पूर्णिया: बिहार के किसानों को जल्द ही डीजल की परेशानी से निजात मिलने वाली है. दरअसल अब सरकार ने किसानों के खेतों तक बिजली पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है. अब ऐसे में कम दाम में सिंचाई से किसानों को फसल से अच्छा फायदा हो सकता है.
सरकार ने पंडित दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत जिले के दो लाख किसानों के खेतों तक 75 पैसे यूनिट की दर से बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. इसी क्रम में जिले के सभी 7 प्रखंडों में ग्राम ज्योति योजना का काम जारी है. इनमें कबैया, बरबना, चांदी, मरंगा, अमौर, भवानीपुर, बी कोठी, बायसी, धमदाहा, जलालगढ़, श्री नगर, डगरुआ, कसबा को मिलाकर कुल 30 नाम शामिल हैं.
किसानों के खेत बिजली से होंगे रौशन
बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता के मुताबिक इस योजना के तहत जिले भर के तकरीबन 2 लाख किसानों के खेत रौशन होंगें. दो महीने के भीतर हर हाल में अन्नदाताओं के खेतों तक 50 फीसद सब्सिडी संयंत्रों के साथ बिजली दौड़ाए जाने के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं.
अलग से लग रहे बिजली संयंत्र
बिजली विभाग के अभियंता ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि किसानों के घरों तक गए पुराने बिजली कनेक्शन के बजाए किसानों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत बेरोकटोक व निर्बाध बिजली मिलती रहे. इसके लिए अलग से बिजली संबंधी संयंत्र लगाए जा रहे हैं.
किसानों की राय क्या है
वहीं इसे लेकर किसानों में भी खासा उत्साह का माहौल है. अब तक आये आवेदनों पर गौर करें तो जिले भर से इन 5 दिनों के भीतर ही 10,000 अन्नदाताओं के आवेदन मिलें हैं. किसानों का मानना है कि जहां पंपसेट से पटवन पर घण्टे के हिसाब से 100 रुपये तक का बोझ आता है. यदि बिजली से पटवन हो तो यही खर्च घण्टे के हिसाब से महज 75 पैसे यूनिट आएगा.
किसानों के अनुसार 1 बीघा खेत के पटवन में 4-5 घंटे लग जाते हैं. ऐसे में किसानों पर 500 रुपये तक को बोझ चला जाता है. लिहाजा अगर यही पटवन बिजली से हो तो 4-5 घंटे में यह खर्च 75 पैसे के हिसाब से 4 से पांच रूपये ही आयेगा. खेत की सिंचाई में कम लागत से किसानों का मुनाफा बढ़ेगा.
खेतों मे बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया क्या है
खेतों में बिजली कनेक्शन लेने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन की सुविधा है. ऑनलाइन आवेदन के लिए किसानों को www.nbpdcl.co.in पर जाकर आवेदन करना होगा. वहीं ऑफलाइन मोड में प्रत्येक बुधवार को सभी जिले के सभी प्रखंड स्थित ब्लॉक में इसके लिए एक विशेष शिविर लगाया जा रहा है. यहां आप बगैर किसी शुल्क के आवेदन कर सकेंगे. इस आवेदन के लिए आपको अपना कोई एक पहचान पत्र जिसमें आवास प्रमाण पत्र अंकित हो. ले जाना होगा. साथ ही जमीन से जुड़े कागजात की प्रतिलिपि साथ लेकर जाना होगा.
किसानों को सता रहा बिजली का डर
वहीं जिले के किसानों के चेहरे पर बिजली सप्लाई की शिकन साफ दिख रही है. अभी भी इन्हें इस बात का विश्वास नहीं हो रहा कि जो बिजली गांवों में महज 7-8 घंटे ही रहती है. तो क्या इस योजना में 20 से 22 घंटे बिजली की सप्लाई मिल पाएगी.
बिजली पंपिंग सेट के अनगिनत फायदे
- बिजली आधारित पंप सेट से से पटवन के खर्च में 5 या 10 फीसदी ही खर्च पड़ेगा.
- डीजल से अगर 100 रुपये का बोझ किसानों की जेब पर पड़ता है. तो बिजली आधारित सिंचाई से महज 5-10 रुपये का मामूली खर्च आएगा.
- इस्तेमाल की गई बिजली की प्रति यूनिट दर महज 75 पैसे ही होगी.
- बिजली आधारित पंपसेट से किसानों की जेबों के बोझ तो हल्के होंगे ही साथ ही समय भी बचेगा.
- आवेदन के समय कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा.
- खेतों में लगने वाले खंबे, तार और संयंत्रों के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा.
- सिर्फ मोटर और कुछ महत्वपूर्ण संयंत्रों के रुपये आपसे लिए जाएंगे.
- 26 जून तक आवेदन करने वालों को रियायत मिलेगी.
- 50 फीसदी सब्सिडी के साथ ही 10 समान किस्त में बगैर किसी ब्याज के रुपयों का भुगतान कर सकेंगे.
- पटवन के खर्च में 10 फीसदी की कमी का बोझ लोगों की जेबों पर पड़ने वाले बोझ को भी कम करेगा.
- फल, सब्जियां सस्ती होंगी.