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पूर्णिया के दिव्यांग गोलू की मैट्रिक परीक्षा में सफलता से इलाके में हर्ष, IAS बनने का है सपना

सुनने और बोलने में असमर्थ दिव्यांग गोलू कुमार साह को मैट्रिक की परीक्षा में 231 अंक मिले हैं. वो एक राज्यस्तरीय एथलेटिक्स खिलाड़ी भी है. उसकी इस प्रतिभा को देखकर आज उसकी पूरे जिले में चर्चा हो रही है.

गोलू
गोलू
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Published : May 29, 2020, 12:04 PM IST

पूर्णिया: मन में उड़ान का हौसला हो, तो कोई भी बाधा इंसान को रोक नहीं सकता है. जिले में एक दिव्यांग ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. सुनने और बोलने में असमर्थ दिव्यांग गोलू कुमार साह ने मैट्रिक परीक्षा में अपनी सफलता का परचम लहराया है. उसकी इस काबिले तारीफ योग्यता की पूरे जिले में चर्चा हो रही है.

शहर के लाइन बाजार रोड स्थित शिव मंदिर इलाके में रहने वाले गोलू को मैट्रिक की परीक्षा में कुल 231 अंक प्राप्त हुए हैं. गोलू की ये सफलता कई मायनों में खास मानी जा रही है. दरअसल गोलू महज शारीरिक रूप से ही दिव्यांग नहीं बल्कि वो आर्थिक रूप से भी बेहद गरीब परिवार से है. उसका पूरा परिवार एक किराए के मकान पर रहता है. इसके बावजूद गोलू ने इन समस्याओं को पढ़ाई में बाधा नहीं बनने दिया.

गोलू को मिला एथलेटिक्स प्रमाण पत्र
गोलू को मिला एथलेटिक्स प्रमाण पत्र

'गोलू ने कभी हिम्मत नहीं हारी'
गोलू के पिता संजय कुमार साह ने बताया कि गोलू बचपन से ही बोलने और सुनने में असमर्थ है. इससे गोलू को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उसकी इस प्राकृतिक कमजोरी पर स्कूल में बच्चे मजाक भी बनाते थे. 9वीं कक्षा में इसकी साइकिल तक की चोरी हो गई. इन सबके बावजूद इसने कभी हिम्मत नहीं हारी. घर पर ही बैठकर घंटों खुद से पढ़ाई करता था. इसका ही परिणाम है कि गोलू आज अच्छे अंकों के साथ मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली. उसके पिता कहते हैं कि गोलू बड़ा होकर आईएएस बनना चाहता है. उसने इसके लिए अभी से ही तैयारी भी शुरू कर दी है.

गोलू के पिता संजय कुमार साह
गोलू के पिता संजय कुमार साह

'एक दिन निश्चित ही आईएएस बनेगा'
संजय कहते हैं कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनका बेटा एक दिन निश्चित यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में भी सफलता प्राप्त करेगा. वहीं, गोलू शिक्षा के साथ-साथ ही खेल में भी बहुत आगे है. जिला स्तर पर कई बार चक्का फेक स्पर्धा में अपना परचम लहरा चुका है. उसका चयन राज्यस्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भी हुआ. वहां भी वो राज्यभर से आए दिव्यांग बच्चों में चक्का फेंक स्पर्धा में प्रथम स्थान प्राप्त किया. गोलू राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खेल में अपना नाम रौशन करना चाहता है.

पेश है रिपोर्ट

प्रशासन से मदद की लगाई गुहार
वहीं, गोलू के इस जज्बे की आज हर कोई तारीफ कर रहा है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर कई प्रशासनिक अधिकारियों ने गोलू को शुभकामना दी और मदद का आश्वासन भी दिया. गोलू की मेहनत और हौसले को जिले में मिसाल के तौर पर पेश किया जा रहा है. गोलू के पिता ने सरकार और जिला प्रशासन से उसकी आगे की पढ़ाई सहित एथलेटिक्स के क्षेत्र में बेहतर करने के लिए मदद की गुहार लगाई है.

पूर्णिया: मन में उड़ान का हौसला हो, तो कोई भी बाधा इंसान को रोक नहीं सकता है. जिले में एक दिव्यांग ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. सुनने और बोलने में असमर्थ दिव्यांग गोलू कुमार साह ने मैट्रिक परीक्षा में अपनी सफलता का परचम लहराया है. उसकी इस काबिले तारीफ योग्यता की पूरे जिले में चर्चा हो रही है.

शहर के लाइन बाजार रोड स्थित शिव मंदिर इलाके में रहने वाले गोलू को मैट्रिक की परीक्षा में कुल 231 अंक प्राप्त हुए हैं. गोलू की ये सफलता कई मायनों में खास मानी जा रही है. दरअसल गोलू महज शारीरिक रूप से ही दिव्यांग नहीं बल्कि वो आर्थिक रूप से भी बेहद गरीब परिवार से है. उसका पूरा परिवार एक किराए के मकान पर रहता है. इसके बावजूद गोलू ने इन समस्याओं को पढ़ाई में बाधा नहीं बनने दिया.

गोलू को मिला एथलेटिक्स प्रमाण पत्र
गोलू को मिला एथलेटिक्स प्रमाण पत्र

'गोलू ने कभी हिम्मत नहीं हारी'
गोलू के पिता संजय कुमार साह ने बताया कि गोलू बचपन से ही बोलने और सुनने में असमर्थ है. इससे गोलू को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उसकी इस प्राकृतिक कमजोरी पर स्कूल में बच्चे मजाक भी बनाते थे. 9वीं कक्षा में इसकी साइकिल तक की चोरी हो गई. इन सबके बावजूद इसने कभी हिम्मत नहीं हारी. घर पर ही बैठकर घंटों खुद से पढ़ाई करता था. इसका ही परिणाम है कि गोलू आज अच्छे अंकों के साथ मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली. उसके पिता कहते हैं कि गोलू बड़ा होकर आईएएस बनना चाहता है. उसने इसके लिए अभी से ही तैयारी भी शुरू कर दी है.

गोलू के पिता संजय कुमार साह
गोलू के पिता संजय कुमार साह

'एक दिन निश्चित ही आईएएस बनेगा'
संजय कहते हैं कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनका बेटा एक दिन निश्चित यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में भी सफलता प्राप्त करेगा. वहीं, गोलू शिक्षा के साथ-साथ ही खेल में भी बहुत आगे है. जिला स्तर पर कई बार चक्का फेक स्पर्धा में अपना परचम लहरा चुका है. उसका चयन राज्यस्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भी हुआ. वहां भी वो राज्यभर से आए दिव्यांग बच्चों में चक्का फेंक स्पर्धा में प्रथम स्थान प्राप्त किया. गोलू राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खेल में अपना नाम रौशन करना चाहता है.

पेश है रिपोर्ट

प्रशासन से मदद की लगाई गुहार
वहीं, गोलू के इस जज्बे की आज हर कोई तारीफ कर रहा है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर कई प्रशासनिक अधिकारियों ने गोलू को शुभकामना दी और मदद का आश्वासन भी दिया. गोलू की मेहनत और हौसले को जिले में मिसाल के तौर पर पेश किया जा रहा है. गोलू के पिता ने सरकार और जिला प्रशासन से उसकी आगे की पढ़ाई सहित एथलेटिक्स के क्षेत्र में बेहतर करने के लिए मदद की गुहार लगाई है.

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