पूर्णियाः जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने एक अनूठी पहल की शुरुआत की है. सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के ज्ञानवर्धन के लिए 'अभियान किताब दान' चलाया जा रहा है. इसके तहत लोगों से नई या पुरानी किताबें दान देने की अपील की गई है. जिससे छात्र अब आर्थिक परेशानी की वजह से किताबें पढ़ने से वंचित नहीं रहेंगे.
2300 विद्यालयों में खोले जाएंगे पुस्तकालय
अभियान किताब दान का असल मकसद वंचित वर्ग के बच्चों को ज्ञानवर्धक पुस्तकें उपलब्ध कराना है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में जिला शिक्षा पदाधिकारी श्याम बाबू राम ने बताया कि इसके तहत तकरीबन 2300 विद्यालयों में पुस्तकालय खोले जाएंगे. यहां बच्चों के पढ़ने के लिए सिलेबस की किताबों के अलावा साहित्य, संस्कृति, तकनीक, विज्ञान, महापुरुषों की जीवनी, प्रेरणादायक पुस्तकों से जुड़ी दान की गई किताबें उपलब्ध रहेंगी.
2 लाख 60 पुस्तकों का रखा गया लक्ष्य
विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सरकारी और प्राइवेट शैक्षणिक संस्थानों को मिलाकर जिले भर में तकरीबन 2600 विद्यालय हैं. इस अनूठे अभियान के तहत हर विद्यालय प्रधान से 6 किताब दान करने की अपील की गई है. 31 मार्च तक कुल 2 लाख 60 पुस्तकों के संग्रह का लक्ष्य रखा गया है.
डीपीओ को किताब संग्रह की जिम्मेदारी
नोडल विभाग के तौर पर शिक्षा विभाग के डीपीओ को किताब संग्रह की जिम्मेदारी दी गई है. इसके लिए ब्लॉक के साथ संकुल लेवल पर भी एक कमेटी बनाई गई है. स्कूली बच्चे इन पुस्तकों को रिकॉर्ड रजिस्टर में अपना नाम दर्ज कराकर घर ले जा सकेंगे. जिसे एक तय तारीख पर पढ़कर लौटना होगा.
500 किताबों का संग्रह
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि पुस्तकालय के लिए प्राइमरी स्कूलों में 5,000 मिडिल स्कूलों में 10,000 रुपए की राशि आवंटित की जाएगी. वहीं अभियान के शुरुआती सप्ताह में ही तकरीबन 500 किताबें संग्रह कर ली गई हैं. डीएम राहुल कुमार ने अभियान की शुरुआत करते हुए अपनी हस्ताक्षर की हुई 57 किताबें दान दी.