मुश्किल है. सरकार मनरेगा मजदूरों को कम से कम 100 दिन का काम दे. नहीं तो भत्ता का गारंटी करें अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा.

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