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पूर्णिया हथियार मामला : आरोपी विजय प्रताप के ठिकानों पर NIA का छापा

पिछले साल 7 फरवरी को पूर्णिया पुलिस ने एक एसयूवी कार से बड़े पैमाने पर हथियार बरामद किए थे. इस कार्रवाई में तीन लोग पुलिस के हत्थे चढ़े थे, जिसमें सूरज प्रसाद, वी. काहोरगम और क्लियरसन काबो शामिल थे.

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Published : Oct 14, 2020, 9:14 AM IST

पूर्णिया: एनआईए ने यहां मंगलवार को एक ऐसे व्यक्ति के घर पर तलाशी ली, जिसने कथित रूप से एनएससीएन (आईएम) के एक स्वयंभू प्रमुख निंगखान संगतम के बैंक खाते में बड़ी रकम ट्रांसफर की थी. अधिकारियों ने कहा कि पूर्णिया शस्त्र मामले की जांच के संबंध में यह तलाशी ली गई है.

एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि तलाशी चंद्र विजय प्रताप उर्फ सुशील के घर और सनमारियो औषधीय (फार्मास्यूटिकल) प्राइवेट लिमिटेड के परिसर में की गई. अधिकारी ने कहा कि प्रताप कंपनी के निदेशक हैं.

प्रतिबंधित हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति
अधिकारी ने कहा कि एनआईए की जांच में पता चला है कि संगतम की ओर से बिहार के एक हथियार डीलर के माध्यम से नक्सली गिरोह तृतीय प्रस्तुति समिति (टीपीसी) के फरार जोनल कमांडर भीखान गंझू को भारी मात्रा में अत्याधुनिक प्रतिबंधित हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति की गई थी. अधिकारी ने कहा कि खोजों के दौरान, मौद्रिक लेनदेन से संबंधित कई गुप्त दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है.

दरअसल, पिछले साल 7 फरवरी को पूर्णिया पुलिस ने एक एसयूवी कार से बड़े पैमाने पर हथियार बरामद किए थे. इस कार्रवाई में तीन लोग पुलिस के हत्थे चढ़े थे, जिसमें सूरज प्रसाद, वी. काहोरगम और क्लियरसन काबो शामिल थे. गाड़ी में से जब ग्रेनेड लॉन्चर, एके-47 राइफल और 1800 कारतूस मिले तो सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए थे.

सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर
एनआईए ने 28 फरवरी, 2019 को भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था. एनआईए ने मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद चार लोगों की गिरफ्तारी की. जिसमें त्रिपुरारी सिंह, मुकेश सिंह, निंगखान संगतम और संतोष सिंह शामिल हैं. इसके साथ ही सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है.

पूर्णिया: एनआईए ने यहां मंगलवार को एक ऐसे व्यक्ति के घर पर तलाशी ली, जिसने कथित रूप से एनएससीएन (आईएम) के एक स्वयंभू प्रमुख निंगखान संगतम के बैंक खाते में बड़ी रकम ट्रांसफर की थी. अधिकारियों ने कहा कि पूर्णिया शस्त्र मामले की जांच के संबंध में यह तलाशी ली गई है.

एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि तलाशी चंद्र विजय प्रताप उर्फ सुशील के घर और सनमारियो औषधीय (फार्मास्यूटिकल) प्राइवेट लिमिटेड के परिसर में की गई. अधिकारी ने कहा कि प्रताप कंपनी के निदेशक हैं.

प्रतिबंधित हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति
अधिकारी ने कहा कि एनआईए की जांच में पता चला है कि संगतम की ओर से बिहार के एक हथियार डीलर के माध्यम से नक्सली गिरोह तृतीय प्रस्तुति समिति (टीपीसी) के फरार जोनल कमांडर भीखान गंझू को भारी मात्रा में अत्याधुनिक प्रतिबंधित हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति की गई थी. अधिकारी ने कहा कि खोजों के दौरान, मौद्रिक लेनदेन से संबंधित कई गुप्त दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है.

दरअसल, पिछले साल 7 फरवरी को पूर्णिया पुलिस ने एक एसयूवी कार से बड़े पैमाने पर हथियार बरामद किए थे. इस कार्रवाई में तीन लोग पुलिस के हत्थे चढ़े थे, जिसमें सूरज प्रसाद, वी. काहोरगम और क्लियरसन काबो शामिल थे. गाड़ी में से जब ग्रेनेड लॉन्चर, एके-47 राइफल और 1800 कारतूस मिले तो सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए थे.

सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर
एनआईए ने 28 फरवरी, 2019 को भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था. एनआईए ने मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद चार लोगों की गिरफ्तारी की. जिसमें त्रिपुरारी सिंह, मुकेश सिंह, निंगखान संगतम और संतोष सिंह शामिल हैं. इसके साथ ही सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है.

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