रोहतास: प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली किसी से छुपी नहीं है. ये हालत तब है जब केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे खुद प्रदेश के निवासी हैं. ताजा मामला जिला मुख्यालय सासाराम में अवस्थित सदर अस्पताल का है. जहां मरीजों का इलाज भगवान के भरोसे चल रहा है. अस्पताल में आईसीयू वार्ड तो है, लेकिन इसमें मरीजों को भर्ती सिर्फ उनकी तसल्ली के लिए किया जाता है.
'सुविधाओं के नाम पर हो रही खानापूर्ती'
इस बाबत अस्पताल में अपने रिश्तेदार का इलाज कराने आए अरविंद कुमार बताते हैं कि यहां सुविधाओं का धोर अभाव है. यहां मेरी पत्नी का इलाज आईसीयू वार्ड में चल रहा है. लेकिन वह वार्ड केवल नाम मात्र का आईसीयू है. वहां पर बेसिन का गंदा पानी हमेशा से फर्श पर बिखरा रहता है. शौचालय के हालात तो और भी ज्यादा खराब है. वार्ड में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था भी नहीं है.
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'नहीं काम कर रहा आईसीयू वार्ड'
इस मामले में जब ईटीवी भारत की टीम ने अस्पताल के सीएस डॉ. जनार्दन शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में आईसीयू वार्ड है, लेकिन वह अभी काम नहीं कर रहा है. उन्होंने बताया कि ECG अभी हो रहा है, लेकिन EG नही हो रहा है. वहीं अल्ट्रासाउंड पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अभी अस्पातल में अल्ट्रासाउंड मशीन का ऑपरेटर नही है. जिस वजह से अल्ट्रासाउंड विभाग भी काम नही कर रहा है. यहां पर कर्मियों की कमी है. हमलोग इस कमी को दूर करने के लिए प्रयासरत है. जल्द ही अल्ट्रासाउंड विभाग भी काम करने लगेगा.
मरीजों की जान के साथ खिलवाड़
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय में एक मात्र बड़े अस्पताल होने के वजह से वहां पर काफी संख्या में दूर-सूदूर ग्रामीण क्षेत्र के लोग अच्छे उपाचार का सपना संजोए अस्पताल में आते है. लेकिन यहां पर आते ही उनका भ्रम दूर हो जाता है. अस्पताल में आईसीयू वार्ड चालू हालात में नहीं है, ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि मरीजों को कैसे उस वार्ड में भर्ती किया जाता है. अगर उन्हें भर्ती किया जाता है, तो उनका उपचार कौन करता है?