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साइबर ठगों ने उप निर्वाचन पदाधिकारी से की 1 लाख की ठगी, आयुक्त के नाम पर मांगा था गिफ्ट कार्ड

पूर्णिया में साइबर ठग ने पूर्णिया आयुक्त की फर्जी व्हाट्सएप आईडी बनाकर इलेक्शन ऑफिसर से 1 लाख रुपए ठग लिए. साइबर ठग ने दोबारा 3 लाख रुपए और ठगने की कोशिश की लेकिन तब तक ऑफिसर को समझ आ गया था कि उसके साथ ठगी हुई है.

पूर्णियां आयुक्त की फर्जी व्हाट्सएप आईडी
पूर्णियां आयुक्त की फर्जी व्हाट्सएप आईडी
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Published : Sep 25, 2022, 8:02 PM IST

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया जिले से ठगी (cyber fraud in purnea) का मामला सामने आया है, जहां पूर्णिया आयुक्त की फर्जी व्हाट्सएप आईडी (Hacker duped election officer by creating fake ID on WhatsApp) बनाकर ठगों ने इलेक्शन ऑफिसर से 1 लाख रूपए ठग लिए. घटना के प्रकाश में आने के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए केहाट थाना पूर्णिया ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है. साथ ही सभी से अपील है कि इस प्रकार की ठगी का मैसेज प्राप्त होने पर तत्काल पुलिस से संपर्क करें. गौरतलब है कि तेजी से बढ़ते डिजिटल युग में अपराधी भी शातिर हो गए है. जिसके कारण वो लगातार ठगी के नए नए तरीके अपनाते रहते हैं.

ये भी पढ़ें- बिहार में साइबर फ्रॉड के मामले 20 गुना बढ़े, एक्सपर्ट से जानिए बचने के उपाय

फर्जी व्हाट्सएप आईडी बनाकर इलेक्शन ऑफिसर ठगा: पुलिस द्वारा प्राप्त जानकारी के मुताबिक हैकर ने पूर्णिया आयुक्त (Hacker duped Purnea election officer ) गोरखनाथ के नाम से व्हाट्सएप पर फर्जी आईडी बनाकर पूर्णिया के इलेक्शन श्रीनिवास से 1 लाख रूपए की ठगी कर ली. अपराधियों ने मोबाइल नंबर 9356056267 से मैसेज कर आयुक्त को ठगी का शिकार बनाया. अपराधी इतने शातिर थे कि उन्होने अपने व्हाट्सएप प्रोफाइल में प्रमंडलीय आयुक्त की तस्वीर लगा रखी थी. जिससे उन्हें लगा कि प्रमंडलीय आयुक्त उन्हें निजी नंबर से मैसेज किया है.

दस-दस हजार के गिफ्ट कार्ड के रूप में ठगी: अपराधियों ने उप निर्वाचन पदाधिकारी से मैसेज कर अमेजन के दस-दस हजार के दस कार्ड भेजने का निर्देश था और शाम में रुपये देने की बात कही गई थी. मैसेज में यह भी बताया गया था कि प्रमंडलीय आयुक्त अभी व्यस्त हैं, इसलिए तत्काल ऐसा कर दें. इस पर उन्होंने खुद से प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हुए. बाद में उन्होंने अपनी बेटी को कार्ड भेज देने को कहा. इस पर उसी नंबर से एक लिंक भी भेजा गया था.

शक के बाद की शिकायत: एक लाख रूपए की ठगी के बाद अपराधियों ने दोबारा उप निर्वाचन पदाधिकारी को मैसेज कर फिर से दस-दस हजार के तीस और कार्ड की मांग की. जिसके बाद उन्हें शक हो गया और उन्होंने प्रमंडलीय आयुक्त को फोन कर इस बाबत बात की. मामला समझते ही प्रमंडलीय आयुक्त ने साइबर अपराधियों द्वारा ठगी कर लेने की बात बताई. साथ ही उन्होंने तत्काल पुलिस के वरीय अधिकारियों से बात की. उप निर्वाचन पदाधिकारी ठगी को लेकर प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है. हालांकि इस मामले के संज्ञान में आने के बाद अब सवाल भी खड़े होने लगे हैं कि बगैर किसी वजह के इलेक्शन ऑफिसर ने आखिर क्यों इतनी बड़ी रकम आयुक्त के खाते पर व्हाट्सएप के माध्यम से डाली

ये भी पढ़ें- बिहार के पूर्व DIG से की थी लाखों की ठगी.. 3 दिन के अंदर 5 गिरफ्तार

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया जिले से ठगी (cyber fraud in purnea) का मामला सामने आया है, जहां पूर्णिया आयुक्त की फर्जी व्हाट्सएप आईडी (Hacker duped election officer by creating fake ID on WhatsApp) बनाकर ठगों ने इलेक्शन ऑफिसर से 1 लाख रूपए ठग लिए. घटना के प्रकाश में आने के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए केहाट थाना पूर्णिया ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है. साथ ही सभी से अपील है कि इस प्रकार की ठगी का मैसेज प्राप्त होने पर तत्काल पुलिस से संपर्क करें. गौरतलब है कि तेजी से बढ़ते डिजिटल युग में अपराधी भी शातिर हो गए है. जिसके कारण वो लगातार ठगी के नए नए तरीके अपनाते रहते हैं.

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फर्जी व्हाट्सएप आईडी बनाकर इलेक्शन ऑफिसर ठगा: पुलिस द्वारा प्राप्त जानकारी के मुताबिक हैकर ने पूर्णिया आयुक्त (Hacker duped Purnea election officer ) गोरखनाथ के नाम से व्हाट्सएप पर फर्जी आईडी बनाकर पूर्णिया के इलेक्शन श्रीनिवास से 1 लाख रूपए की ठगी कर ली. अपराधियों ने मोबाइल नंबर 9356056267 से मैसेज कर आयुक्त को ठगी का शिकार बनाया. अपराधी इतने शातिर थे कि उन्होने अपने व्हाट्सएप प्रोफाइल में प्रमंडलीय आयुक्त की तस्वीर लगा रखी थी. जिससे उन्हें लगा कि प्रमंडलीय आयुक्त उन्हें निजी नंबर से मैसेज किया है.

दस-दस हजार के गिफ्ट कार्ड के रूप में ठगी: अपराधियों ने उप निर्वाचन पदाधिकारी से मैसेज कर अमेजन के दस-दस हजार के दस कार्ड भेजने का निर्देश था और शाम में रुपये देने की बात कही गई थी. मैसेज में यह भी बताया गया था कि प्रमंडलीय आयुक्त अभी व्यस्त हैं, इसलिए तत्काल ऐसा कर दें. इस पर उन्होंने खुद से प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हुए. बाद में उन्होंने अपनी बेटी को कार्ड भेज देने को कहा. इस पर उसी नंबर से एक लिंक भी भेजा गया था.

शक के बाद की शिकायत: एक लाख रूपए की ठगी के बाद अपराधियों ने दोबारा उप निर्वाचन पदाधिकारी को मैसेज कर फिर से दस-दस हजार के तीस और कार्ड की मांग की. जिसके बाद उन्हें शक हो गया और उन्होंने प्रमंडलीय आयुक्त को फोन कर इस बाबत बात की. मामला समझते ही प्रमंडलीय आयुक्त ने साइबर अपराधियों द्वारा ठगी कर लेने की बात बताई. साथ ही उन्होंने तत्काल पुलिस के वरीय अधिकारियों से बात की. उप निर्वाचन पदाधिकारी ठगी को लेकर प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है. हालांकि इस मामले के संज्ञान में आने के बाद अब सवाल भी खड़े होने लगे हैं कि बगैर किसी वजह के इलेक्शन ऑफिसर ने आखिर क्यों इतनी बड़ी रकम आयुक्त के खाते पर व्हाट्सएप के माध्यम से डाली

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