पूर्णियाः राज्य में नगर निकाय का चुनाव की तैयारी जारी है. इसी बीच पूर्णिया नगर निगम (Purnea Municipal Corporation) के वार्ड 26 के सैकड़ों मतदाता ने मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए पूर्णिया सदर एसडीओ कार्यालय पहुंचकर हंगामा (Protest In Purnea SDO Office) किया. मतदाताओं ने आरोप लगाया कि संबंधित वार्ड के वासी होने के बावजूद भी 600 मतदाताओं का नाम अन्य वार्ड में डाल दिया गया है. वार्ड से नगर निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों ने अपनी जीत दर्ज करने के लिए साजिश कर मतदाता सूची से नाम इधर-उधर किया है. प्रदर्शन कर रहे मतदाताओं ने एसडीओ को आवेदन देकर अपने आवासीय इलाके के मतदाता सूची में पुनः नाम सम्मलित करने की मांग की है. मतदाताओं ने अपनी मांगों का ज्ञापन डीएम को सौंपा है. बतादें कि 9 जुलाई को पूर्णिया नगर निगम के फाइनल वोटर लिस्ट का प्रकाशन हो चुका है.
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कर्मचारी पर लगाया गड़बड़ी करने का आरोपः मोहम्मद अली खान, दिलीप कुमार यादव, जरीना खातुन ने बताया कि वे लोग वार्ड 26 के मतदाता हैं. हर बार वार्ड 26 में मतदान करते आ रहें हैं. लेकिन नगर निगम चुनाव के लिए प्रकाशित वार्ड के मतदाता सूची से करीब 600 लोगों का नाम हमारे वार्ड के सूची से अचानक गायब हो गया है. वहीं अली खान ने बताया कि वे लोग यहां के इसी वार्ड के मूल निवासी हैं. इस संबंध में अपर निर्वाचन पदाधिकारी की ओर से मामले की स्थलगत जांच भी करायी गई थी, जिसमें मामला सही पाया था. लेकिन कुछ राजनीतिक व्यक्ति विशेष के प्रभाव में आकर कर्मचारी ने वार्ड 26 के करीब 600 मतदाताओं का नाम हटा कर दूसरे वार्ड के मतदाता सूची में नाम जोड़ दिया है.
कैसे तैयार होता है वार्ड का वोटर लिस्टः बिहार राज्य निर्वाचन आयोग पहले नगर निकाय के वार्डवार भौगोलिक नक्शा के प्रारूप का प्रकाशन करता है. दावा-आपत्ति के बाद वार्ड का फाइनल नक्शा का प्रकाशन किया जाता है. इसके बाद वार्ड के वोटर लिस्ट का प्रकाशन जारी किया जाता है. इसके लिए विधान सभा के अपडेट मतदाता सूची को नगर निकाय के वार्ड की भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाले मतदाता को संबंधित वार्ड का मतदाता माना जाता है. आयोग की ओर से वार्ड वार विखंडित मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशित किया जाता है. प्रारूप में आयोग की स्तर से किसी नाम छूट गया हो गलत वार्ड में अंकित हो गया हो तो ऐसे वोटरों को अपने पक्ष में दावा का मौका दिया जाता है. आपत्ति के निपटारे के बाद फाइनल मतदाता सूची का प्रकाशन होता है, जिसके आधार पर चुनाव होता है. सामान्य परिस्थिति में फाइनल मतदाता सूची में बदलाव नहीं होता है.
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