पूर्णिया: लॉकडाउन के बाद महीने भर से अजमेर में फंसे 1,105 यात्री सोमवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से पूर्णिया जंक्शन पहुंचे. अजमेर से बिहार वापसी करने वालों में सभी 38 जिलों के श्रमिक और स्टूडेंट्स इसमें शामिल रहें. सभी को मेडिकल चेकअप के बाद बसों से उनके गृह जिले के लिए रवाना किया गया. इस दौरान मुस्लिम सम्प्रदाय के लोगों ने कहा कि हमारे लिए बिहार की वापसी ईद के तोहफे जैसा है. इस नेकी के लिए हम सीएम का ताउम्र शुक्रगुजार रहेंगे.
38 जिलों 1105 यात्रियों ने की वापसी
अजमेर से चली स्पेशल ट्रेन तकरीबन 3 घंटे देरी से पूर्णिया जंक्शन पहुंची. मगर जैसे ही ट्रेन गंतव्य स्थल पूर्णिया जंक्शन आकर लगी, यात्रियों के चेहरे उसी से खिल उठे. यहां कुल यात्रियों की संख्या 1105 थी. इसमें 156 यात्री पूर्णिया जिले के हैं. वहीं इनमें सर्वाधिक 256 यात्री बक्सर के हैं.
जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद हुए रवाना
ट्रेन के पूर्णिया जंक्शन पहुंचते ही सभी यात्रियों का भव्य स्वागत किया गया. इसके बाद बारी-बारी से यात्री प्लेटफार्म संख्या एक पर उतरे. जहां सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए सभी यात्रियों ने स्क्रीनिंग की प्रक्रिया पूरी की. वहीं, इसके बाद फूड पैकेट के साथ सभी श्रमिक बसों से गृह जिले के लिए रवाना हुए.
'ईद का अनमोल तोहफा'
इस बाबत ईटीवी भारत से बात करते हुए अजमेर से लौटे मुस्लिम संप्रदाय के लोगों ने कहा कि रमजान में ईद से पहले घर वापसी करना उनके लिए करिश्में जैसा है. इस मुश्किल वक़्त में सीएम ने लोगों की मदद करते हुए उन्हें उनके अपनों के बीच बुला लिया, वे इसके लिए ताउम्र सरकार का शुक्रगुजार रहेंगे. अजमेर से बिहार की वापसी उनके लिए ईद का अनमोल तोहफे जैसा है.