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रोहतास में बनी 98 घंटे में 38 किलोमीटर सड़क, बिहार ने बनाया रिकॉर्ड - बिहार में सड़क निर्माण

एक तरफ जहां सरकारी अधिकारियों की लेट लतीफी के कारण कई योजनाएं धरातल पर उतर ही नहीं पाती. वहीं बिहार के रोहतास में तेज गति से सड़क बनाने में नया कीर्तिमान (Road Construction In Bihar) स्थापित किया है. यहां महज 98 घंटे में 38 किलोमीटर सड़क का निर्माण हुआ है.

98 घण्टे में बनी 38 KM सड़क
98 घण्टे में बनी 38 KM सड़क
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Published : Jul 4, 2022, 1:18 PM IST

रोहतासः बिहार के रोहतास में सड़क निर्माण में एक नया कीर्तिमान स्थापित हुआ है. यहां महज 98 घण्टे में 38 किलोमीटर (38 km Road Construction In 98 Hours In rohtas) सड़क का निर्माण कराया गया. दरअसल राष्ट्रीय उच्चपथ भारतमाला सड़क निर्माण परियोजना (Bharatmala Road Construction Project) के तहत रोहतास के कोचस के पड़रिया से कैमूर के मोहनिया तक मात्र 98 घंटे में ये सिंगल लेन सड़क बना दी गई. 38 किलोमीटर इस सड़क को 99 घंटे से भी कम समय में युद्धस्तर पर आधुनिक तकनीक के जरिेए पूरा कर देश को एक मैसेज देने का काम किया गया है.

ये भी पढ़ेंः देश में सबसे अधिक इस साल बिहार में NH बनाने की तैयारी, 30 हजार लोगों को मिलेगा काम

19 जून 2022 को शुरू हुआ था कामः परियोजना प्रबंधक ने बताया कि 19 जून 2022 को यह कार्य आरंभ किया गया जो लगातार 98 घंटा चलते रहा. 23 जून तक 38 किलोमीटर रोड बनकर तैयार हो गया. रोड निर्माण का कार्य करा रहे अशोका बिल्डकॉन लिमिटेड कंपनी के प्रोजेक्ट हेड गणेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय उच्चपथ संख्या- 319, जिसमें 115 किलोमीटर तक निर्माण का कार्य दो फेज में किया जा रहा है. इसकी लागत 1590 सौ करोड़ के करीब है. उन्होंने कहा कि जिस दिन कंपनी टारगेट लेकर चलती है, उस दिन से अधिकारी से लेकर छोटे कर्मचारी तक लक्ष्य को हासिल करने के लिए अलर्ट रहते हैं. कुशल इंजीनियरिंग के दम पर कंपनी ने 98 घंटे के अंदर 38 किलोमीटर सड़क बनाने का मुकाम हासिल किया.

"मात्र 98 घंटे में 38 किलोमीटर लंबी कालीकरण पीच सड़क का निर्माण हुआ है. इससे पहले 105 घंटे में 75 किलोमीटर सड़क बनाने का विश्व रिकॉर्ड भारत के नाम है, जो गिनीज बुक में दर्ज है, अक्टूबर तक हमलोग इस रिकॉड को भी बिहार में ब्रेक करेगें, ऐसी हमारी कोशिश है"- गणेश कुमार, प्रोजेक्ट हेड

105 घंटे में 75 किलोमीटर सड़क का है रिकार्डः बता दें कि केंद्रीय भूतल परिवहन विभाग द्वारा पहले ही 105 घंटे में 75 किलोमीटर सड़क बनाने का विश्व रिकॉर्ड भारत के नाम है. वहीं बिहार आने वाले दिनों में इस रिकॉर्ड को ब्रेक करने की ओर अग्रसर है. ऐसे में निर्माण कार्य करा रहे 'अशोका बिल्डकॉन लिमिटेड' कंपनी के प्रोजेक्ट हेड गणेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय उच्चपथ संख्या- 319, जो कि 115 किलोमीटर तक निर्माण कार्य दो फेज में किया जा रहा है, जिसमें आरा से कोचस के पडरिया तक 54 किलोमीटर तथा दूसरा पैकेज फेज में पड़रिया से कैमूर के मोहनिया तक 115 किलोमीटर का निर्माण किया जाना है. तारकोल से कालीकरण के सड़क निर्माण कार्य का एक तरह का पूरे देश में अपना अलग रिकॉर्ड है, जो मात्र 98 घंटे में 38 किलोमीटर लंबी कालीकरण पीच सड़क का निर्माण हुआ है.

यह भी पढ़ें- करोड़ों खर्च के बावजूद बिहार में नहीं हुआ स्किल डेवलपमेंट, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के जरिए भविष्य की रूपरेखा हुई तय

प्रोजेक्ट हेड गणेश कुमार ने कहा कि विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण के बाद आने वाले अक्टूबर-नवंबर तक बिहार एक नया रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर होगा. जिस पर लगातार काम चल रहा है. हमारी कोशिश की इस काम को जल्द से जल्द पूरा किया जाए. विभाग की ओर से युद्धस्तर पर काम चल रहा है. बिहार अभी आगे भी सड़क निर्माण में कीर्तिमान स्थापित करेगा.

रोहतासः बिहार के रोहतास में सड़क निर्माण में एक नया कीर्तिमान स्थापित हुआ है. यहां महज 98 घण्टे में 38 किलोमीटर (38 km Road Construction In 98 Hours In rohtas) सड़क का निर्माण कराया गया. दरअसल राष्ट्रीय उच्चपथ भारतमाला सड़क निर्माण परियोजना (Bharatmala Road Construction Project) के तहत रोहतास के कोचस के पड़रिया से कैमूर के मोहनिया तक मात्र 98 घंटे में ये सिंगल लेन सड़क बना दी गई. 38 किलोमीटर इस सड़क को 99 घंटे से भी कम समय में युद्धस्तर पर आधुनिक तकनीक के जरिेए पूरा कर देश को एक मैसेज देने का काम किया गया है.

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19 जून 2022 को शुरू हुआ था कामः परियोजना प्रबंधक ने बताया कि 19 जून 2022 को यह कार्य आरंभ किया गया जो लगातार 98 घंटा चलते रहा. 23 जून तक 38 किलोमीटर रोड बनकर तैयार हो गया. रोड निर्माण का कार्य करा रहे अशोका बिल्डकॉन लिमिटेड कंपनी के प्रोजेक्ट हेड गणेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय उच्चपथ संख्या- 319, जिसमें 115 किलोमीटर तक निर्माण का कार्य दो फेज में किया जा रहा है. इसकी लागत 1590 सौ करोड़ के करीब है. उन्होंने कहा कि जिस दिन कंपनी टारगेट लेकर चलती है, उस दिन से अधिकारी से लेकर छोटे कर्मचारी तक लक्ष्य को हासिल करने के लिए अलर्ट रहते हैं. कुशल इंजीनियरिंग के दम पर कंपनी ने 98 घंटे के अंदर 38 किलोमीटर सड़क बनाने का मुकाम हासिल किया.

"मात्र 98 घंटे में 38 किलोमीटर लंबी कालीकरण पीच सड़क का निर्माण हुआ है. इससे पहले 105 घंटे में 75 किलोमीटर सड़क बनाने का विश्व रिकॉर्ड भारत के नाम है, जो गिनीज बुक में दर्ज है, अक्टूबर तक हमलोग इस रिकॉड को भी बिहार में ब्रेक करेगें, ऐसी हमारी कोशिश है"- गणेश कुमार, प्रोजेक्ट हेड

105 घंटे में 75 किलोमीटर सड़क का है रिकार्डः बता दें कि केंद्रीय भूतल परिवहन विभाग द्वारा पहले ही 105 घंटे में 75 किलोमीटर सड़क बनाने का विश्व रिकॉर्ड भारत के नाम है. वहीं बिहार आने वाले दिनों में इस रिकॉर्ड को ब्रेक करने की ओर अग्रसर है. ऐसे में निर्माण कार्य करा रहे 'अशोका बिल्डकॉन लिमिटेड' कंपनी के प्रोजेक्ट हेड गणेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय उच्चपथ संख्या- 319, जो कि 115 किलोमीटर तक निर्माण कार्य दो फेज में किया जा रहा है, जिसमें आरा से कोचस के पडरिया तक 54 किलोमीटर तथा दूसरा पैकेज फेज में पड़रिया से कैमूर के मोहनिया तक 115 किलोमीटर का निर्माण किया जाना है. तारकोल से कालीकरण के सड़क निर्माण कार्य का एक तरह का पूरे देश में अपना अलग रिकॉर्ड है, जो मात्र 98 घंटे में 38 किलोमीटर लंबी कालीकरण पीच सड़क का निर्माण हुआ है.

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प्रोजेक्ट हेड गणेश कुमार ने कहा कि विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण के बाद आने वाले अक्टूबर-नवंबर तक बिहार एक नया रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर होगा. जिस पर लगातार काम चल रहा है. हमारी कोशिश की इस काम को जल्द से जल्द पूरा किया जाए. विभाग की ओर से युद्धस्तर पर काम चल रहा है. बिहार अभी आगे भी सड़क निर्माण में कीर्तिमान स्थापित करेगा.

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