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रोहतास: भूखे-प्यासे पैदल अपने घर जा रहे मजदूरों को BDO ने खिलाया खाना - लॉकडाउन का असर

मजदूरों ने बताया कि वो बिल्कुल स्वस्थ्य हैं और किसी तरह की कोई स्वास्थ्य सम्बन्धी कठिनाई उन्हें नहीं है. फिर भी वो अपने मुखिया और सरकार के निर्देश का पालन करते हुए पीएचसी में जांच के बाद ही घर जाएंगे.

रोहतास
मजदूरों को खाना
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Published : Apr 17, 2020, 11:40 AM IST

रोहतास: कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर पूरे रोहतास जिले की सीमा को सील कर दिया गया है. बावजूद इसके विभिन्न भागों से कार्यरत मजदूर अपने वतन को लौट रहे हैं. उसी कड़ी में मोहनिया से पैदल चलकर 24 मजदूर नगर पंचायत पहुंचे.

ये 24 मजदूर अररिया, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज और सहरसा के रहने वाले हैं. ये सभी मोहनिया से 14 अप्रैल को 10 बजे दिन में पैदल ही अपने घर के लिए चल दिए. सभी लोगो को बीडीओ मनीष कुमार के निर्देश पर नगर पंचायत में खाना खिलाया गया. उसके बाद सभी लोग अपने घर के लिए निकल गए.

काम बंद होने से बढ़ी परेशानी
मजदूरों का कहना है कि वे मोहनिया में अररिया के ठेकेदार बारी द्वारा एक भवन निर्माण कंपनी के लिए कार्य‌ करते थे. लेकिन, लाॅकडाउन के चलते इनका काम बंद हो गया. जिसके कारण वहां कोई रहने का साधन नही बचा. इसलिए वे सभी वहां से 14 अप्रैल को तड़के पैदल‌ ही अपने घरों के लिए निकल पड़े. मजदूरों ने बताया कि रास्ते भर लॉकडाउन को ले उन्हें कही भी खाना नहीं मिला. भूखे ही अपने घर के लिए पैदल चलते रहे. लेकिन नासरीगंज पहुंचने पर बीडीओ मनीष कुमार के निर्देश पर नगर पंचायत में उन्हें खाना खिलाया गया. जिसपर मजदूरों ने उनका धन्यवाद किया.

जांच कराने के बाद जाएंगे घर
भोजन करने के बाद सभी मजदूर अपनी मंजिल के लिए पैदल ही निकल गए. उन्होंने बताया कि वो अपने-अपने पंचायत के मुखिया को सूचित कर चुके हैं. उनके मुखिया ने स्थानीय पीएचसी में चिकित्सकीय जांच कराने के बाद गांव अपने घर पहुंचने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि वो बिल्कुल स्वस्थ्य हैं और किसी तरह की कोई स्वास्थ्य सम्बन्धी कठिनाई उन्हें नहीं है. फिर भी वो अपने मुखिया और सरकार के निर्देश का पालन करते हुए पीएचसी में जांच के बाद ही घर जाएंगे.

रोहतास: कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर पूरे रोहतास जिले की सीमा को सील कर दिया गया है. बावजूद इसके विभिन्न भागों से कार्यरत मजदूर अपने वतन को लौट रहे हैं. उसी कड़ी में मोहनिया से पैदल चलकर 24 मजदूर नगर पंचायत पहुंचे.

ये 24 मजदूर अररिया, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज और सहरसा के रहने वाले हैं. ये सभी मोहनिया से 14 अप्रैल को 10 बजे दिन में पैदल ही अपने घर के लिए चल दिए. सभी लोगो को बीडीओ मनीष कुमार के निर्देश पर नगर पंचायत में खाना खिलाया गया. उसके बाद सभी लोग अपने घर के लिए निकल गए.

काम बंद होने से बढ़ी परेशानी
मजदूरों का कहना है कि वे मोहनिया में अररिया के ठेकेदार बारी द्वारा एक भवन निर्माण कंपनी के लिए कार्य‌ करते थे. लेकिन, लाॅकडाउन के चलते इनका काम बंद हो गया. जिसके कारण वहां कोई रहने का साधन नही बचा. इसलिए वे सभी वहां से 14 अप्रैल को तड़के पैदल‌ ही अपने घरों के लिए निकल पड़े. मजदूरों ने बताया कि रास्ते भर लॉकडाउन को ले उन्हें कही भी खाना नहीं मिला. भूखे ही अपने घर के लिए पैदल चलते रहे. लेकिन नासरीगंज पहुंचने पर बीडीओ मनीष कुमार के निर्देश पर नगर पंचायत में उन्हें खाना खिलाया गया. जिसपर मजदूरों ने उनका धन्यवाद किया.

जांच कराने के बाद जाएंगे घर
भोजन करने के बाद सभी मजदूर अपनी मंजिल के लिए पैदल ही निकल गए. उन्होंने बताया कि वो अपने-अपने पंचायत के मुखिया को सूचित कर चुके हैं. उनके मुखिया ने स्थानीय पीएचसी में चिकित्सकीय जांच कराने के बाद गांव अपने घर पहुंचने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि वो बिल्कुल स्वस्थ्य हैं और किसी तरह की कोई स्वास्थ्य सम्बन्धी कठिनाई उन्हें नहीं है. फिर भी वो अपने मुखिया और सरकार के निर्देश का पालन करते हुए पीएचसी में जांच के बाद ही घर जाएंगे.

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