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पूर्णिया के 2 लाख किसानों को मिलेगा ग्राम ज्योति योजना का लाभ, अब कम दाम में होगी सिंचाई - ातामूीगमगूब गल वगपोी

सरकार ने पंडित दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत जिले के दो लाख किसानों के खेतों तक 75 पैसे यूनिट की दर से बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.

खेतों में बिजली का खंबा लगाते कर्मचारी
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Published : Jun 19, 2019, 6:28 PM IST

पूर्णिया: बिहार के किसानों को जल्द ही डीजल की परेशानी से निजात मिलने वाली है. दरअसल अब सरकार ने किसानों के खेतों तक बिजली पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है. अब ऐसे में कम दाम में सिंचाई से किसानों को फसल से अच्छा फायदा हो सकता है.

सरकार ने पंडित दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत जिले के दो लाख किसानों के खेतों तक 75 पैसे यूनिट की दर से बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. इसी क्रम में जिले के सभी 7 प्रखंडों में ग्राम ज्योति योजना का काम जारी है. इनमें कबैया, बरबना, चांदी, मरंगा, अमौर, भवानीपुर, बी कोठी, बायसी, धमदाहा, जलालगढ़, श्री नगर, डगरुआ, कसबा को मिलाकर कुल 30 नाम शामिल हैं.

किसानों से बातचीत करते संवाददाता

किसानों के खेत बिजली से होंगे रौशन
बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता के मुताबिक इस योजना के तहत जिले भर के तकरीबन 2 लाख किसानों के खेत रौशन होंगें. दो महीने के भीतर हर हाल में अन्नदाताओं के खेतों तक 50 फीसद सब्सिडी संयंत्रों के साथ बिजली दौड़ाए जाने के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं.

अलग से लग रहे बिजली संयंत्र
बिजली विभाग के अभियंता ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि किसानों के घरों तक गए पुराने बिजली कनेक्शन के बजाए किसानों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत बेरोकटोक व निर्बाध बिजली मिलती रहे. इसके लिए अलग से बिजली संबंधी संयंत्र लगाए जा रहे हैं.

शिविर लगाकर कनेक्शन बांटते कर्मी

किसानों की राय क्या है

वहीं इसे लेकर किसानों में भी खासा उत्साह का माहौल है. अब तक आये आवेदनों पर गौर करें तो जिले भर से इन 5 दिनों के भीतर ही 10,000 अन्नदाताओं के आवेदन मिलें हैं. किसानों का मानना है कि जहां पंपसेट से पटवन पर घण्टे के हिसाब से 100 रुपये तक का बोझ आता है. यदि बिजली से पटवन हो तो यही खर्च घण्टे के हिसाब से महज 75 पैसे यूनिट आएगा.
किसानों के अनुसार 1 बीघा खेत के पटवन में 4-5 घंटे लग जाते हैं. ऐसे में किसानों पर 500 रुपये तक को बोझ चला जाता है. लिहाजा अगर यही पटवन बिजली से हो तो 4-5 घंटे में यह खर्च 75 पैसे के हिसाब से 4 से पांच रूपये ही आयेगा. खेत की सिंचाई में कम लागत से किसानों का मुनाफा बढ़ेगा.

किसानों की राय

खेतों मे बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया क्या है
खेतों में बिजली कनेक्शन लेने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन की सुविधा है. ऑनलाइन आवेदन के लिए किसानों को www.nbpdcl.co.in पर जाकर आवेदन करना होगा. वहीं ऑफलाइन मोड में प्रत्येक बुधवार को सभी जिले के सभी प्रखंड स्थित ब्लॉक में इसके लिए एक विशेष शिविर लगाया जा रहा है. यहां आप बगैर किसी शुल्क के आवेदन कर सकेंगे. इस आवेदन के लिए आपको अपना कोई एक पहचान पत्र जिसमें आवास प्रमाण पत्र अंकित हो. ले जाना होगा. साथ ही जमीन से जुड़े कागजात की प्रतिलिपि साथ लेकर जाना होगा.

किसानों को सता रहा बिजली का डर

वहीं जिले के किसानों के चेहरे पर बिजली सप्लाई की शिकन साफ दिख रही है. अभी भी इन्हें इस बात का विश्वास नहीं हो रहा कि जो बिजली गांवों में महज 7-8 घंटे ही रहती है. तो क्या इस योजना में 20 से 22 घंटे बिजली की सप्लाई मिल पाएगी.

पूर्णिया से आकाश की रिपोर्ट

बिजली पंपिंग सेट के अनगिनत फायदे

  • बिजली आधारित पंप सेट से से पटवन के खर्च में 5 या 10 फीसदी ही खर्च पड़ेगा.
  • डीजल से अगर 100 रुपये का बोझ किसानों की जेब पर पड़ता है. तो बिजली आधारित सिंचाई से महज 5-10 रुपये का मामूली खर्च आएगा.
  • इस्तेमाल की गई बिजली की प्रति यूनिट दर महज 75 पैसे ही होगी.
  • बिजली आधारित पंपसेट से किसानों की जेबों के बोझ तो हल्के होंगे ही साथ ही समय भी बचेगा.
  • आवेदन के समय कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा.
  • खेतों में लगने वाले खंबे, तार और संयंत्रों के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा.
  • सिर्फ मोटर और कुछ महत्वपूर्ण संयंत्रों के रुपये आपसे लिए जाएंगे.
  • 26 जून तक आवेदन करने वालों को रियायत मिलेगी.
  • 50 फीसदी सब्सिडी के साथ ही 10 समान किस्त में बगैर किसी ब्याज के रुपयों का भुगतान कर सकेंगे.
  • पटवन के खर्च में 10 फीसदी की कमी का बोझ लोगों की जेबों पर पड़ने वाले बोझ को भी कम करेगा.
  • फल, सब्जियां सस्ती होंगी.

पूर्णिया: बिहार के किसानों को जल्द ही डीजल की परेशानी से निजात मिलने वाली है. दरअसल अब सरकार ने किसानों के खेतों तक बिजली पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है. अब ऐसे में कम दाम में सिंचाई से किसानों को फसल से अच्छा फायदा हो सकता है.

सरकार ने पंडित दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत जिले के दो लाख किसानों के खेतों तक 75 पैसे यूनिट की दर से बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. इसी क्रम में जिले के सभी 7 प्रखंडों में ग्राम ज्योति योजना का काम जारी है. इनमें कबैया, बरबना, चांदी, मरंगा, अमौर, भवानीपुर, बी कोठी, बायसी, धमदाहा, जलालगढ़, श्री नगर, डगरुआ, कसबा को मिलाकर कुल 30 नाम शामिल हैं.

किसानों से बातचीत करते संवाददाता

किसानों के खेत बिजली से होंगे रौशन
बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता के मुताबिक इस योजना के तहत जिले भर के तकरीबन 2 लाख किसानों के खेत रौशन होंगें. दो महीने के भीतर हर हाल में अन्नदाताओं के खेतों तक 50 फीसद सब्सिडी संयंत्रों के साथ बिजली दौड़ाए जाने के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं.

अलग से लग रहे बिजली संयंत्र
बिजली विभाग के अभियंता ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि किसानों के घरों तक गए पुराने बिजली कनेक्शन के बजाए किसानों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत बेरोकटोक व निर्बाध बिजली मिलती रहे. इसके लिए अलग से बिजली संबंधी संयंत्र लगाए जा रहे हैं.

शिविर लगाकर कनेक्शन बांटते कर्मी

किसानों की राय क्या है

वहीं इसे लेकर किसानों में भी खासा उत्साह का माहौल है. अब तक आये आवेदनों पर गौर करें तो जिले भर से इन 5 दिनों के भीतर ही 10,000 अन्नदाताओं के आवेदन मिलें हैं. किसानों का मानना है कि जहां पंपसेट से पटवन पर घण्टे के हिसाब से 100 रुपये तक का बोझ आता है. यदि बिजली से पटवन हो तो यही खर्च घण्टे के हिसाब से महज 75 पैसे यूनिट आएगा.
किसानों के अनुसार 1 बीघा खेत के पटवन में 4-5 घंटे लग जाते हैं. ऐसे में किसानों पर 500 रुपये तक को बोझ चला जाता है. लिहाजा अगर यही पटवन बिजली से हो तो 4-5 घंटे में यह खर्च 75 पैसे के हिसाब से 4 से पांच रूपये ही आयेगा. खेत की सिंचाई में कम लागत से किसानों का मुनाफा बढ़ेगा.

किसानों की राय

खेतों मे बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया क्या है
खेतों में बिजली कनेक्शन लेने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन की सुविधा है. ऑनलाइन आवेदन के लिए किसानों को www.nbpdcl.co.in पर जाकर आवेदन करना होगा. वहीं ऑफलाइन मोड में प्रत्येक बुधवार को सभी जिले के सभी प्रखंड स्थित ब्लॉक में इसके लिए एक विशेष शिविर लगाया जा रहा है. यहां आप बगैर किसी शुल्क के आवेदन कर सकेंगे. इस आवेदन के लिए आपको अपना कोई एक पहचान पत्र जिसमें आवास प्रमाण पत्र अंकित हो. ले जाना होगा. साथ ही जमीन से जुड़े कागजात की प्रतिलिपि साथ लेकर जाना होगा.

किसानों को सता रहा बिजली का डर

वहीं जिले के किसानों के चेहरे पर बिजली सप्लाई की शिकन साफ दिख रही है. अभी भी इन्हें इस बात का विश्वास नहीं हो रहा कि जो बिजली गांवों में महज 7-8 घंटे ही रहती है. तो क्या इस योजना में 20 से 22 घंटे बिजली की सप्लाई मिल पाएगी.

पूर्णिया से आकाश की रिपोर्ट

बिजली पंपिंग सेट के अनगिनत फायदे

  • बिजली आधारित पंप सेट से से पटवन के खर्च में 5 या 10 फीसदी ही खर्च पड़ेगा.
  • डीजल से अगर 100 रुपये का बोझ किसानों की जेब पर पड़ता है. तो बिजली आधारित सिंचाई से महज 5-10 रुपये का मामूली खर्च आएगा.
  • इस्तेमाल की गई बिजली की प्रति यूनिट दर महज 75 पैसे ही होगी.
  • बिजली आधारित पंपसेट से किसानों की जेबों के बोझ तो हल्के होंगे ही साथ ही समय भी बचेगा.
  • आवेदन के समय कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा.
  • खेतों में लगने वाले खंबे, तार और संयंत्रों के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा.
  • सिर्फ मोटर और कुछ महत्वपूर्ण संयंत्रों के रुपये आपसे लिए जाएंगे.
  • 26 जून तक आवेदन करने वालों को रियायत मिलेगी.
  • 50 फीसदी सब्सिडी के साथ ही 10 समान किस्त में बगैर किसी ब्याज के रुपयों का भुगतान कर सकेंगे.
  • पटवन के खर्च में 10 फीसदी की कमी का बोझ लोगों की जेबों पर पड़ने वाले बोझ को भी कम करेगा.
  • फल, सब्जियां सस्ती होंगी.
Intro:आकाश कुमार (पूर्णिया)

exclusive and ground report ।


आज देश अपने अच्छे दिनों में हो या न हो मगर बेशक देश के अन्नदाताओं के अच्छे दिन आने वाले हैं। बेहद जल्द किसानों को महंगे डीजल के पचड़े से निजात मिलने वाली है। सूबे के किसानों को ज्यादा उपज के साथ कम समय में ज्यादा मुनाफा हो। लिहाजा इसके लिए सरकार ने किसानों के खेतों तक बिजली पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है। वहीं पटवन के खर्च में मिलने वाली राहत किसानों के साथ ही मिडिल क्लास व गरीब तबकों को भी होगा ।



flag intro:

बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता नटवरलाल की मानें तो इनके मुताबिक पंडित दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत जिले भर के तकरीबन 2 लाख किसानों के खेतों तक महज 75 पैसे यूनिट की दर से बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।




Body:पेश है पूर्णिया से देश के अन्नदाताओं को समर्पित एक खास रिपोर्ट-

जान लें बिजली पंप सेट के अनगिनत फायदे...

1.) दरअसल बिजली विभाग व कृषि विभाग के अधिकारियों के तजुर्बे कहते हैं कि बिजली आधारित पंप सेट से अब तक किये जा रहे सिंचाई का औसत खर्च डीजल आधारित पंप सेट के बनिस्पत 5- 10 फीसद ही आता है।

2.)मसलन डीजल से अगर 100 रुपये का बोझ किसानों के जेब पर पड़ता है। तो बिजली आधारित सिंचाई से महज 5-10 रुपये का मामूली खर्च आएगा।

3.) इस्तेमाल की गई बिजली की प्रति यूनिट दर महज 75 पैसे ही होगी।

4) बिजली आधारित पंपसेट से किसानों की जेबों के बोझ तो हल्के होंगे ही साथ ही एक से डेढ़ घण्टें वक़्त की बचत भी होगी। इसकी के साथ हर दफे भारी -भरकम मशीनों को चलाना नहीं होगा।

5) नल कूप के समीप विधुत संरचना उपलब्ध होने पर महज 7 दिनों के भीतर वहीं विधुत संरचना नहीं होने पर बिजली विभाग खुद संरचना का निर्माण मामूली खर्च पर उपलब्ध कराएगी।

6) आवेदन के समय कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। वहीं आपके खेतों में लगने वाले खंभे ,तार व संयंत्रों के लिए कोई शुल्क उपलब्ध नहीं देना होगा। महज मोटर व कुछ महत्वपूर्ण संयंत्रों के रुपये आपसे लिए जाएंगे। 26 जून तक आवेदन करने वाले 50 फीसदी सब्सिडी के साथ ही 10 समान क़िस्त में बगैर किसी सूद के रुपयों की भुगतान कर सकेंगे।

7.) पटवन के खर्च का एक बड़ा फायदा किसानों के साथ ही सूबे के मीडिल क्लास व गरीब तबकों को मिलेगा। पटवन के खर्च में 10 फीसदी की कमी का बोझ लोगों के जेबों पर पड़ने वाले बोझ को भी कम करेगा। फल सब्जियों से लेकर बाकी चीजें सस्ती होंगी।


2 माह में 2 लाख किसानों के खेत बिजली से होंगे रौशन...

वहीं बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता नटवर लाल के मुताबिक इस योजना के तहत जिले भर के तकरीबन 2 लाख किसानों के खेत रौशन होंगें। इसके तहत किसानों तक महज 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से यह लाभ पहुंचाया जाना है। वहीं दो माह के भीतर हर हाल में अन्नदाताओं के खेतों तक 50 फीसद सब्सिडी संयंत्रों के साथ बिजली दौड़ाए जाने के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।


बेरोकटोक बिजली के लिए अलग से लग रहे बिजली कनेक्शन..


वहीं बिजली विभाग के अभियंता मनोज कुमार ने ईटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि किसानों के घरों तक गए पुराने बिजली कनेक्शन के बजाए किसानों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत बेरोकटोक व निर्बाध बिजली मिलती रहे इसके लिए अलग से बिजली संबंधी संयंत्र लगाए जा रहे हैं। इसे लेकर किसानों में भी खासा उत्साह का माहौल है। अब तक आये आवेदनों पर गौर करें तो जिले भर से इन 5 दिनों के भीतर ही 10000 अन्नदाताओं के आवेदन मिलें हैं।


ग्राउंड जीरो पर पहुंचा ईटीवी....

लक्ष्य बड़ा व वक़्त बेहद कम है। लिहाजा बिजली विभाग की ओर से जिले के सभी 7 प्रखंडों के जिन पंचायतों में ग्राम ज्योति योजना का काम जारी है। इनमें कबैया ,बरबना ,चांदी ,मरंगा
,अमौर ,भवानीपुर ,बी कोठी ,बायसी ,के नगर ,धमदाहा , जलालगढ़ ,श्री नगर ,डगरुआ ,कसबा को मिलाकर कुल 30 नाम शामिल हैं। वहीं कामकाज की जमीनी हकीकत जानने ईटीवी भारत खुद ग्राउंड जीरो कबैया पंचायत पहुंचा। जहां रवि रौशन
व हैदराबाद से आये साइट इंजीनियरों के सीधे देख-रेख में किसानों के खेतों तक विधुत संयंत्र लगाये जाने का काम जोरों पर दिखा।



क्या है देश के अन्नदाता की राय...


वहीं सरकार की इस योजना को लेकर किसानों के तजुर्बे भी मेल खाते हैं। ईटीवी भारत ने इसे लेकर आधा दर्जन किसानों से बात की -

पूर्णिया पूर्व के दो किसान किसान योगेश पोद्दार व महेंद्र प्रसाद मेहता के तजुर्बे कहते हैं जहां पंपसेट से पटवन पर घण्टे के हिसाब से 100 रुपये तक का बोझ आता है। यदि बिजली से पटवन हो तो यही खर्च घण्टें के हिसाब से महज 75 पैसे यूनिट आएगा। ये बताते हैं कि इस वक़्त 1 बीघा खेत के पटवन में 4-5 घण्टें लग जाते हैं। जिसके मशीन पटवन का बोझ किसानों पर 500 रुपये तक चला जाता है। लिहाजा अगर यही पटवन बिजली से हो तो 4-5 घण्टें में यह खर्च 75 पैसे ×5 यानी 4 रुपये ही आता है। ।


वहीं जिले के कबैया पंचायत में रहने वाले दिलीप कुमार सिंह व ऐसे ही दर्जनों किसानों की राय भी बाकी किसानों से काफी मिलती है। इनके मुताबिक एक एकड़ (3 बीघा 8 चटक )खेत की सिंचाई में 22-25 लीटर डीजल की खपत होती है। वहीं इस काम में किसानों के तकरीबन इतने ही घण्टें खप जाते हैं। लिहाजा इस हिसाब से एक लीटर डीजल का खर्च 100 रुपये है। तो इस दर से एक एकड़ खेत की सिंचाई में 1800-2000 रुपये का बोझ किसानों के सर पर आता है। वहीं बिजली आधारित पंप सेट के प्रयोग के बाद यह खर्च 20 रुपये से भी कम का होगा।


कैसे लें किसान भाई अपने खेतों में बिजली कनेक्शन...


खेतों में बिजली कनेक्शन लेने के लिए ऑनलाइन मोड़ के साथ ही ऑफलाइन मोड़ की भी सुविधा बिजली विभाग सूबे के किसानों दे रहा है। ऑनलाइन आवेदन के लिए किसानों को www.nbpdcl.co.in पर जाकर आवेदन करना होगा। वहीं ऑफलाइन मोड़ के तहत प्रत्येक बुधवार को सभी जिले के सभी प्रखंड स्थित ब्लॉक में इसके लिए एक विशेष शिविर लगाया जा रहा है। यहां आप बगैर किसी शुल्क के आवेदन कर सकेंगे।
इस आवेदन के लिए आपको अपना कोई एक पहचान पत्र जिसमें आवास प्रमाण पत्र अंकित हो। जमीन से जुड़े कागजात की प्रतिलिपि साथ लेकर जाना है।


किसानों को सता रहा भला किस बात का डर...

वहीं ईटीवी भारत से खास बातचीत में जिले के किसानों के चेहरे पर बिजली सप्लाई का शिकन साफ दिख रहा है। अभी भी इन्हें इस बात का विश्वास नहीं हो रहा कि जो बिजली गांवों में इस वक़्त महज 7-8 घण्टें ही हाजिरी लगा रही है। क्या उस दुलभ बिजली के 20-22 घण्टें दर्शन हो सकेंगे। क्योंकि एक एकड़ खेत की सिंचाई में 20 घण्टें का खर्च तो बेशक आएगा। फिर कैसे और किस हद तक बिजली महेकमा निर्बाध बिजली सप्लाई कर पाएगा।


बिजली विभाग के दावों में कितना दम?

हालांकि बिजली विभाग की ओर से यह साफ कहा गया है। कि खेतों में दौड़ाए जाने वाली बिजली गांव तक गयी बिजली से अलग होगा। इसके लिए अलग बिजली के खंभे लगाए जा रहे हैं । अलग तार कंनेक्शन और अलग ट्रांसफर होगा। बहरहाल यह देखना दिलचस्प होगा। कि बिजली विभाग के दावों में कितना दम है।


Conclusion:
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